आजमगढ़ जिले के पवई थाना क्षेत्र में बिजली ना होने से किसान खेतों की सिंचाई व अन्य काम एवं स्कूली बच्चों का एग्जाम चल रहे
72 घंटे बिजली के हड़ताल की घोषणा से परेशान आम जनमानस घरों में अंधेरा गुल हो गई बिजली छत के ऊपर लटके रहे पंखे मासूम बच्चों पर क्या बीत रही होगी मासूम बच्चों पर अंधेरे की रात हर गांव में सिर्फ अंधेरा ही अंधेरा देखने को मिल रहा है
72 घंटे की बिजली ने परेशान कर के रख दिया उस मासूम बच्चों पर जो अंधेरे में खेल नहीं सकेंगे
उस्मा पर क्या बीत रही होगी जो अभी हाल में बच्चे जन्ममें होंगे
अंधेरी की रात कैसा होता है हर किसी को मालूमात पड़ ही जाता है आखिर 72 घंटे का मतलब होता है दिन और रात बिजली ना मिल पाएगी
लोगों के बीच में तरह-तरह के सवाल उत्पन्न हो रहे हैं। कोई अंधेरे के राज से मार खा रहा है तो कोई गर्मी से परेशान पंखा छत पर लटका दिखाई दे रहा है। उस गांव वालों से पूछिए उससे घरों में जाकर देखिए उस घरों में अंधेरा ही अंधेरा नजर आएगा पवन पावर हाउस पर दूसरे दिन भी पता करने पर चला कि अभी कोई आदेश नहीं मिला है कि लाइट चालू किया जाए सरकार कैसे कार्रवाई कर रही है जहां संविदा पर होने के बाद भी या सरकारी लाइनमैन जो है किसी भी गांव में या किसी भी ट्रांसफार्मर पर फ्यूज जुड़ने के लिए एक खंभे पर चढ़ने के लिए 300-400 ₹500 की धन उगाही करते हैं जनता परेशान होकर मजबूरन उन्हें देना पड़ता है अलग से बिल भी हर महीने देना पड़ता है इतना होने के बाद भी जनता परेशान है आखिर क्यों
रिपोर्ट डी आर एस न्यूज नेटवर्क
72 घंटे बिजली के हड़ताल की घोषणा से परेशान आम जनमानस घरों में अंधेरा गुल हो गई बिजली छत के ऊपर लटके रहे पंखे मासूम बच्चों पर क्या बीत रही होगी मासूम बच्चों पर अंधेरे की रात हर गांव में सिर्फ अंधेरा ही अंधेरा देखने को मिल रहा है
72 घंटे की बिजली ने परेशान कर के रख दिया उस मासूम बच्चों पर जो अंधेरे में खेल नहीं सकेंगे
उस्मा पर क्या बीत रही होगी जो अभी हाल में बच्चे जन्ममें होंगे
अंधेरी की रात कैसा होता है हर किसी को मालूमात पड़ ही जाता है आखिर 72 घंटे का मतलब होता है दिन और रात बिजली ना मिल पाएगी
लोगों के बीच में तरह-तरह के सवाल उत्पन्न हो रहे हैं। कोई अंधेरे के राज से मार खा रहा है तो कोई गर्मी से परेशान पंखा छत पर लटका दिखाई दे रहा है। उस गांव वालों से पूछिए उससे घरों में जाकर देखिए उस घरों में अंधेरा ही अंधेरा नजर आएगा पवन पावर हाउस पर दूसरे दिन भी पता करने पर चला कि अभी कोई आदेश नहीं मिला है कि लाइट चालू किया जाए सरकार कैसे कार्रवाई कर रही है जहां संविदा पर होने के बाद भी या सरकारी लाइनमैन जो है किसी भी गांव में या किसी भी ट्रांसफार्मर पर फ्यूज जुड़ने के लिए एक खंभे पर चढ़ने के लिए 300-400 ₹500 की धन उगाही करते हैं जनता परेशान होकर मजबूरन उन्हें देना पड़ता है अलग से बिल भी हर महीने देना पड़ता है इतना होने के बाद भी जनता परेशान है आखिर क्यों
रिपोर्ट डी आर एस न्यूज नेटवर्क
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