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जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के दौरान 143 महिलाओं तथा आठ पुरुषों ने कराई नसबंदी

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553 महिलाओं ने आईयूसीडी 439 ने पीपीआईयूसीडी 826 ने लगवाया अंतरा 

जौनपुर जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के दौरान बड़ी संख्या में लोगों का परिवार नियोजन के साधनों के प्रति जन जागरूकता बढ़ी है। इसका परिणाम यह है कि पखवाड़े के दौरान अभी तक 143 महिला तथा आठ पुरुष नसबंदी हो चुकी हैं। वही 553 महिलाओं ने इंट्रा यूट्राइन कांट्रासेप्टिक डिवाइस (आईयूसीडी) तथा 439 ने पोस्टपार्टम इंट्रा यूट्राइन कांट्रासेप्टिक डिवाइस (पीपीआईयूसीडी) को अपनाया है 826 महिलाओं ने त्रैमासिकगर्भनिरोधक इंजेक्शनअंतरा लगवाया, 3,173 महिलाओं ने साप्ताहिक गर्भनिरोधक गोली छाया, 4371 ने माला-एन तथा 1,670 लोगों ने इमरजेंसी पिल्स के प्रति रुचि दिखाई । वही 47,088 लोगों ने कंडोम का उपयोग किया।
 मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ लक्ष्मी सिंह ने बताया कि 11 जुलाई से 24 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जाना था लेकिन लोगों की जरूरतों को समझते हुए इसे 31 जुलाई तक के लिए बढ़ा दिया है। इस दौरान आमलोगों को संवेदीकृत करने के लिए विभिन्न स्तरों पर किए गए व्यापक प्रचार-प्रसार का लोगों में असर दिखा और लोगों ने परिवार नियोजन के साधनों के प्रति रुचि दिखाई। इस बार के पखवाड़े की थीम 'परिवार नियोजन का अपनाओ उपाय-लिखो तरक्की का नया अध्याय' रखी गई है।
 सीएमओ ने बताया कि इस थीम का मुख्य उद्देश्य लोगों को सीमित परिवार के बारे में जागरूक करने के साथ-साथ परिवार नियोजन कार्यक्रम को गति देना है। इस संबंध में जिम्मेदार लोगों की जिम्मेदारियां तय थी। नोडल अधिकारी पर ही पखवाड़ा के दौरान पर्याप्त मात्रा में गर्भनिरोधक सामाग्री एवं आवश्यक संसाधन (लाजिस्टिक) उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी थी। ब्लॉक स्तर से एएनएम, सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ), आशा कार्यकर्ता एवं सामुदायिक स्तर के कार्यकर्ताओं से उसका ब्लॉक स्तर से वितरण सुनिश्चित कराया गया। ऐसी व्यवस्था थी कि किसी भी स्थिति में सीएचओ से लेकर आशा कार्यकर्ता तक स्टाक खत्म नहीं होने पाये। एफपीएलएमआईएस के माध्यम से क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं को लाजिस्टिक की उपलब्धता तथा सामुदायिक गतिविधियों में एएनएम और आशा की भूमिका के प्रति ब्लॉक सामुदायिक प्रक्रिया प्रबंधक (बीसीपीएम) ने जिम्मेदारी निभाई। उन्हें ही ब्लाक स्तर पर मानीटरिंग के लिए नामित किया गया था। 
 नोडल अधिकारी के अधीन हेल्थ एजूकेशन आफिसर (एचईओ), ब्लाक कार्यक्रम प्रबंधक (बीपीएम), एएनएम, आशा कार्यकर्ता, आशा संगिनी कार्य कर रहे हैं । उन्होंने लोगों को सूचित कर इच्छुक महिला एवं पुरुष नसबंदी के लाभार्थियों का चिकित्सा इकाई में पंजीकरण कराकर ब्लाक स्तरीय नियत सेवा दिवसों पर अथवा जिला महिला/पुरुष चिकित्सालय भेजकर उन्हें लाभान्वित कराया है। जिला पुरुष चिकित्सालय में महिला एवं पुरुष नसबंदी की सेवाएं प्रतिदिन मिल रही हैं। विश्व जनसंख्या दिवस संबंधी सभी गतिविधियां कोविड-19 के सभी प्रोटोकॉल जैसे सोशल डिस्टैंसिंग, मास्क पहनकर और सेनेटाइजर का उपयोग करते हुए की गईं।

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