हाईकोर्ट के आदेश पर एसडीएम भीटी और ईओ बलिया गिरफ्तार 42 अन्य अधिकारियों पर भी... - DRS NEWS24 LIVE

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हाईकोर्ट के आदेश पर एसडीएम भीटी और ईओ बलिया गिरफ्तार 42 अन्य अधिकारियों पर भी...

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अम्बेडकरनगर:रिपोर्ट मोहम्मद अतीक:एसडीएम भीटी सुनील कुमार को और बलिया से नगर पालिका रसड़ा के अधिशासी अधिकारी राजेंद्र प्रसाद को गिरफ्तार किया गया है  बताया जा रहा है यह दोनों अफसर 2011 में चंदौली में तैनात थे  इन लोगों पर आरोप है कि इन लोगों ने रुपए लेकर अपने रिश्तेदारों और जानने वालों को कांशीराम आवास में मकान दिलाया है  बताया जा रहा है कि चंदौली में तैनात 42 अफसर और कर्मचारियों ने मिलकर इस योजना में अपने रिश्तेदारों और जानने वालों को आवास दिलाया जबकि जो पात्र लोग थे उन तक यह आवास पहुंच ही नहीं सका इस मामले में 2013 में हाईकोर्ट में याचिका डाली गई लंबी सुनवाई के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आरोपी अफसरों पर कार्रवाई के आदेश दे दिए हैं इसी मामले में जनपद के भीटी में तैनात एसडीएम सुनील कुमार को सोमवार देर रात गिरफ्तार कर लिया गया है अम्बेडकरनगर पहुंची चंदौली पुलिस एसडीएम को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई है  बताया जाता है कि 2011 में सुनील कुमार तहसीलदार के पद पर चंदौली में तैनात थे एसओ भीटी पंडित त्रिपाठी ने बताया कि चंदौली पुलिस एसडीएम को गिरफ्तार कर अपने साथ ले गई एसडीएम के खिलाफ गैर जमानती वारंट जारी था जिसके बाद इनकी गिरफ्तारी हुई हैं बलिया जिले के आदर्श नगर पालिका परिषद रसड़ा कार्यालय से चंदौली पुलिस ने सोमवार को अधिशासी अधिकारी राजेंद्र प्रसाद को गिरफ्तार कर लिया अचानक से पुलिस टीम रसड़ा नगर पालिका परिषद कार्यालय पहुंची और अधिकारी को गिरफ्तार कर चल दी जानकारी के अनुसार वर्ष 2013 में राजेंद्र प्रसाद चंदौली नगर पालिका में अधिशासी अधिकारी के पद पर तैनात थे  उस समय कांशीरम आवास आवंटन में अनियमितताएं पाई गयी थीं जिसमें ईओ राजेन्द्र प्रसाद भी आरोपी है  सीओ एसएन बैस ने बताया कि नगर पालिका परिषद रसड़ा के अधिशासी अधिकारी को चंदौली पुलिस गिरफ्तार करके ले गई है  चंदौली जिले में वर्ष 2011 में कांशी राम आवास योजना के तहत लाभार्थियों को आवास आवंटन करने के दौरान बड़े पैमाने पर धांधली की मामला उजागर हुआ था  चंदौली नगर के वार्ड नंबर 13 के चंद्र मोहन सिंह ने 2013 में कोर्ट में प्रार्थना देकर मामले की जांच की गुहार लगाई थी इसी मामले में तत्कालीन अपर जिला अधिकारी के द्वारा जांच कराई गई थी जांच में 42 लोगों को गलत ढंग से आवास आवंटन का मामला सामने आया इस मामले में तत्कालीन ईओ राजेंद्र प्रसाद तहसीलदार सुनील कुमार लेखपाल कानूनगो सहित एक दर्जन से अधिक अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की गई थी आरोप है कि अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने ही परिचितों रिश्तेदारों और सभासद के रिश्तेदारों नगर पंचायत में कार्यरत कर्मचारियों के रिश्तेदारों को आवास का आवंटन कर दिया था उस समय तमाम दबाव के चलते जिला प्रशासन के स्तर से करवाई नहीं संभव सकी ऐसे में चंद्र मोहन सिंह ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया और हाईकोर्ट ने चंदौली पुलिस को निर्देश देकर सभी आरोपितों की गिरफ्तारी का आदेश दिया है इसी आदेश के क्रम में अधिकारियों की गिरफ्तारी हो रही है इस मामले में याचिकाकर्ता चंद्रमोहन सिंह ने बताया कि तत्कालीन तहसीलदार सुनील कुमार के द्वारा लगभग आधा दर्जन से अधिक ऐसे अपात्रों को जाति और आय प्रमाण पत्र जारी किया गया था जो कि दलित जाति में नहीं आते हैं बताएं किस के लिए प्रति व्यक्ति ₹20 हज़ार रुपये सुविधा शुल्क लिए गए थे तत्कालीन चेयरमैन सुदर्शन सिंह के तीन रिश्तेदारों का भी नाम आया और जाति निर्गत किया गया था इस मामले में तत्कालीन लेखपाल कानूनगो चेयरमैन सभी ने अपने अपने हिसाब से जमकर भ्रष्टाचार किया था और परिचितों को कांशीराम आवास योजना के तहत लाभ दिलाने के लिए सरकार की योजना में पलीता लगा दिया था
डीआरएस  न्यूज़  नेटवर्क

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