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एनकाउंटर आखिर गलत कैसे,नहीं लेंगे शव,जानें क्या बोली शूटर गुलाम की मां

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प्रयागराज।जरायम की दुनिया का बेताज बादशाह माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और शूटर मोहम्मद ग़ुलाम को स्पेशल टास्क फोर्स (एसटीएफ) ने गुरुवार को झांसी के बड़ागांव थाना क्षेत्र में इनकाउंटर में ढेर कर दिया। एसटीएफ ने बताया कि दोनों अपराधियों को सरेंडर करने के लिए कहा गया तो उन्होंने गोली चला दी और आत्मरक्षा में पुलिस ने गोली चलाई और दोनों अपराधी मारे गए।
एनकाउंटर के बाद असद और गुलाम के शव का गुरुवार देर रात पोस्टमार्टम हुआ।आज असद और गुलाम के शव को प्रयागराज लाया जाएगा।दोनों के शव परिजनों को नहीं दिया जाएगा। दोनों शव पुलिस ख़ुद प्रयागराज लेकर आएगी और यहां अपनी निगरानी में सुपुर्द-ए-ख़ाक करायेगी। क़ानून व्यवस्था न बिगड़ें इसके लिए यह व्यवस्था की गई है।
एक तरफ जहां असद अहमद और शूटर गुलाम के एनकाउंटर पर सवाल उठे रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ गुलाम के परिजनों ने यूपी पुलिस की जमकर तारीफ की है। गुलाम की मां खुशनुदा और भाई राहिल ने कहा कि यूपी एसटीएफ ने कुछ गलत नहीं किया,एनकाउंटर की कार्रवाई सही है।अगर कोई इस तरह का कार्य करता है तो आप उसका समर्थन कैसे कर सकते हैं।
शूटर गुलाम की मां खुशनुदा ने कहा कि जितने भी गंदा काम करने वाले हैं वह ज़िंदगी भर याद रखेंगे।पुलिस ने कोई गलत नहीं किया, तुमने किसी को मारकर गलत किया और जब तुम्हारे पर कोई आया तो हम उसको गलत कैसे कहें।मैं शव को नहीं लूंगी।उसकी पत्नी का उन पर हक है, मैं उसको मना नहीं कर सकती।
एनकाउटंर पर गुलाम के भाई राहिल ने कहा कि सरकार की तरफ से एनकाउंटर की कार्रवाई सही है।उन्होंने बहुत जघन्य कार्य किया है,जिसका हम समर्थन नहीं करते।हम उनका शव लेने नहीं जाएंगे।हमने थानाध्यक्ष को अपनी बात बता दी है।राहिल ने कहा कि अगर कोई इस तरह का कार्य करता है तो आप उसका समर्थन कैसे कर सकते हैं।जानें कैसे हुआ असद और गुलाम का एनकाउटंर
यूपी एसटीएफ को मुखबिर ने सूचना दी कि झांसी के पारीछा में उमेश पाल हत्याकांड का बमबाज गुड्डू मुस्लिम सतीश पांडेय के घर में छिपा है।सूचना पर फौरन एसटीएफ की टीम मौके पर दबिश देने पहुंची, लेकिन तब तक गुड्डू मुस्लिम वहां से निकल चुका था।तभी एसटीएफ को माफिया अतीक अहमद के बेटे असद अहमद और शूटर ग़ुलाम की भी झांसी के आसपास मौजूद होने की खबर मिली।
इसके बाद एसटीएफ के सोर्स एक्टिव हो गए और असद व गुलाम की लोकेशन का पता चल गया।एसटीएफ की टीम दो गाड़ियों से असद और गुलाम को खोजने निकल पड़ी थी। मुखबिर ने एसटीएफ को पूरा हुलिया बता दिया था।असद और गुलाम काले और लाल रंग की एक बाइक पर निकले हैं।असद सफेद रंग के पठान सूट और काली टोपी में है। गुलाम गहरे हरे रंग की हाफ टीशर्ट, फुल लोअर और सिर पर रुमाल बांधे है। इतना पुख्ता हुलिया मिलते ही एसटीएफ की टीम दोनों को खोजने लगी।
एसटीएफ टीम को पारीछा बांध मोड़ के लगभग 100 मीटर पहले हुलिये से मिलती जुलती बाइक और दो बाइक सवार दिखे।एसटीएफ उनके पीछे लग गई।बाइक की रफ्तार तेज हो गई।एसटीएफ की कार भी तेज़ी से भागने लगी।आगे-आगे असद और गुलाम भाग रहे थे तो पीछे-पीछे एसटीएफ की कार दौड़ रही थी।पक्की सड़क का हिस्सा ख़त्म होने वाला था।अब तक एसटीएफ लगभग डेढ़ किलोमीटर तक दोनों का पीछा कर चुकी थी, लेकिन बाइक पर सवार असद और गुलाम रुकने को तैयार नहीं थे।
दोनों ने अपनी बाइक कच्चे रास्ते की तरफ मोड़ दी थी। दोनों कच्चे रास्ते पर भी लगभग सौ मीटर तक भाग चुके थे। ये वो इलाका था, जहां पारीछा पावर प्लांट से निकली हुई राख का भी स्टॉक किया जाता है।सड़क के दाईं ओर के हिस्से में ऐश पॉन्ड था यानी पावर प्लांट ने निकली बारीक राख जो काफी फिसलन भरी होती है।तभी दोनों की बाइक फिसलकर सड़क के बाईं ओर के इस गड्ढेनुमा इलाके में गिर गई।एसटीएफ के मुताबिक, इसी जगह पर असद और गुलाम ने भौगोलिक स्थिति की आड़ लेते हुए गोलियां चलानी शुरू कर दी।
एसटीएफ ने बताया है कि असद और गुलाम को पहले पुलिस ने जिंदा पकड़ने की कोशिश की,लेकिन जब दूसरी तरफ से ताबड़तोड़ फायरिंग होने लगी तो पुलिस ने भी गोली चलाई और दोनों ढेर हो गए।

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