सीतापुर।रिपोर्ट राकेश पाण्डेय:एक तरफ प्रदेश सरकार पर्यावरण संतुलित बनाए रखने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर नवीन वृक्षों का रोपण कराने के साथ-साथ तथा पुराने वृक्षों के संरक्षण पर जहां विशेष जोर दे रही है।वहीं मिश्रिख वन रेंज में तैनात रेंजर दिनेश गुप्ता हरे-भरे फलदार देशी बृक्षों को कलमी बताकर लकड़ कट्टों से उनको साफ कराने में लगे हुए हैं।
मिश्रिख कोतवाली से चंद कदम की दूरी पर स्थित ग्राम बिजनापुर में मजार वाली बाग के नाम से चर्चित देशी आम के भारी-भरकम बृक्षों को बीती रात लकड़कट्टों ने डेढ़ लाख रुपए में खरीद कर वृक्षों को कटाकर साफ करा दिया।
मामला संज्ञान में आने पर वन रेंजर दिनेश गुप्ता ने पूंछने पर बताया कि बीस कलमी पेड़ों का परमिट था।तभी ठेकेदार ने कटवाया होगा। उनके बताने के बाद जब उनसे यह कहा गया कि यह बाग तो काफी पुरानी और देशी पेड़ों की थी।जिसमें सभी पेड़ों में बौर भी लगा हुआ है । तो उन्होंने कहा कि मुझे नहीं मालूम बीस कलमी पेड़ों का परमिट था,और फोन काट दिया।
इतना ही नहीं इसके पहले ग्राम इस्लामनगर में मदरसा के निकट गांव के उत्तर स्थित विभिन्न प्रजातियों के पेड़ों की बाग बीती 16/ 17 की फरवरी को एक लकड़ कट्टे ने पुलिस और वन कर्मियों की सांठ गांठ से कटाकर साफ करा दिया । इन वृक्षों में प्रतिबंधित प्रजाति के तीन भारी- भरकम शीशम के पेड़ भी शामिल हैं।
इसके पहले डाक बंगला मिश्रिख के पीछे स्थित मुनीम की बाग से भी आधा दर्जन से अधिक बौर लगे आम के वृक्षों को भी पुलिस और वन कर्मियों की सांठ गांठ से लकड़ कट्टों द्वारा कटाकर साफ करा दिया गया।इतना ही नहीं इसके पहले ग्राम करियाडीह में रोड के किनारे स्थित विभिन्न प्रजाति के प्रतिबंधित वृक्षों में शीशम जामुन आम गूलर की बाग लकड़ कट्टों ने काटकर साफ करा दिया।
गौरतलब है कि भारी-भरकम आम के वृक्षों को कलमी बताकर उन्हें कटाने की हरी झंडी देने का गोरखधंधा यहां पर वन रेंज में तैनात रेंजर द्वारा धड़ल्ले से चलाया जा रहा है । और अरण्य क्षेत्र के रूप में जानी जाने वाली मिश्रिख नैमिष की पावन वसुंधरा मरुस्थल में तब्दील हो रही है। लोगों का मानना है कि जिला प्रशासन और प्रदेश शासन को गंभीरता से जांच कराकर वन कर्मियों और लकड़ कट्टों पर सख्त कार्यवाही किये जाने की नितांत आवश्यकता है । ताकि इस हरे भरे अरण्य क्षेत्र के वृक्ष कटान पर रोक लग सके।
दैनिक राष्ट्रसाक्षी
मामला संज्ञान में आने पर वन रेंजर दिनेश गुप्ता ने पूंछने पर बताया कि बीस कलमी पेड़ों का परमिट था।तभी ठेकेदार ने कटवाया होगा। उनके बताने के बाद जब उनसे यह कहा गया कि यह बाग तो काफी पुरानी और देशी पेड़ों की थी।जिसमें सभी पेड़ों में बौर भी लगा हुआ है । तो उन्होंने कहा कि मुझे नहीं मालूम बीस कलमी पेड़ों का परमिट था,और फोन काट दिया।
इतना ही नहीं इसके पहले ग्राम इस्लामनगर में मदरसा के निकट गांव के उत्तर स्थित विभिन्न प्रजातियों के पेड़ों की बाग बीती 16/ 17 की फरवरी को एक लकड़ कट्टे ने पुलिस और वन कर्मियों की सांठ गांठ से कटाकर साफ करा दिया । इन वृक्षों में प्रतिबंधित प्रजाति के तीन भारी- भरकम शीशम के पेड़ भी शामिल हैं।
इसके पहले डाक बंगला मिश्रिख के पीछे स्थित मुनीम की बाग से भी आधा दर्जन से अधिक बौर लगे आम के वृक्षों को भी पुलिस और वन कर्मियों की सांठ गांठ से लकड़ कट्टों द्वारा कटाकर साफ करा दिया गया।इतना ही नहीं इसके पहले ग्राम करियाडीह में रोड के किनारे स्थित विभिन्न प्रजाति के प्रतिबंधित वृक्षों में शीशम जामुन आम गूलर की बाग लकड़ कट्टों ने काटकर साफ करा दिया।
गौरतलब है कि भारी-भरकम आम के वृक्षों को कलमी बताकर उन्हें कटाने की हरी झंडी देने का गोरखधंधा यहां पर वन रेंज में तैनात रेंजर द्वारा धड़ल्ले से चलाया जा रहा है । और अरण्य क्षेत्र के रूप में जानी जाने वाली मिश्रिख नैमिष की पावन वसुंधरा मरुस्थल में तब्दील हो रही है। लोगों का मानना है कि जिला प्रशासन और प्रदेश शासन को गंभीरता से जांच कराकर वन कर्मियों और लकड़ कट्टों पर सख्त कार्यवाही किये जाने की नितांत आवश्यकता है । ताकि इस हरे भरे अरण्य क्षेत्र के वृक्ष कटान पर रोक लग सके।
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