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इस साल सबसे लम्बा रोजा 14 घंटे 39 मिनट का होगा अप्रैल के चौथे हफ्ते में ईद

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चांद के दीदार के साथ 23 या 24 मार्च से माह-ए-रमजाऩ शुरू होगा। रमजान के कैलेंण्डर जारी हो गए और मस्जिदों में नमाज के बाद कैलेण्डर दिए जाने लगे हैं। साथ ही सोशल मीडिया पर भी रमजान के कैलेण्डर साझा किए जा रहे हैं।
रमज़ान में सहरी व इफ्तार बहुत अहम है। समय से सहरी करने व रोज़ा इफ्तार करने के लिए मदरसा व आमजन द्वारा रमज़ान कार्ड व कैलेंडर छपवा कर बांटा जाता है। इस साल रोजेदार का इम्तेहान भीषण गर्मी भी लेगी। इस साल सबसे लम्बा रोजा 14 घंटे 39 मिनट का होगा। आखिरी रोजे में सहरी का वक्त 3 58 मिनट पर होगा और रोजा अफ्तार शाम 6 37 मिनट पर होगा।
मुस्लिम घरों व मस्जिदों में रमजान की तैयारियां शुरु हो गई हैं। रमजान की रातों में पढ़ी जाने वाली तरावीह की नमाज पढ़ाने वाले हा़फज़ि-ए-कुरआन मुकद्दस कुरआन दोहरा रहे हैं। मौलाना कारी मोहम्मद सिददीक ने कहा कि कहा कि रमजान में रोजेदार दिन में रोजा रखेंगे और रात में तरावीह की नमाज़ पढ़ेंगे। अबकी माह-ए-रमज़ान का पहला रोजा 13 घंटे 51 मिनट का होगा। जो माह-ए-रमज़ान का सबसे छोटा रोजा होगा। वहीं माह-ए-रमज़ान का अंतिम रोजा सबसे बड़ा होगा। जो 14 घंटा 39 मिनट का होगा।
उन्होंने बताया कि मार्च माह में 31 साल बाद रमजान पड़ रहे हैं। कारी सिद्दीक ने बताया कि 22 मार्च को माह-ए-शाबान की 29 तारीख है। इसी शाम माह-ए-रमज़ान का चांद देखा जाएगा। अगर चांद नजर आ गया तो 23 मार्च से रमज़ान शुरु हो जाएगा। अगर चांद नजर नहीं आया तो 24 मार्च से रमज़ान शुरू होगा।
अप्रैल के चौथे हफ्ते में मनाई जाएगी ईद
ईद का त्योहार चांद नजर आने पर अप्रैल के चौथे हफ्ते में मनाया जाएगा। मुकद्दस रमजान का पहला अशरा रहमत, दूसरा मगफिरत, तीसरा जहन्नम से आजादी का है। रमजान रहमत, खैर व बरकत का महीना है। इसमें रहमत के दरवाजे खोल दिए जाते हैं। जहन्नम के दरवाजे बंद कर दिए जाते हैं। शैतान जंजीर में जकड़ दिए जाते हैं। नफ्ल का सवाब फर्ज के बराबर और फर्ज का सवाब सत्तर फर्ज के बराबर दिया जाता


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