सीतापुर।रिपोर्ट राकेश पाण्डेय:बार बार खबर प्रकाशित होने के बावजूद प्रशासन सीतापुर से हरदोई जाने वाली मुख्य सडक के जीर्णोद्धार के सम्बन्ध में कोई ध्यान नहीं दे रही है। जिला प्रशासन सहित लोक निर्माण विभाग किसी बड़े हादसे का इंतजार कर रही है।
आपको बताते चलें कि जनपद के रामकोट कस्बे के मुख्य चौराहे से लेकर भारतीय स्टेट बैंक तक भीषण गहरे गड्ढे होने के कारण सडक तालाब के रुप में बनी हुई है। यहां मुख्य मार्ग पर इतने बड़े-बड़े गड्ढे हो गये है जहां हर समय बडे हादसे का खतरा बना हुआ है। रामकोट कस्बे में मुख्य चौराहे से लेकर भारतीय स्टेट बैंक तक बने गहरे गड्ढे स्थानीय लोगों के लिए भी मुसीबत बनते जा रहे हैं। स्थानीय दुकानदार और वाहन चालक हर समय खतरे का सामना करते रहते हैं। सडक पर बने गहरे-गहरे गड्ढे वाहन चालकों के लिए भी मुसीबत बने हुए है। मुख्य मार्ग पर बने गहरे गड्ढो में गिरकर दिन भर में दर्जनों वाहन चालक हादसे का शिकार बन रहे हैं लेकिन इस गहरे गड्ढो को भरने के लिए लोक निर्माण विभाग भी लापरवाह बना हुआ है। प्रदेश में गड्ढामुक्त सड़कों की बानगी देखनी है तो सीतापुर से हरदोई राष्ट्रीय राज्य मार्ग पर आइए।
यहां के रामकोट चौराहे पर भीषण गहरे गड्ढों में सड़क तलाशनी पड़ रही है। इस सड़क पर एक बार गड्ढे भरने का काम तो हुआ और गिट्टी डालकर कागजों पर सड़क जीर्णोद्धार का काम कर दिया गया लेकिन पानी भरने से सड़क फिर से खस्ताहाल हो गयी और कागजों में गड्ढे भर दिए गये।
राष्ट्रीय राज्य मार्ग का रामकोट कस्बा अब तक गड्ढा मुक्त नहीं हो पाया है। क्षेत्रवासियों ने विभागीय अधिकारियों के साथ साथ सड़क मरम्मत कराने की अनवरत गुहार लोक निर्माण विभाग से लेकर जिला प्रशासन से कर रहे हैं। लेकिन सड़क पर बने गहरे गहरे गड्ढों को न तो लोक निर्माण विभाग सही करा रहा है और न ही प्रशासन संज्ञान ले रहा है। सरकार गठन के साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने गड्ढा मुक्त कराने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये थे लेकिन काफी समय बीत चुका है फिर भी सडक पर बने बड़े-बड़े गड्ढे वैसे ही बने हुए हैं और सडक की हालत जैसी की तैसी बनी हुई है। लापरवाह विभागीय अधिकारियों ने इस ओर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा। हालात यह है कि पूरी सड़क की गिट्टी उखड़ी पड़ी है। इस मार्ग पर आने वाले अधिक से अधिक गांवों के ग्रामीणों का भी आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं आवागमन करने वालों का समय बर्बाद तो हो ही रहा है साथ ही गिर कर घायल हो रहे हैं और लगातार सडक दुर्घटनाएं बढती जा रही है। सड़कों को गड्ढामुक्त बनाने के अभियान के तहत जिन गड्ढों को ठेकेदारों ने पाटा था उनमें केवल गिट्टी भर दी गईं, जिससे एक बारिश के बाद ही गड्ढे और गहरे हो गए। गड्ढे भरने में इतना घटिया मैटेरियल लगाया गया कि एक सप्ताह भी नहीं चल सका और सड़क टूटती चली गई।
आलम यह है कि अब रामकोट कस्बे से राहगीरों को गुजरना मुश्किल हो रहा है। यहां से अधिकारी भी निकलते हैं और राजनेता भी लेकिन इस सड़क को देखकर लोग अनदेखी कर जाते हैं। यहां ठेकेदार, नेता और अधिकारियों के गठजोड़ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सड़कों को गड्ढामुक्त करने के फरमान की धज्जियां उड़ाकर रख दीं हैं। इसका खामियाजा क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ रहा है। शहर को जोड़ने वाले इस मुख्य मार्ग से प्रतिदिन जिला मुख्यालय से तहसील मुख्यालय को जिम्मेदार अधिकारी गुजरते हैं लेकिन न तो किसी अधिकारी की नजर पड़ती है और न ही किसी जनप्रतिनिधि की जबकि लोग जान जोखिम उठाकर सफर करने को मजबूर हैं।
