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जिंदा हूँ,मुझे मुर्दा कहने से उन्हे कोई लाभ है क्या ग़रीब को हर कोई काहे मारना चाहता है

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अयोध्या मामला जनपद के कोतवाली नगर क्षेत्र से जुड़ा है जहाँ किशन पुत्र भग्गू, निवासी कुम्हारन का टोला,नाका चुंगी जनपद अयोध्या नाम के व्यक्ति ने एक शिकायत फतेहगंज चौकी मे दिया कि उसके घर मे उनकी सौतेली बेटी सोनी उर्फ़ सोनिया ने अपने मित्र अभय के साथ मिलकर चोरी की है जिसमे उसकी स्वर्गवासी पत्नी के गहने थे चोरी करते उसके नाबालिग 12 वर्षीय लड़के अंशू ने सोनी और उसके मित्र को रोका तो उन लोगों ने उसकी पिटाई की, मोहल्लेवासियों के आ जाने से सोनी और अभय वहाँ से भाग निकले ,पीड़ित को घटना की सूचना नाबालिग अंशू ने दी थी वह जब अपने किराये के कमरे पर भाग कर आया तो पड़ोसियों ने सारी घटना उसे बताई, जिसके वह चौकी प्रभारी के पास गया और उन्हे सारी घटना बताई लेकिन चौकी इंचार्ज ने पीड़ित को भगा दिया और कहा एस पर कोई कार्यवाही नही होगी, जिसके बाद पीड़ित ने वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अयोध्या को प्रार्थना पत्र दिया जिसके बाद भड़के चौकी इंचार्ज ने पीड़ित को नाका चुंगी चौराहे पर बुलाकर माँ ,बहन की भद्दी भद्दी व जाति सूचक गालियाँ दी और जमकर अपमान किया साथ ही अवैध असलहे, मादक पदार्थ गांजा ,देह व्यापार व बलात्कार के फर्जी केस मे फ़साकर जेल भेजने की धमकी दी , जिसके लिए भी पीड़ित ने दारोगा के खिलाफ सीओ नगर सहित,वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अयोध्या/ डीआईजी व अवध की दुनिया मीडिया समूह को प्रार्थना पत्र देकर कार्यवाही की मांग और उसकी आवाज उठाने मांग की और जिस पर ख़बर चलने के बाद आरोपी चौकी इंचार्ज को बचाने के लिए पूरा पुलिस महकमा लग गया और जल्दबाजी मे लीपापोती करने के लिए आरोपी सोनी व उसके सहयोगी अभय को बुलाकर एक प्रार्थना पत्र लिखवा दिया और सारी घटना को सिर्फ़ फ़र्जी बताते हुए पीड़ित के प्रार्थना पत्र को निस्तारित कर दिया और सीओ ऑफिस बुलाकर सारी घटना की जानकारी लिया और प्रार्थना पत्र वापस लेने का दबाव बनाया जब पीड़ित ने मना किया तो पीड़ित से प्रार्थना पत्र पर हस्ताक्षर ले लिए क्योकि पीड़ित किशन पढ़ा लिखा नही है तो उसे पता नही है की उसमे क्या लिखा था जिसके बाद आरोपी चौकी इंचार्ज और सोनी और उसके सहयोगी पर आज तक कोई कार्यवाही नही किया गया और पूरे मामले पर लीपापोती कर दी गई, उप निरीक्षक द्वारा मामले की रिपोर्ट मे लिखा गया, की जांच की गई  सोनी के माता- पिता की मृत्यु हो गई है और लड़की बेसहारा और परेशान है और किशन के सारे आरोप बेबुनियाद हैं और उसने 2 शादी की थी जबकि इन बातों का चोरी की घटना से कोई संबंध नही है , जब पीड़ित को रिपोर्ट की जानकारी हुई तो उसने हमारे व्युरो को जांच रिपोर्ट के बारे में बताया और जानकारी दिया की सोनी का पिता नक्छेद जीवित है चौकी इंचार्ज के खिलाफ शिकायत करने से पूरा पुलिस प्रशासन उसके खिलाफ हो गया है और आरोपी सोनी और उसके प्रेमी को मोहरा बनाकर मामले को दबाने मे लगा है और बिना वजह नक्छेद को मृतक बताया जा रहा है, हमारी अवध की दुनिया टीम द्वारा नक्छेद के पते के आधार पर उसकी खोज की गई और किशन की बात सही साबित हुई, पुलिस रिपोर्ट मे मरा व्यक्ति नक्छेद जीवित है उसने हमारे व्युरो से बात करते हुए बताया कि पूरी घटना से मेरा कोई लेना देना नही होने पर भी मुझे मृतक बताया जा रहा है जो मेरे सम्मान पर सीधा आघात है मैं दोषी पुलिसकर्मीयों पर कार्यवाही की माँग करता हूँ क्या वो किसी एसएसपी/डीआईजी/मुख्यमंत्री/ प्रधानमन्त्री/जज/कमिशनर को भी मुर्दा लिख सकते है उनकी नौकरी भी जायेगी और उन पर एफआईआर भी होगी, लेकिन आम आदमी को ये चाहे जब मुर्दा बता दे, उस पर भी वही कार्यवाही होनी चाहिए क्या इस देश मे जन  सामान्य की कोई औकात नही है सारे नियम कानून सिर्फ़ नौकरशाहों के लिए हैं, मैं अपने खिलाफ़ हो रही साजिश के खिलाफ कानूनी कार्यवाही के लिए भी तैयार हूँ

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