गाजीपुर:रिपोर्ट मोहम्मद कादिर: ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधक के नकारात्मक रवैये के चलते ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते का क्रियान्वयन न होने से बिजलीकर्मियों में भारी रोष नजर आ रहा है। मांगे पूरी न होने पर विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने 16 मार्च की रात्रि से 72 घंटे की हड़ताल पर जाने की विवशता बताई है। विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने ऊर्जा निगमों के शीर्ष प्रबंधक के नकारात्मक रवैये के चलते बने अनावश्यक टकराव को टालने हेतु प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से हस्तक्षेप कराने की अपील की है। समिति के संयोजक निर्भय नारायण सिंह ने कहा कि ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा एवं मुख्यमंत्री के मुख्य सलाहकार अविनाश अवस्थी के साथ विगत 03 दिसंबर को हुए लिखित समझौते के क्रियान्वयन में सबसे बड़ी बाधा उर्जा निगमों के चेयरमैन का रवैया है जो कि ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते को मनमाने से इंकार कर रहे हैं। ऊर्जा निगमों के चेयरमैन का रवैया इतना नकारात्मक है कि वह शक्ति भवन में उपस्थित रहते हुए अपर मुख्य सचिव ऊर्जा से संघर्ष समिति की वार्ता में उपस्थित नहीं रहते हैं। कर्मचारी नेताओं ने कहा कि यदि 16 मार्च तक ऊर्जा मंत्री के साथ हुए समझौते क्रियान्वयन सुनिश्चित न किया गया तो 16 मार्च की रात्रि 10 बजे से उप्र के सभी ऊर्जा निगमों के तमाम बिजली कर्मचारी जूनियर इंजीनियर अभियंता एवं निवेदक संविदा कर्मी 72 घंटे की हड़ताल पर जाने हेतु बाध्य होंगे। हड़ताल पर जाने के पूर्व बिजली कर्मी 14 मार्च को प्रदेश के सभी जनपदों का बिजली परियोजनाओं पर शांतिपूर्वक मशाल जुलूस निकालेंगे।
डीआरएस न्यूज़ नेटवर्क
No comments:
Post a Comment