इस सम्बन्ध में जब उप जिला अधिकारी सदर गौरव रंजन से वार्ता की गई और उन्हें बताया गया कि मुख्य मार्ग पर रामकोट कस्बे में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं ई रिक्शा, मोटर साइकिल सवार, साइकिल सवार गिरकर चोटिल हो रहे हैं। आज सुबह ई रिक्शा में सवार दो साल का मासूम भी गिरकर गंभीर रूप से घायल हुआ है। गड्ढों को भरने के लिए लोक निर्माण विभाग कोई ध्यान नहीं दे रहा है,तो उन्होंने बताया कि हमें जानकारी नहीं है पता कराते हैं, तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
दैनिक राष्ट्रसाक्षी
यहां के रामकोट चौराहे पर भीषण गहरे गड्ढों में सड़क तलाशनी पड़ रही है। इस सड़क पर एक बार गड्ढे भरने का काम तो हुआ और गिट्टी डालकर कागजों पर सड़क जीर्णोद्धार का काम कर दिया गया लेकिन पानी भरने से सड़क फिर से खस्ताहाल हो गयी और कागजों में गड्ढे भर दिए गये।
राष्ट्रीय राज्य मार्ग का रामकोट कस्बा अब तक गड्ढा मुक्त नहीं हो पाया है। क्षेत्रवासियों ने विभागीय अधिकारियों के साथ साथ सड़क मरम्मत कराने की अनवरत गुहार लोक निर्माण विभाग से लेकर जिला प्रशासन से कर रहे हैं। लेकिन सड़क पर बने गहरे गहरे गड्ढों को न तो लोक निर्माण विभाग सही करा रहा है और न ही प्रशासन संज्ञान ले रहा है। सरकार गठन के साथ ही उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने गड्ढा मुक्त कराने के निर्देश सम्बन्धित अधिकारियों को दिये थे लेकिन काफी समय बीत चुका है फिर भी सडक पर बने बड़े-बड़े गड्ढे वैसे ही बने हुए हैं और सडक की हालत जैसी की तैसी बनी हुई है। लापरवाह विभागीय अधिकारियों ने इस ओर ध्यान देना मुनासिब नहीं समझा। हालात यह है कि पूरी सड़क की गिट्टी उखड़ी पड़ी है। इस मार्ग पर आने वाले अधिक से अधिक गांवों के ग्रामीणों का भी आवागमन में भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है तो वहीं आवागमन करने वालों का समय बर्बाद तो हो ही रहा है साथ ही गिर कर घायल हो रहे हैं और लगातार सडक दुर्घटनाएं बढती जा रही है। सड़कों को गड्ढामुक्त बनाने के अभियान के तहत जिन गड्ढों को ठेकेदारों ने पाटा था उनमें केवल गिट्टी भर दी गईं, जिससे एक बारिश के बाद ही गड्ढे और गहरे हो गए। गड्ढे भरने में इतना घटिया मैटेरियल लगाया गया कि एक सप्ताह भी नहीं चल सका और सड़क टूटती चली गई।
आलम यह है कि अब रामकोट कस्बे से राहगीरों को गुजरना मुश्किल हो रहा है। यहां से अधिकारी भी निकलते हैं और राजनेता भी लेकिन इस सड़क को देखकर लोग अनदेखी कर जाते हैं। यहां ठेकेदार, नेता और अधिकारियों के गठजोड़ ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सड़कों को गड्ढामुक्त करने के फरमान की धज्जियां उड़ाकर रख दीं हैं। इसका खामियाजा क्षेत्र की जनता को भुगतना पड़ रहा है। शहर को जोड़ने वाले इस मुख्य मार्ग से प्रतिदिन जिला मुख्यालय से तहसील मुख्यालय को जिम्मेदार अधिकारी गुजरते हैं लेकिन न तो किसी अधिकारी की नजर पड़ती है और न ही किसी जनप्रतिनिधि की जबकि लोग जान जोखिम उठाकर सफर करने को मजबूर हैं।
इस सम्बन्ध में जब उप जिला अधिकारी सदर गौरव रंजन से वार्ता की गई और उन्हें बताया गया कि मुख्य मार्ग पर रामकोट कस्बे में बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं ई रिक्शा, मोटर साइकिल सवार, साइकिल सवार गिरकर चोटिल हो रहे हैं। आज सुबह ई रिक्शा में सवार दो साल का मासूम भी गिरकर गंभीर रूप से घायल हुआ है। गड्ढों को भरने के लिए लोक निर्माण विभाग कोई ध्यान नहीं दे रहा है,तो उन्होंने बताया कि हमें जानकारी नहीं है पता कराते हैं, तत्काल कार्रवाई की जाएगी।
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