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अकीदत से मनाया गया शब-ए- बरात रात भर गुलजार रही मस्जिदें व कब्रगाहें

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गाजीपुर:रिपोर्ट मोहम्मद कादिर:सदर क्षेत्र में शब-ए-बारात का पर्व पूरी अकीदत के साथ मनाया गया।  क्षेत्र के विभिन्न कब्रिस्तानों में अपने पुरखों की कब्र पर लोगों ने अगरबत्ती जलाकर फातिहा  पढ़ी। वही मस्जिदों  इबादतगाहों  अजाखानोंव आस्तानों में रात भर विशेष नमाज  दुआ एंव आमाल किया गया। मस्जिदों व घरों की विशेष तौर से सजावट की गई। अनेक किस्म की कतलिया और हलुआ का विशेष पकवान घरों में बड़ी पाकीजगी से बनाया गया। जामे मस्जिद के इमामे जुम्मा आफताब आलम ने दैनिक राष्ट्रसाक्षी के पत्रकार मोहम्मद कादिर  बताते है कि इस्लामी कैलेंडर के आठवे महीने को शाबान कहा जाता है। माहे शाबान के 15वीं की रात को शब-ए-बारात कहा जाता है। शब-ए-बारात का अर्थ है एक बुलंदी वाली रात। क्यों कि इस रात को अल्लाह पाक के दरबार में तौबा कबूल होती है। इस रात को अल्लाह की रहमतों व नेकियों के दरवाजे खुल जाते हैं। बरकतों का नजूल होता है और बंदों के खताये  गुनाहे बारगाहे इलाही में माफ किया जाता है। इस महीना को हजरत मोहम्मद सलल्ललाहे अलैहे व सल्लत का महीना करार दिया गया है। मजहबे इस्लाम के पैगम्बार हजरत मोहम्मद  सल्ले ने फरमाया है कि शब-ए-बारात की पूरी रात इबादत करो और दिन में रोजा रखो। इस रात को अल्लाह के जानीब से बंदों के लिए रोजी-रोटी  हयात-व-मौत व दिगर काम की सूची तैयार फेहरिस्त  की जाती है। शब-ए-बारात की पूरी रात अल्लाह की इबादत में गुजारना बहुत बड़ी नेकी है। इस रात के पहले हिस्से में कब्रिस्तान जाकर पूर्वजों के कब्रों की जियारत करने और दूसरे हिस्से में कुरआन पाक कि तिलावत  नफल व तहजूद की नमाज अदा किआ जाता है  अल्लाह से अपनी गुनाहों की मगफीरत मांग ने से अल्लाह बंदों के गुनाहों को माफ कर देते हैं।
शहरी क्षेत्र  मिश्रबाजार स्थित बड़े व छोटे इमामबाड़े में लोगों की काफी संख्या दिखा जिसमे वक्फ बोर्ड 13 बड़े इमामबाड़े के मतवाली गुड्डू खान अपनी मां-बाप के मजारों पर मरहूम उस्मान खान पत्नी सुल्ताना की मजार पर फातिया मतवल्ली सैयदवाड़ा मरहूम इम्तियाज हुसैन सिद्दीकी व अहेलियां मेराजून निशा व बेटे मरहूम मोहम्मद मोहिउद्दीन सिद्दीकी की दादी मरहूम मजिदुन निशा व दादा मरहूम हाजी अली नसीर की मजार पर मरहूम मोहिउद्दीन के बेटे मोहम्मद हारिस मोहम्मद कादिर नादिर मोहिउद्दीन सिद्दीकी पोते सारिम अयान अरहान नाती सैय्यद माहिद और इम्तियाज हुसैन के बेटे अबरार हुसैन सिद्दीकी इजहार हुसैन सिद्दीकी पोते सालिक मरहूम मोहिउद्दीन की मोमानी मरहूम सफिया बेगम की मजार पर अनवर सिद्दीकी व साजिद सिद्दीकी पोते बिट्टू उनकी मजार पर अगरबत्ती फुल चढ़ा कर फातिया पढ़ा और उनकी अरवाह को बख्शा वही मोहल्ला बरबराहना के  डा0 आजम कादरी का पूरा परिवार बड़े इमामबाड़े में अपने परिवार के साथ उपस्थित होकर डा. आजम कादरी ने मरहूम  वालिदैन व भाई की मजारों पर बड़े अकीदत्त के साथ फातिया पढ़ कर अरवाह को बख्शा व मग़फीरत की दुआ की मोहल्ला सैयदवाड़ा की मरहूम अमीना खातून की मजार पर उनके बेटे सिपक ने अगरबत्ती वह फूल चढ़ाकर फातिहा पढ़कर उनको बख्शा और मग़फीरत की दुआ की। शहर के विभिन्न मजारों व कब्रिस्तान पर काफी संख्या में लोग  उपस्थित होकर अगरबत्ती फूल चादर चढ़ा कर उन सभी लोगों ने फातिया पढ़ा और अरवाह को बख्शा और उनके मग़फीरत की दुआ किया। और रौजा राईनी कॉलोनी कब्रिस्तान में मरहूम मोहम्मद अली की मजार पर उनके बेटे इम्तियाज अली और उनके साले आजाद ने अगरबत्ती जला कर फातिया पढ़कर उनकी अरवाह को बख्शा व मगफरत के लिए दुआ किया।  गुरु के बाग उजरकी गज़ कब्रिस्तान में हसीन अंसारी ए बी टी न्यूज़ के रिपोर्टर अपनी वाल्दा वाल दैन की मजार पर पहुंचकर फातिया पढ़कर उनकी अरवाह को बख्शा और उनके मग़फीरत के लिए दुआ की। जहां शब-ए-बारात व होली त्योहार को लेकर पुलिस प्रशासन छोटे व बड़े इमामबाड़े व शहर की तमाम कब्रिस्तानों पर मुस्तैद रही व उच्चधिकारी रात भर चक्रमण करते रहे।
डीआरएस न्यूज़ नेटवर्क

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