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अंग्रेज मिशनरियों द्वारा शापित पद मोह माया के जाल में फँसा कर भेजती जेल लगभग सभी जा चुके

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प्रयागराज । चर्च ऑफ नॉर्थ इंडिया से जुड़ी एक मान्यता के अनुसार बिशप पद से जुड़े कुछ रोचक अथवा काल्पनिक तथ्य सामने आ रहे हैं ।जिसको लेकर लोगों में अलग-अलग मान्यताएँ हैं । उन्ही मान्यताओं में से एक प्रथम मॉडरेटर एरिक नासिर की आत्मा की भी मान्यता है । अब इसको चाहे समय का चक्र कहिए या कुर्सी का जाल बिशप ऑफ लखनऊ पड़ा की कुर्सी एरिक नासिर के द्वारा शापित है। अभी तक इस पदनाम से जुड़े शख्सियतों को जेल की सलाखों तक जाने से कोई बचा नहीं पाया। डायसिस आफ लखनऊ के पहले बिशप दीनदयाल जो कि मॉडरेटर तक की कुर्सी पर पहुंचे थे पर चंडीगढ़ में दर्ज मुकदमे में उनको जेल जाना पड़ा था। वहीं दूसरे बिशप युसूफ राजा जिनको गोरखपुर में दर्ज मुकदमे में जेल जाना पड़ा था। उसके बाद  बिशप ए आर स्टीफन को कई महीने तक जेल की हवा खानी पड़ी थी । वही अब तक के सबसे ताकतवर बिशपो में शुमार बिशप दान को भी जेल जा चुके हैं । हालाँकि उनका अपराध सिद्ध ना होने के चलते उनको बाइज़्ज़त मामलों से बरी किया गया । ठीक उसके बाद कार्यवाहक बिशप की कुर्सी पर बैठने वाले डेनियल सुभान भी वर्षों तक जेल में बंद रहे । तत्पश्चात बिशप पीटर बलदेव भी इस अभिशापित कुर्सी के मायाजाल से अपने को बचा नहीं पाए , और गैंगस्टर जैसे बड़े मामले में जेल पहुंच गए। इतना ही नहीं जिन अन्य लोगों ने भी अपने नाम के आगे बिशप डायसिस ऑफ लखनऊ शब्द जोड़ा वह भी अपने को जेल जाने से बचा नहीं पाए। फिर चाहे वह बिशप डायसिस आफ लखनऊ लिखने वाले फादर जान अगस्टिन हों या तथाकथित रूप से  बिशप डायसिस आफ लखनऊ लिखने वाले एसपी प्रकाश हो या बिशप डायसिस आफ लखनऊ जॉन्सन टी जान हो। बिशप डायसिस ऑफ लखनऊ लिखने वाले विजय मंतोड़े भी इससे अछूते नहीं रहे उनको भी जेल जाना ही पड़ा। इन सब को किसी न किसी मामले में जेल सैर करनी पड़ी। यह किसी रोचक पटकथा से कम नहीं लग रहा पर यह सच्चाई है । वही अब इस बात की चर्चा जोरों पर है कि जेल का अगला कैदी अर्थात बिशप डायसिस आप लखनऊ कौन होगा... ? एरिक नासिर की आत्मा का अगला शिकार कौन होगा ? क्या बिशप दान को फिर से पद देना ही इस मायाजाल को तोड़ने का सूत्र है

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