जौनपुर- बदलापुर तहसील अंतर्गत महराजगंज थाना के सवंसा गांव निवासी पत्रकार संतोष कुमार की पत्नी रेशमा ने दिनांक 21.08 .2021 को डीएम मनीष कुमार वर्मा को लिखित रूप से प्रार्थना पत्र देकर आरोप लगाया था कि उनके पति पर यादवेंद्र प्रताप सिंह पुत्र भानु प्रताप सिंह ने दिनांक 26 जून 2021 को जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए जानलेवा हमला किया था जिसमें पति का दोनों पैर टूट गया था। आरोपित के खिलाफ विभिन्न धाराओं- 120/ 2021 धारा 147 ,392, 325, 323, 504, 506, 427 तथा एससी एसटी एक्ट के तहत मुकदमा पंजीकृत हुआ था किंतु 17 अगस्त 2021 को मुकदमा दर्ज होने के 13 दिन के बाद भी कोई गिरफ्तारी नहीं हुई जिससे मजबूर होकर पीड़ित तथा उसके परिवार को जिलाधिकारी कार्यालय के सामने आमरण अनशन पर बैठने को विवश होना पड़ा । पीड़ित पत्रकार संतोष कुमार अपने परिवार सहित 20 अगस्त से कलेक्ट्रेट परिसर में आमरण अनशन पर हैं लेकिन 10 दिन से डीएम द्वारा कोई सुनवाई नहीं की जा रही है। पीड़िता द्वारा आरोप लगाया गया है कि थाना अध्यक्ष महाराजगंज व क्षेत्राधिकारी बदलापुर की मिलीभगत से ही ऐसी घटना को अंजाम दिया गया। दिए गए शिकायती पत्र में आरोप लगाया गया है कि दिनांक 20 अगस्त को आते जाते समय सार्वजनिक रास्ता बंद करवा रहे थे और जब विरोध किया गया तो यादवेंद्र सिंह ने जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करते हुए अपने आदमियों विनोद पुत्र जंगाली, अर्जुन पुत्र राजन, अजय पुत्र मुरली, अंकित पुत्र विनोद, सौरभ पुत्र मनोज, महिला को बुरी तरह से मारे पीटे तथा विनोद पुत्र जंगाली,अजय तथा उपरोक्त लोगों ने महिला के साथ अश्लील हरकत करते हुए छेड़छाड़ किए और मोटरसाइकिल भी क्षतिग्रस्त कर दिए और घर में बंद करके बाहर से दरवाजे में ताला बंद कर दिए।चिंताजनक और अफसोस वाली बात यह है कि पूरी तरह से अपराध मुक्त करने की बात करने वाले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रदेश में देश के चतुर्थ स्तंभ को ढहाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है जो लोकतंत्र की सरेआम हत्या है। पुलिस विभाग के संबंधित अधिकारी कर्मचारी भी पत्रकार के मामले में उनके ऊपर फर्जी मुकदमे करके अपनी खुन्नस निकालते हुए द्वेष पूर्वक लोकतंत्र का गला घोटने का कार्य कर रहे हैं किंतु आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर 10 दिन से अधिक समय तक आमरण अनशन पर बैठने के बाद भी डीएम के कान में जूं तक नहीं रेंग रही है जो लोकतंत्र के लिए सबसे बड़ी चिंता की बात है। सीएम योगी का प्रशासन पत्रकारों की जब नहीं सुन रहा है तो आम जनता के साथ कैसा बर्ताव करता होगा जिसका अनुमान आप स्वयं लगा सकते हैं। योगी के शासनकाल में प्रशासन पूरी तरह से अंधा, गूंगा ,बहरा और इतना लाचार हो गया है कि सही गलत उचित अनुचित कुछ भी सूझ नहीं रहा है। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा के कार्यकाल में इनके ही अधिकारी कर्मचारी इन के आदेश को नहीं मान रहे हैं न ही सुन रहे हैं और न तो इनके आदेश का भी कोई फर्क नहीं पड़ रहा है। इनके अधिकारी कर्मचारी पूरी तरह से निरंकुश हो चुके हैं और पूरी तरह से अराजकता का माहौल बन गया है। डीएम को भी इतना भान नहीं है कि उनके कार्यालय के सामने पीड़ित पत्रकार अपने परिवार सहित आमरण अनशन पर बैठा है आखिर प्रशासन की मनसा क्या है यह समझ से परे है
#DRS NEWS 24Live
आप लोग सिर्फ एक पक्ष की तहरीर पेपर में प्रकाशित कर रहे, आप पहले संतोष के गाँव आके पूरा अच्छे से घटना के बारे में जानकारी कर लेते तो शायद इतना किसी कर्मचारी के ऊपर उंगली ना उठाते।संतोष एक नंबर का झूठा इंसान है
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