अंबेडकरनगर जलालपुर तहसील क्षेत्र के कटघर मूसा में सोमवार को मौलाना सैयद नफीस अब्बास नजफी के वालिद सैयद कब्बन हसन मरहूम के इसाले सवाब की मजलिस आयोजित हुई। अयोध्या से तशरीफ लाये मौलाना सैयद नदीम रजा जैदी ने इस्लामिक पुस्तकों के हवाले से कहा कि मौला अली को अमीरुल मोमनीन मानना ही इकरार का प्रमाण है। विलायते अली से इंकार करने वालों की मुक्ति संभव नहीं है। मौलाना ने दौराने मजलिस लोगों को खबरदार करते हुए कहा हमें दरे अहलेबैत से दूर करने का अंतरराष्ट्रीय स्तर पर षड़यंत्र चल रहा है, लेकिन रसूल व आले रसूल का दामन किसी भी परिस्थिति में नहीं छोड़ना है, क्योंकि यही हम सब की निजात का सबब बनेगा। मजलिस से पूर्व हिफाजत हुसैन मय हमनवां ने शोजख्वानी व अली मोहम्मद (आमिर) ने पेशख्वानी की। वहीं दूसरी मजलिस को संबोधित करते हुए मौलाना वसी हसन खान ने कहा कि अगर समाज मोहब्बत का असली मतलब समझ कर अमल कर ले तो आपसी मतभेद बिल्कुल समाप्त हो जाएंगे। सभी एक ही मकसद की राह पर चलते नजर आएंगे। इस्लाम की पाक पुस्तक कुरान भी हमें यही सिखाती है। अल्लाह की इच्छा है कि आखिरी नबी के बताए रास्ते पर सब एक साथ चलें और मानवता के साथ-साथ धर्म और ईमान को सुरक्षित रखें। अंत में मौलाना ने कर्बला के शहीदों का बारी बारी जिक्र करते हुए मोमनीन को भावुक कर दिया
डीआरएस news नेटवर्क
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