सीतापुर।रिपोर्ट राकेश पाण्डेय: जनपद के विकास खंड सकरन के अंतर्गत खंड विकास अधिकारी के द्वारा लगातार 15 दिनों से अनुपस्थित रहकर जेल जाने वाले तकनीकी सहायक के संबंध में आवश्यक कार्यवाही के लिए पत्र प्रेषित किए जाने के बावजूद भी डीसी मनरेगा की मनमानी कार्यशैली के चलते कार्यवाही ना होने से सकरन ब्लाक की 21 ग्राम पंचायतों में मनरेगा का कार्य ठप है।
ज्ञात हो कि विकासखंड सकरन क्षेत्र के अंतर्गत ब्लॉक तकनीकी सहायक प्रदीप कुमार के पास सांडा और रेवान न्याय पंचायत मनरेगा में तकनीकी कार्यों को करने के लिए आवंटित थी,परंतु तकनीकी सहायक के द्वारा लगातार 15 दिनों से अनुपस्थित रहते हुए लखनऊ में एक अपराधिक मामले में जेल भेजे जाने की सूचना पर खंड विकास अधिकारी सकरन के द्वारा डीसी मनरेगा को आवश्यक कार्यवाही करने के लिए पत्र प्रेषित किया गया था। जिससे आवंटित ग्राम सभाओं में मनरेगा का तकनीकी कार्य बाधित ना हो परंतु मामले में डीसी मनरेगा सुशील श्रीवास्तव की लचर कार्यशैली के चलते सकरन ब्लाक की इक्कीस ग्राम पंचायतों में पन्द्रह दिनों से मनरेगा का कार्य ठप है। डीसी मनरेगा की कार्यशैली पर सवाल यह भी उठता है कि सम्बन्धित ब्लॉक तकनीकी सहायक प्रदीप कुमार की तैनाती क्षेत्र पंचायत के तकनीकी कार्यों को करने के लिए की गई है।
जबकि डीसी मनरेगा की ओर से प्रदीप कुमार से मुख्यतः क्षेत्र पंचायत का कार्य न करवा कर क्षेत्र पंचायत की जगह ग्राम पंचायतों में कार्य कराया जा रहा है। वही लगातार अनुपस्थित रहने व जेल जाने की सूचना के बाद भी अब तक मनरेगा सम्बन्धित सरकारी कार्यों को करने के लिए किसी अन्य तकनीकी सहायक की तैनाती न करना एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। परिणाम स्वरूप पन्द्रह दिनों से सकरन ब्लॉक की इक्कीस ग्राम पंचायतो जिनमें किरतापुर, देवतापुर, शाहपुर, सांडा सेमरा खुर्द,टेढ़वा कला, झौव्वा खुर्द,पटना,मोहलिया कला, सेमरा कला,अमिरती,कुंडी, बसहिया कोठार, भैंसहा,सोहलिया,कलिमापुर, धनावा, पटनी आदि में मनरेगा का कार्य ठप पड़ा हुआ है। जिससे बड़ी संख्या में मनरेगा मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है,और पूर्व में जिन मजदूरों ने कार्य किया है प्राक्कलन के अभाव में उनके मस्टर रोल मनरेगा सेल में फीड नहीं किए जा रहे हैं। जिससे ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा मजदूरों के सामने मनरेगा भुगतान को लेकर बड़ी परेशानी उत्पन्न हो गई है। परिणाम स्वरूप मनरेगा जॉब कार्ड धारक ग्रामीण मजदूरी के पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं।
मामले को लेकर जिला विकास अधिकारी हरीशचंद्र प्रजापति ने बताया कि सम्बन्धित व्यक्ति को नोटिस भेजी गई है कि क्षेत्र पंचायत का टीए ग्राम पंचायत में कैसे काम कर रहा था इसकी जांच करवाई जाएगी व ग्राम पंचायतों में मनरेगा सम्बन्धी कार्यों के लिए जल्द ही अन्य तकनीकी सहायक की तैनाती भी कराई जाएगी।
जबकि डीसी मनरेगा की ओर से प्रदीप कुमार से मुख्यतः क्षेत्र पंचायत का कार्य न करवा कर क्षेत्र पंचायत की जगह ग्राम पंचायतों में कार्य कराया जा रहा है। वही लगातार अनुपस्थित रहने व जेल जाने की सूचना के बाद भी अब तक मनरेगा सम्बन्धित सरकारी कार्यों को करने के लिए किसी अन्य तकनीकी सहायक की तैनाती न करना एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। परिणाम स्वरूप पन्द्रह दिनों से सकरन ब्लॉक की इक्कीस ग्राम पंचायतो जिनमें किरतापुर, देवतापुर, शाहपुर, सांडा सेमरा खुर्द,टेढ़वा कला, झौव्वा खुर्द,पटना,मोहलिया कला, सेमरा कला,अमिरती,कुंडी, बसहिया कोठार, भैंसहा,सोहलिया,कलिमापुर, धनावा, पटनी आदि में मनरेगा का कार्य ठप पड़ा हुआ है। जिससे बड़ी संख्या में मनरेगा मजदूरों को काम नहीं मिल पा रहा है,और पूर्व में जिन मजदूरों ने कार्य किया है प्राक्कलन के अभाव में उनके मस्टर रोल मनरेगा सेल में फीड नहीं किए जा रहे हैं। जिससे ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा मजदूरों के सामने मनरेगा भुगतान को लेकर बड़ी परेशानी उत्पन्न हो गई है। परिणाम स्वरूप मनरेगा जॉब कार्ड धारक ग्रामीण मजदूरी के पलायन करने को मजबूर हो रहे हैं।
मामले को लेकर जिला विकास अधिकारी हरीशचंद्र प्रजापति ने बताया कि सम्बन्धित व्यक्ति को नोटिस भेजी गई है कि क्षेत्र पंचायत का टीए ग्राम पंचायत में कैसे काम कर रहा था इसकी जांच करवाई जाएगी व ग्राम पंचायतों में मनरेगा सम्बन्धी कार्यों के लिए जल्द ही अन्य तकनीकी सहायक की तैनाती भी कराई जाएगी।
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