मुंबई उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले का नाम बदल कर कुशभवनपुर करने की मांग अब उठने लगी है। महाराष्ट्र रामलीला मंडल के महामंत्री सुरेश मिश्रा ने भाजपा के प्रखर राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला को पत्र लिखा है। जिसमें मिश्रा ने कहा है कि मुगल काल में हिंदुस्तानी सभ्यता को दर्शाने वाली कई ऐतिहासिक नामों को बदलकर उनके महत्व और पहचान को मिटाने का प्रयास किया गया था, और मुगल सभ्यता से जुड़े नामों को हम पर थोपा गया था। अब केंद्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ के प्रयासों से पुनः हिंदुस्तानी सभ्यता के खोए हुए सम्मान को स्थापित किए जाने के प्रयास किए जा रहे हैं। फैजाबाद को अयोध्या, इलाहाबाद को प्रयागराज और मुगलसराय को पंडित दीनदयाल उपाध्याय का नाम दिया गया है। इसी तरह से अब सुल्तानपुर का नाम भी बदल कर कुशभवनपुर किए जाने की आवश्यकता है, जिससे हमारी आने वाली भावी पीढ़ी अपने सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को जान सकें और उसका संरक्षण हो सके। प्रदेश के जिन मूल नाम और पहचान को मिटाने का प्रयास मुगल शासन काल के दौरान हुआ। अब पुनः उन मूल नाम और पहचान को स्थापित करने का यही स्वर्णिम अवसर है।
रामलीला मंडल के अध्यक्ष अशोक पांडेय, कोषाध्यक्ष श्रीनिवास मिश्रा और संयुक्त मंत्री रंजीत सिंह ने कहा है कि भाजपा के प्रखर राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला हिंदुस्तानी संस्कृति, भावनाओं और ज्ञान का पक्ष बड़ी ही दृढ़ता के साथ प्रस्तुत करने में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। कर्मभूमि के रूप में शुक्ला वर्षों से मुंबई से जुड़े हुए हैं। मुंबई की धरती पर रहने वाले उत्तर भारतीय समाज के शिरमौर हैं। हमें विश्वास है की प्रेम शुक्ला सुल्तानपुर का नाम बदल कर कुशभवनपुर रखने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे और इस जिले की खोई हुई ऐतिहासिक पहचान को पुनः स्थापित करेंगे।
रामलीला मंडल के अध्यक्ष अशोक पांडेय, कोषाध्यक्ष श्रीनिवास मिश्रा और संयुक्त मंत्री रंजीत सिंह ने कहा है कि भाजपा के प्रखर राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रेम शुक्ला हिंदुस्तानी संस्कृति, भावनाओं और ज्ञान का पक्ष बड़ी ही दृढ़ता के साथ प्रस्तुत करने में अपनी एक अलग पहचान बनाई है। कर्मभूमि के रूप में शुक्ला वर्षों से मुंबई से जुड़े हुए हैं। मुंबई की धरती पर रहने वाले उत्तर भारतीय समाज के शिरमौर हैं। हमें विश्वास है की प्रेम शुक्ला सुल्तानपुर का नाम बदल कर कुशभवनपुर रखने में महत्वपूर्ण योगदान देंगे और इस जिले की खोई हुई ऐतिहासिक पहचान को पुनः स्थापित करेंगे।
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