छह माह तक बच्चे को सिर्फ करायें स्तनपान अलग से कुछ भी देने पर बच्चे में संक्रमण की सम्भावना - DRS NEWS24 LIVE

Breaking

Post Top Ad

छह माह तक बच्चे को सिर्फ करायें स्तनपान अलग से कुछ भी देने पर बच्चे में संक्रमण की सम्भावना

#DRS NEWS 24Live
डायरिया, उल्टी, पेट में सूजन की भी रहती आशंका

जौनपुर, जन्म से छह माह तक के बच्चों को केवल और केवल स्तनपान कराना चाहिए। ऐसा नहीं करने से बच्चे में संक्रमण की सम्भावना रहती है जिसकी वजह से कुपोषित भी हो सकता है। उसे डायरिया, उल्टी सहित कई अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि जनपद में स्तनपान कराने के प्रति जागरूकता बढ़ी है। इसके प्रति और जागरूकता बढ़ाने के लिए 30 जून तक “पानी नहीं केवल स्तनपान” अभियान चलाया जा रहा है।
    जिला महिला अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ दीपक जायसवाल बताते हैं कि कुछ लोगों को यह ग़लतफ़हमी रहती है कि अत्यधिक गर्मी में बच्चों को पानी पिलाने की आवश्यकता होती है, जबकि हकीकत यह है कि मां के दूध में 90 प्रतिशत तक पानी होता है जो बच्चे के पानी की जरूरत को पूरा कर देता है। लिहाजा उसे बाहर से पानी देने की आवश्यकता नहीं होती। छह माह तक के बच्चों को बाहर से घुट्टी, शहद, चीनी का घोल पिलाने से भी उनमें संक्रमण की अत्यधिक संभावना रहती है। यदि उसे पानी पिलाया जाएगा तो छोटा होने के कारण उसका पेट पानी से भर जाएगा और वह मां का दूध नहीं पिएगा और कमजोर हो जाएगा। स्तनपान के अलावा बच्चे को दूसरा कुछ दिए जाने से उसे डायरिया हो सकता  है। उल्टी हो सकती है। पेट में सूजन आ सकती है। इन सभी कारणों से शिशु के जान को भी खतरा रहता है।
    बाल विकास परियोजना अधिकारी (सीडीपीओ) मनोज कुमार वर्मा बताते हैं कि एक मई से 30 जून तक पानी नहीं केवल स्तनपान अभियान चलाया जा रहा है। इसका उद्देश्य स्तनपान के प्रति जागरूकता पैदा करना है। साथ ही छह माह तक बच्चों में केवल स्तनपान कराना सुनिश्चित करना है। उन्होंने बताया कि नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे (एनएफएचएस) के आंकड़े बताते हैं कि तीन वर्ष के भीतर पानी नहीं केवल स्तनपान कराने के प्रति जनपद की धात्री की सोच में जबरदस्त बदलाव आया है। इस दौरान 31 प्रतिशत के करीब जागरूकता बढ़ी है। एनएफएचएस-4 (वर्ष 2016) के दौरान जनपद में केवल 20 प्रतिशत महिलाएं ही स्तनपान कराती थीं जबकि एनएफएचएस-5 (वर्ष 2019-2021 तक) में जागरूकता का प्रतिशत बढ़कर 54.9 प्रतिशत हो गया है। वह कहते हैं कि जागरूकता बढ़ाने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने बहुत कोशिश की है। उन्होंने गर्भावस्था के दौरान गर्भवती और उसके परिवार के लोगों को इस बारे में बार-बार बताकर केवल स्तनपान के प्रति जागरूक किया है । इस अभियान को बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग की तरफ से एक सहयोगी विभाग के रूप में चलाया जा रहा है।
  स्तनपान कराने के प्रति जागरूकता: मुस्तफाबाद  की आठ माह की जुही की माँ  गुड़िया बताती हैं कि  उन्होंने आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ऋचा की सलाह पर अपनी बिटिया को छह माह तक सिर्फ अपना ही दूध पिलाया था जिसके कारण बिटिया पूरी तरह से स्वस्थ है।  विशुनपुर मझवारा गांव की नौ माह की आरवी निषाद की मां प्रतीक्षा निषाद बताती है  कि उन्होंने अपने बच्चे को छह माह तक केवल और केवल स्तनपान कराया। उन्होंने बताया कि गृह भ्रमण के दौरान आंगनबाड़ी बहन सुजाता चतुर्वेदी ने उन्हें छह माह तक केवल स्तनपान के फायदे बताये थे | उनकी सलाह मानकर उन्होंने छह माह तक केवल स्तनपान कराया।
    आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की मेहनत रंग लाई: मुस्तफाबाद की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ऋचा सिंह ने बताया कि गर्भावस्था में प्रत्येक माह वह गुड़िया के घर भ्रमण पर गईं। इस दौरान उन्हें बताया कि बच्चा पैदा होने के छह माह तक केवल और केवल स्तनपान कराना है। ऊपर से कुछ भी नहीं देना है। इसका परिवार वालों ने पालन किया।

No comments:

Post a Comment