मऊ।सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के मुखिया ओमप्रकाश राजभर की मुश्किलें बढ़ती हुई दिखाई दे रही हैं।सुभासपा से बगावत लगातार जारी है।बगावत करने वालों ने मंगलवार को मऊ में महापंचायत बुलाई है।सुभासपा के पूर्व राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेंद्र राजभर और पूर्व जिलाध्यक्ष रामजीत राजभर ने सोमवार को महापंचायत के एजेंडे के बारे में बताते हुए कहा कि मंगलवार को महापंचायत में अपनी नई पार्टी की घोषणा करेंगे।
सुभासपा के पूर्व नेताओं ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मऊ शहर के गृहस्थ प्लाजा में मंगलवार को महापंचायत होगी। बैठक में नई पार्टी का ऐलान किया जाएगा। महेंद्र राजभर ने बताया कि कार्यकर्ताओं से विचार विमर्श के बाद नई पार्टी का नाम सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी रखा जाएगा और संबंधित घोषणा मंगलवार को की जाएगी।
बागी नेताओं ने नई पार्टी बनाने का ऐलान करते हुए दावा किया कि ओपी राजभर अपनी पार्टी और मूल सिद्धांतों से भटक गए हैं और परिवारवाद की पार्टी बना ली है। ओपी राजभर ने 2017 में भाजपा के साथ गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़ा था। ओपी राजभर समेत सुभासपा के चार उम्मीदवार विधायक बने थे। राजभर तब योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की सरकार में मंत्री भी बने, लेकिन दो साल के भीतर ही उन्होंने भाजपा से विद्रोह करते हुए मंत्री पद छोड़ दिया।
2022 के विधानसभा चुनाव में ओपी राजभर ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर चुनाव लड़ा और छह सीट पर जीत हासिल की, लेकिन राष्ट्रपति चुनाव के दौरान राजभर ने सपा से अलग राह चलते हुए भाजपा से पुन: अपनी नजदीकी बढ़ा ली। राजभर और उनके बेटे और पार्टी के प्रमुख महासचिव अरविंद राजभर ने बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी।
आपको बता दें कि मऊ सदर से 2017 में माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के उम्मीदवार रहे महेंद्र राजभर समेत कई मुख्य नेताओं ने सुभासपा से पिछले दिनों बगावत कर दी थी। सुभासपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे महेंद्र राजभर सुभासपा मुखिया ओमप्रकाश राजभर के करीबी बताए जाते रहे हैं।
सुभासपा के पूर्व नेताओं ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि मऊ शहर के गृहस्थ प्लाजा में मंगलवार को महापंचायत होगी। बैठक में नई पार्टी का ऐलान किया जाएगा। महेंद्र राजभर ने बताया कि कार्यकर्ताओं से विचार विमर्श के बाद नई पार्टी का नाम सुहेलदेव स्वाभिमान पार्टी रखा जाएगा और संबंधित घोषणा मंगलवार को की जाएगी।
बागी नेताओं ने नई पार्टी बनाने का ऐलान करते हुए दावा किया कि ओपी राजभर अपनी पार्टी और मूल सिद्धांतों से भटक गए हैं और परिवारवाद की पार्टी बना ली है। ओपी राजभर ने 2017 में भाजपा के साथ गठबंधन में विधानसभा चुनाव लड़ा था। ओपी राजभर समेत सुभासपा के चार उम्मीदवार विधायक बने थे। राजभर तब योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व की सरकार में मंत्री भी बने, लेकिन दो साल के भीतर ही उन्होंने भाजपा से विद्रोह करते हुए मंत्री पद छोड़ दिया।
2022 के विधानसभा चुनाव में ओपी राजभर ने समाजवादी पार्टी से गठबंधन कर चुनाव लड़ा और छह सीट पर जीत हासिल की, लेकिन राष्ट्रपति चुनाव के दौरान राजभर ने सपा से अलग राह चलते हुए भाजपा से पुन: अपनी नजदीकी बढ़ा ली। राजभर और उनके बेटे और पार्टी के प्रमुख महासचिव अरविंद राजभर ने बीते दिनों मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात की थी।
आपको बता दें कि मऊ सदर से 2017 में माफिया मुख्तार अंसारी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी के साथ गठबंधन में सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के उम्मीदवार रहे महेंद्र राजभर समेत कई मुख्य नेताओं ने सुभासपा से पिछले दिनों बगावत कर दी थी। सुभासपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रहे महेंद्र राजभर सुभासपा मुखिया ओमप्रकाश राजभर के करीबी बताए जाते रहे हैं।
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