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परिवार नियोजन और सुरक्षित गर्भ समापन के लाभ बताएं सीएचसी खैराबाद में हुई आशा कार्यकर्ताओं की क्लस्टर मीटिंग

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सीतापुर।रिपोर्ट राकेश पाण्डेय: सीएचसी खैराबाद पर मंगलवार को आशा कार्यकर्ताओं की क्लस्टर मीटिंग का आयोजन किया गया। जिसमें उन्हें परिवार नियोजन कार्यक्रम,चिकित्सीय गर्भसमापन (एमटीपी) संशोधन, अधिनियम, 2021और सुरक्षित गर्भ समापन के बारे में जानकारी दी गई। बैठक का आयोजन स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में साझा प्रयास नेटवर्क के तत्वावधान में किया गया।
   इस मौके पर ब्लॉक कार्यक्रम मैनेजर  (बीपीएम) अनुज तिवारी ने परिवार नियोजन के अस्थायी साधनों के लिए दंपति को बाॅस्केट ऑफ च्वॉइस की जानकारी देते हुए उन्हें कंडोम व गर्भनिरोधक गोलियों के खाने की जानकारी देते हुए उन्हें मनपसंद साधनों का वितरण भी किया।
   उन्होंने यह भी बताया कि हर माह की 21 तारीख को जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर खुशहाल परिवार दिवस का आयोजन किया जाता है। इस मौके पर लाभार्थियों को परिवार नियोजन के साधनों में से उनके मन माफिक किसी एक को चुनने का विकल्प दिया जाता है।
    ब्लॉक समुदाय प्रक्रिया प्रबंधक (बीसीपीएम) संतोष कुमार ने बताया कि नसबंदी कराने वाली महिलाओं को दो हजार रुपये की क्षतिपूर्ति राशि दी जाती है। यदि महिला ने प्रसव के एक सप्ताह के भीतर नसबंदी कराई है तो उसे तीन हजार रुपये दिए जाते हैं। इसके अलावा नसबंदी कराने वाले पुरुष को तीन हजार रुपये की क्षतिपूर्ति राशि दी जाती है।
    यह धनराशि सम्बन्धित लाभार्थी को बैंक खाता के माध्यम से उपलब्ध कराई जाती है। साथ ही अंतरा इंजेक्शन के लाभार्थियों को एक सौ रुपये दिया जाता है । आशा कार्यकर्ता को पुरुष नसबंदी पर चार सौ रुपये व महिला नसबंदी पर तीन सौ रुपये और अंतरा इंजेक्शन पर एक सौ  रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाती हैं।
  आईपास की ट्रेनिंग ऑफीसर अर्चना मिश्रा ने बताया कि एमटीपी संशोधन एक्ट, 2021  के प्रावधानों के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने कहा कि महिलाओं के बेहतर स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि वह गर्भ समापन सरकारी अस्पतालों अथवा पंजीकृत स्वास्थ्य केंद्रों पर किसी प्रशिक्षित चिकित्सक से ही करवाएं। चिकित्सीय गर्भ समापन अधिनियम 2021 संशोधन के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि गर्भ का चिकित्सकीय समापन (संशोधन) नियम, 2021 के अनुसार यौन उत्पीड़न या बलात्कार की शिकार, नाबालिग अथवा गर्भावस्था के दौरान वैवाहिक स्थिति में बदलाव हो गया हो (विधवा हो गई हो या तलाक हो गया हो) या फिर गर्भस्थ शिशु असमान्य हो ऐसी स्थिति में महिला चौबिस सप्ताह की अवधि के अंदर गर्भपात करा सकती है।
  उन्होंने यह भी बताया कि बीस सप्ताह तक के गर्भ समापन के लिए एक पंजीकृत चिकित्सक और बीस से चौबिस सप्ताह के गर्भ समापन के लिए दो पंजीकृत चिकित्सकों की राय आवश्यक होगी।
दैनिक राष्ट्रसाक्षी

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