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गेहूं की रोटी नहीं मिली तो 3 आदिवासी बहनों ने दे दी जान

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मध्य प्रदेश के खंडवा में आदिवासी परिवार की 3 बहनों की आत्महत्या मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. एक ही परिवार की तीन बहनों के सुसाइड के मामले में पुलिस ने बड़ा खुलासा किया है. पुलिस के मुताबिक आत्महत्या के पीछे का एक कारण उनको खाने के लिए गेहूं का आटा नहीं मिलना है. पारिवारिक कारणों की वजह से तीनों ने जान दे दी.
तीनों बहनें अपने भाई और भाभी के व्यवहार से परेशान थी. पुलिस को वॉट्सएप चैट के ज़रिए मिली जानकारी के मुताबिक बहनों को खाने के लिए ‘गेहूं का आटा’ नहीं दिया जाता था.
पुलिस के मुताबिक घर में केवल भैया और भाभी ही गेहूं की रोटी खाते थे. बाकी लोगों को मक्के के आटे की रोटी मिलती थी. पुलिस ने चैट में मिले वॉइस मैसेज की जांच की तो पता चला कि तीनों बहनों के साथ घरवालों का बर्ताव सही नहीं था. तीनों लड़कियां अपने पिता के काफी करीब थीं. कुछ साल पहले पिता की मौत के बाद वह कई बार कहती थीं कि उन्हें पिता के पास जाना है.
खंडवा के एसपी विवेक सिंह ने बताया कि उनके परिवार में कई सदस्य थे. भाई की कमाई से घर चलता था. बाद में घर में अलग अलग चूल्हे चलने लगे. खाने की चीजों में भी भेदभाव होने लगा. मृतकों में बीच वाली लड़की का नाम सावित्री है. उसकी 2 महीने पहले शादी हुई थी, लेकिन वह खुश नहीं थी. वॉट्सएप वॉइस मैसेज में लड़की ने अपने जीजा से कहा कि उसको घर का गेहूं नहीं मिलता,शिकायत करने पर भी भैया भाभी कुछ नहीं कहते.
मैसेज में लड़की ने कहा कि बैल हमारे भी हैं, तो हमें गेहूं क्यों नहीं मिलता. हमें खेत पर भी नहीं जाने देते, हमारा भी उस पर अधिकार है. अब ये सामने आया है कि गेहूं का आटा नहीं मिलने की वजह से तीनों लड़कियों ने आत्महत्या कर ली. बता दें कि खंडवा में मंगलवार देर रात आदिवासी परिवार की 3 बहनों ने पेड़ से लटककर आत्महत्या कर ली थी. मामला संवेदनशील होने के चलते पुलिस ने तत्काल बॉडी कस्टडी में लेकर पोस्टमार्टम कराया, साथ ही पोस्टमार्टम की वीडियोग्राफी भी करवाई गई थी


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