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पूर्व चेयरमैन समाज सेवी पं. राजकुमार त्रिपाठी की प्रतिमा का मनोज सिंहा ने किया अनावरण

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गाजीपुर: रिपोर्ट मोहम्मद कादिर:जम्मू कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा बुधवार को गृह जनपद गाजीपुर विषेशरगंज में भाजपा के कर्मठ संघर्षशील कार्यकर्ताओं ने बुके व माला पहनाकर भव्य स्वागत किया जिला पंचायत अध्यक्ष सपना सिंह नगर पालिका परिषद गाजीपुर पूर्व चेयरमैन विनोद अग्रवाल हिमांशु किरन सिंह नगर पालिका परिषद गाजीपुर पूर्व चेयरमैन स्व. रोहिणी कुमार मुन्ना सुपुत्र राजेश कुमार विश्वकर्मा उपेन्द्र सिंह गुलाम कादिर राईनी रासबिहारी राय एलिगेंट एप्लायंसेज व्यवेसाइ संजीव कुमार गिरधारी जयसवाल अभिनव राजा गुड्डू केसरी आदि काफी संख्या में लोग उपस्थित रहे। काफिला पहुंचा मुहम्मदाबाद क्षेत्र में सहकारिता जगत के पुरोधा रहे समाजसेवी राजकुमार त्रिपाठी की प्रतिमा अनावरण कार्यक्रम में शिरकत किया। प्रतिमा अनावरण के बाद सहकारिता गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए मनोज सिन्हा ने मंच से कहा कि आज इस देश में एक ऐसी सरकार है जो वास्तव में जमीनी स्तर पर सहकारिता को गांव और न्याय पंचायतों में पहुंचाना चाहती है और देश की अर्थव्यवस्था को रीढ़ की तरह देखना चाहती है।
उन्होंने कहा कि आप सब जानते हैं कि हम दुनिया की पांचवी कड़ी अर्थव्यवस्था बन रहे है अब अगले 25 वर्षों में सन् 2047 मैं जब देश आजादी का शताब्दी वर्ष मना रहा होगा तो हम दुनिया की तीसरी अर्थव्यवस्था कैसे बने किससे दिशा में केजी से प्रयास हो रहा है भारत जैसे देश में कृषि और सहकारिता के बिना हमारी अर्थव्यवस्था कभी मजबूत नहीं हो सकती है। यह बात वर्तमान भारत सरकार पूरी तरह से समझती है और इसके लिए चाहे बजट में कृषि का प्रावधान करना होगा। सहकारिता के लिए के लिए परिधान करना हो सरकार प्रयासरत कुछ लोग अनावश्यक रूप से संदेह पैदा कर रहे हैं। भारत के संविधान में जो व्यवस्था है यह राज्य सरकार का विषय है या केंद्र सरकार का विषय है कुछ ऐसे विषय हैं जिसमें केंद्र सरकार और राज्य सरकार मिलकर निर्णय लेती है आवश्यक रूप से कुछ लोग राजनीतिक रूप से इसे देख रहे हैं स्टार स्पष्टीकरण सही तरीके से देश के गृहमंत्री और सहकारिता मंत्री ने दिया है। उन्होंने कहा है कि
कोऑपरेटिव फेडरेशन की भावना से ही सहकारी संघवाद की भावना से ही यह सरकार काम कर रही है और सहकारिता के विकास में भी उस सिद्धांत का पूरी तरह से पालन किया जाएगा और मैं उम्मीद करता हूं कि यह नई क्रांति की शुरुआत हुई है कि आने वाले 5 वर्षों में फिर से हमें कामयाबी स्थापित करने में सफलता प्राप्त होगी और देश के पुराने गौरव को स्थापित करने में तो हमें जरूर सफलता प्राप्त होगी। उन्होंने कहा कि दुनिया में जो भारत को सम्मान बड़ा है उसे समझने की जरूरत है आज देश की जो प्रतिष्ठा है ऐसी प्रतिष्ठा पहले कभी नहीं थी इसलिए पेंडोमिंक के बाद दुनिया में ज्यादातर देशों की आर्थिक व्यवस्था लुढ़क गई है।
बड़े-बड़े देश जहां परेशान हैं वहीं रुक आज दुनिया के सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था हमारी है और यह कोई सामान्य बात नहीं है। उन्होंने कहा कि राजनीतिक रूप से कुछ लोगों को बयान देना जरूरी नहीं है लेकिन मुझे उस बात में नहीं पढ़ना है।मैं कोई राजनीतिक बात नहीं करना चाहता हूं लेकिन इसे इमानदारी से कोई भी संवेदनशील व्यक्ति जरूर स्वीकार करेगा कि जिस तरह से अर्थव्यवस्था का संचालन इस देश के प्रधानमंत्री ने किया है। दुनिया के बड़े-बड़े अर्थशास्त्री आज भारत का उदाहरण दे रहे हैं कि आज प्रधानमंत्री ने हमारे देश की अर्थव्यवस्था को किस तरह आगे बढ़ाया है। उन्होंने अंत में कहां की आजकल मैं जहां का कार्यभार देख रहा हूं वहां का हमने पहले एक कहावत ठीक ही पटना गांधी मैदान और रेलवे स्टेशन किसी सरकारी मंत्री ने गिरवी रख दिया था अब यह मैं नहीं जानता कि यह कितना सही था कितना झूठ है लेकिन यह किस्सा हम लोगों के क्षेत्र में प्रचलित था। उसमें मैं नहीं पढ़ना चाहता हूं। पिछले एक डेढ़ साल में जम्मू-कश्मीर में भी सहकारिता को हमने काफी आगे बढ़ाने का प्रयास तो जरूर किया है हर गांव में सहकारिता को मजबूत करने के लिए इंटरनेट व्यवस्था के साथ व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है। तीन सहकारी संस्थाओं की स्थापना करने की दिशा में गांव में सहकारिता को मजबूत करने के लिए इंटरनेट व्यवस्था के साथ व्यवस्था को मजबूत किया जा रहा है। तीन सहकारी संस्थाओं के स्थापना करने दिशा में प्रतिदिन काम कर रहे हैं अभी हमारा बजट आने वाला है लेकिन हम यह कह सकते हैं कि ए तीनों को ऑपरेटिव बैंक को नया जीवन मिले इसके लिए 265 करोड रुपए की कैपिटल मनी की मदद हमने दिया है और अब उम्मीद करते हैं कि वह निश्चित रूप से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को जरूर मदद मिलेगी।
अपनी बात समाप्त करते हुए उन्होंने सहकारिता क्षेत्र के पुरोधा रहे राज कुमार त्रिपाठी को सहकारिता क्षेत्र में अभूतपूर्व योगदान देने के लिए श्रद्धांजलि अर्पित किया और फिर अंत में एक शेर पढ़ा की..
कुछ लोग तुम्हें समझाएंगे वह तुमको खौफ दिखाएंगे जो है वह खो भी सकता है राह में रहजन इतने हैं रहजन डाकू इस राह में कुछ भी हो सकता है पर तुम जिस लम्हे में जिंदा हो तुम अपनी करनी करते जाओ जो होगा देखा जाएगा।
डीआरएस न्यूज़ नेटवर्क

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