गोष्ठी आरंभ होने के पूर्व महासभा के सभी कार्यकर्ताओं ने उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए सार्वजनिक जीवन में शुचिता पवित्रता और नैतिकता को स्थापित करने का संकल्प लिया ।
महासभा के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव ने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए कहा कि जयप्रकाश एक राजनीतिक संत थे । उन्हें सत्ता से कभी मोह नहीं रहा । वह राजनीति को सेवा का माध्यम बनाना चाहते थे । राजनीति में राष्ट्रीयता की भावना और नैतिकता की स्थापना उनका लक्ष्य था ।वह राजनीति में शूचिता और पवित्रता की निरन्तर वकालत करते रहे । देश की आजादी की लड़ाई से लेकर सम्पूर्ण क्रान्ति के आंदोलन तक तमाम आंदोलनों की मशाल थामने वाले जयप्रकाश का नाम ऐसी शख्सियत के रुप में उभरता है जिन्होंने अपने विचारों दर्शन तथा व्यक्तित्व से देश को एक नई दिशा दी। महात्मा गांधीजी उनकी देशभक्ति और साहस से खुद अत्यन्त प्रभावित थे। उनकी समस्त जीवन यात्रा संघर्ष तथा साधना से भरपूर रही । मरणोपरांत 1999 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया ।उन्हें समाजसेवा के लिए 1965 मे मैग्सेसे पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था । उनका जीवन हम सबके लिए प्रेरणा स्रोत है ।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से चन्द्र प्रकाश श्रीवास्तव शैल श्रीवास्तव गोपाल यादव विजय प्रकाश श्रीवास्तव अमित श्रीवास्तव गप्पू परमानन्द श्रीवास्तव अनुराग श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री अजय कुमार श्रीवास्तव ने किया।
डीआरएस न्यूज़ नेटवर्क
महासभा के जिलाध्यक्ष अरुण कुमार श्रीवास्तव ने उनके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तृत रूप से प्रकाश डालते हुए कहा कि जयप्रकाश एक राजनीतिक संत थे । उन्हें सत्ता से कभी मोह नहीं रहा । वह राजनीति को सेवा का माध्यम बनाना चाहते थे । राजनीति में राष्ट्रीयता की भावना और नैतिकता की स्थापना उनका लक्ष्य था ।वह राजनीति में शूचिता और पवित्रता की निरन्तर वकालत करते रहे । देश की आजादी की लड़ाई से लेकर सम्पूर्ण क्रान्ति के आंदोलन तक तमाम आंदोलनों की मशाल थामने वाले जयप्रकाश का नाम ऐसी शख्सियत के रुप में उभरता है जिन्होंने अपने विचारों दर्शन तथा व्यक्तित्व से देश को एक नई दिशा दी। महात्मा गांधीजी उनकी देशभक्ति और साहस से खुद अत्यन्त प्रभावित थे। उनकी समस्त जीवन यात्रा संघर्ष तथा साधना से भरपूर रही । मरणोपरांत 1999 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया ।उन्हें समाजसेवा के लिए 1965 मे मैग्सेसे पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था । उनका जीवन हम सबके लिए प्रेरणा स्रोत है ।
इस कार्यक्रम में मुख्य रूप से चन्द्र प्रकाश श्रीवास्तव शैल श्रीवास्तव गोपाल यादव विजय प्रकाश श्रीवास्तव अमित श्रीवास्तव गप्पू परमानन्द श्रीवास्तव अनुराग श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे।कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री अजय कुमार श्रीवास्तव ने किया।
डीआरएस न्यूज़ नेटवर्क
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