जौनपुर। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय सभागार में पांच बैच में 229 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ) को नियमित टीकाकरण तथा वैक्सीन प्रेवेन्टेबल डिजीज सर्विलांस के लिए प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ लक्ष्मी सिंह, जिला प्रतिरक्षण अधिकारी (डीआईओ) डॉ नरेन्द्र सिंह ने गर्भवती तथा अभिभावकों से अपील की है कि नियमित टीकाकरण सत्र पर जाकर गर्भवती और बच्चों को सभी टीके लगवाएं।
डीआईओ डॉ नरेन्द्र सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान सीएचओ को बताया गया कि बच्चा पैदा होते ही हेपेटाइटिस-बी, बीसीजी और जीरो डोज पोलियो की दी जाती है। पांच साल की उम्र तक बच्चों को 11 प्रकार के टीके 13 जानलेवा बीमारियों से बचाव करने के लिए लगाए जाते हैं। इसके लिए समुदाय को पांच साल, सात बार का संदेश दिया जाता है। इसका अर्थ है कि पांच साल की उम्र तक बच्चों को सात बार टीका लगवाने जाना होगा जिसमें सभी 11 प्रकार के टीके लगा दिए जाएंगे और बच्चा पूर्ण सुरक्षित हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार जैसे ही गर्भ का पता चलता है महिला को पहला टिटनेस डिप्थीरिया (टीडी) का टीका लगाया जाता है। इसके ठीक एक महीने बाद टीडी का दूसरा टीका लगाया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान सीएचओ को बताया कि बच्चों और गर्भवती को कौन सा टीका कब-कब दिया जाएगा, टीका देने का तरीका, ई-कवच पर उसे अपडेट करने का तरीका बताया गया। इसके साथ ही आशा कार्यकर्ता, आशा संगिनी और एएनएम के साथ मिलकर उनके कार्यों की मॉनिटरिंग करते हुए शत-प्रतिशत टीकाकरण कराने की जिम्मेदारी दी गई। बताया गया कि इसके माध्यम से नियमित टीकाकरण कार्यक्रम को सुदृढ़ जाएगा। केंद्र तथा प्रदेश सरकार के निर्देश के तहत ग्रामीण स्तर पर बने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर तैनात सीएचओ को गर्भवती और बच्चों के नियमित टीकाकरण में शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल करने के लिए जिम्मेदारियां सौंपी गईं है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 के फरवरी माह तक कुल 1,13,574 लोगों को टीकाकरण से आच्छादित किया जा चुका है जो कि लगभग शत-प्रतिशत है। इस वर्ष भी गर्भवती और बच्चों के शत-प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। यह कार्य सीएचओ की सहभागिता से पूर्ण होगा।
डीआईओ डॉ नरेन्द्र सिंह ने बताया कि प्रशिक्षण के दौरान सीएचओ को बताया गया कि बच्चा पैदा होते ही हेपेटाइटिस-बी, बीसीजी और जीरो डोज पोलियो की दी जाती है। पांच साल की उम्र तक बच्चों को 11 प्रकार के टीके 13 जानलेवा बीमारियों से बचाव करने के लिए लगाए जाते हैं। इसके लिए समुदाय को पांच साल, सात बार का संदेश दिया जाता है। इसका अर्थ है कि पांच साल की उम्र तक बच्चों को सात बार टीका लगवाने जाना होगा जिसमें सभी 11 प्रकार के टीके लगा दिए जाएंगे और बच्चा पूर्ण सुरक्षित हो जाएगा।
उन्होंने कहा कि इसी प्रकार जैसे ही गर्भ का पता चलता है महिला को पहला टिटनेस डिप्थीरिया (टीडी) का टीका लगाया जाता है। इसके ठीक एक महीने बाद टीडी का दूसरा टीका लगाया जाता है। प्रशिक्षण के दौरान सीएचओ को बताया कि बच्चों और गर्भवती को कौन सा टीका कब-कब दिया जाएगा, टीका देने का तरीका, ई-कवच पर उसे अपडेट करने का तरीका बताया गया। इसके साथ ही आशा कार्यकर्ता, आशा संगिनी और एएनएम के साथ मिलकर उनके कार्यों की मॉनिटरिंग करते हुए शत-प्रतिशत टीकाकरण कराने की जिम्मेदारी दी गई। बताया गया कि इसके माध्यम से नियमित टीकाकरण कार्यक्रम को सुदृढ़ जाएगा। केंद्र तथा प्रदेश सरकार के निर्देश के तहत ग्रामीण स्तर पर बने हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर तैनात सीएचओ को गर्भवती और बच्चों के नियमित टीकाकरण में शत-प्रतिशत उपलब्धि हासिल करने के लिए जिम्मेदारियां सौंपी गईं है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2022 के फरवरी माह तक कुल 1,13,574 लोगों को टीकाकरण से आच्छादित किया जा चुका है जो कि लगभग शत-प्रतिशत है। इस वर्ष भी गर्भवती और बच्चों के शत-प्रतिशत टीकाकरण का लक्ष्य रखा गया है। यह कार्य सीएचओ की सहभागिता से पूर्ण होगा।
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