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हड़ताल उपभोक्ताओं को मुआवजा को लेकर उपभोक्ता परिषद ने की नियामक आयोग में याचिका दाखिल

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लखनऊ हड़ताल को लेकर उपभोक्ताओं को मुआवजा को लेकर उपभोक्ता परिषद ने की नियामक आयोग में याचिका दाखिल
लखनऊ। उपभोक्ता परिषद ने हडताल व कार्य बहिष्कार से पूरे प्रदेश में हुए नुकसान की भरपाई उपभोक्ताओं से ना करने और उसका लाभ स्टैंडर्ड ऑफ परफारमेंस रेगुलेशन 2019 के तहत विद्युत उपभोक्ताओं को मुआवजा दिलाने के लिए दाखिल की आयोग में लोक महत्व याचिका। उपभोक्ता परिषद ने कहा जहां उत्पादन इकाइयों की बंदी से लगभग 100 करोड़ और कुल नुकसान लगभग 600 से 700 करोड़ का है अनुमान। उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने नियामक आयोग चेयरमैन आर पी सिंह व सदस्य से मुलाकात कर की चर्चा कहा हडताल व कार्य बहिष्कार से प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं ने उठाई है काफी समस्या ऐसे में उन्हें कानूनन मुआवजा दिलाए नियामक आयोग। विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन ने दिया उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष को आश्वासन जनहित में उपभोक्ताओं के हित में आयोग लेगा फैसला पावर कारपोरेशन से जल्द रिपोर्ट मगाकर कानून की परिधि में की जाएगी कार्रवाई।
प्रदेश की सभी बिजली कंपनियों में पिछले 5 दिनों में कार्य बहिष्कार व हडताल से प्रदेश के उपभोक्ताओं को अनेकों जनपदों में काफी समस्या उठानी पडी उद्योग कल कारखाने विद्युत ब्रेकडाउन के चलते बंद करने पडे जिसकी वजह से जहां प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं का लगभग 600 से 700 करोड का नुकसान हुआ। उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने आज विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन श्री आर पी सिंह व सदस्य बीके श्रीवास्तव से मुलाकात कर एक लोक महत्त्व याचिका दाखिल की उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष ने विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आर पी सिंह से चर्चा हुआ करते हुए कहा पिछले 4 दिनों में प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को जो समस्याएं उठानी पडी वह बहुत ही गंभीर मामला है ऐसे में विद्युत नियामक आयोग को विद्युत अधिनियम 2003 के प्रावधानों के अनुसार कठोर कार्यवाही करना चाहिए। विद्युत नियामक आयोग के चेयरमैन आर पी सिंह उपभोक्ता परिषद अध्यक्ष को आश्वासन दिया कि निश्चित तौर पर मामला काफी गंभीर है विद्युत नियामक आयोग इसमें प्रावधानों के अनुसार रिपोर्ट मंगा कर जनहित में कार्रवाई करेगा।
उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा द्वारा विद्युत नियामक आयोग में दाखिल याचिका में प्रमुख रूप से यह मुद्दा उठाया गया है कि विद्युत व्यवधान के चलते उपभोक्ताओं को कई दिनों तक परेशानी उठानी पडी उसके एवज में ऐसे सभी जनपदों को चिन्हित करके जहां पर विद्युत उपभोक्ताओं को सुचारू विद्युत आपूर्ति नहीं दी गई उन्हें स्टैंडर्ड ऑफ परफॉर्मेंस कानून 2019 के तहत मुआवजा दिलाया जाए प्रदेश में बडे पैमाने पर अनेकों जनपदों में उद्योगों की सप्लाई बाधित की गई जिससे जहां उनका सैकडों करोड का नुकसान हुआ वहीं सैकडों करोड का राजस्व भी नहीं प्राप्त हो पाया पूरे प्रदेश में अगर यह आकलन कराया जाए तो शायद यह नुकसान लगभग 200 से 250 करोड तक पहुंच सकता है। प्रदेश में बडे पैमाने पर यह स्थिति खडी हो गई थी कि प्रदेश के उपभोक्ताओं ने अपने मोबाइल को चार्ज करने के लिए किराए का जनरेटर लगवा कर पैसा खर्च करके अपना मोबाइल चार्ज करया आगे क्या हाल होगा आयोग कुछ समझ सकता है जिसकी भी भरपाई कराया जाना उचित होगा। हद तो तब हो गई जब अनेकों विद्युत उत्पादन इकाइयां भी बंद हो गई यदि उसका आकलन किया जाए तो लगभग 100 करोड से ज्यादा का नुकसान यहां भी उठाना पडा इसका भी खामियाजा जनता ना भुगते आयोग इस पर भी निर्णय करें। प्रदेश में पिछले 4 दिनों की हडताल में जिन विद्युत उपभोक्ताओं की बिलिंग डेट रही होगी और वह बिजली का भुगतान नहीं कर पाए हैं उनकी बिलिंग डेट को आगे बढाया जाए और ऐसे उपभोक्ताओं भी सरचार्ज ना वसूला जाए। जिन भी विद्युत उपभोक्ताओं को विद्युत आपूर्ति नहीं की गई निश्चित तौर पर उनसे फिक्स्ड चार्ज अथवा डिमांड चार्ज न वसूला जाए ऐसे में उसे भी माफ किया जाना संवैधानिक परिपाटी के तहत उचित रहेगा। विद्युत व्यवस्थापन के नुकसान का आकलन भी किया जाना चाहिए और इसका भार उपभोक्ताओं पर किसी भी स्तर से ना पडे इस पर भी आयोग विचार करें । सब मिलाकर पूरे प्रदेश के विद्युत उपभोक्ताओं को अनेकों जनपदों में विद्युत आपूर्ति नहीं मिली राजस्व का नुकसान हुआ उत्पादन का नुकसान हुआ ऐसे में सभी का यदि आकलन निकाला जाए तो यह आकलन लगभग 600 से 700 करोड के बीच में आएगा ऐसे में इसका खामियाजा प्रदेश की जनता को न भुगतना पडे आयोग इसको टैरिफ में भी शामिल करें और उपभोक्ताओं को मुआवजा कानून के तहत मुआवजा दिलाने पर भी विचार करें।

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