इटावा कानपुर देहात में किया था नाबालिग लड़की से बलात्कार, आईजी की जांच में पाया गया था दोषी, रह चुका सस्पेंड थाना अकबरपुर कानपुर देहात में बलात्कार व पोस्को एक्ट, एससी एसटी एक्ट में दर्ज किया गया था मुकदमा
कोतवाल के विरुद्ध खबर छापने को लेकर सीओ सैफई पत्रकार को दे रहा है हिस्ट्रीशीटर बनाने की धमकी । जिस पुलिस से पीड़ित व्यक्ति न्याय मांगने के लिए जाता है अगर न्याय देने वाला नाबलिग बच्ची का बलात्कारी हो तो आप खुद अंदाज लगा सकते हैं कि वह पीड़ितों को क्या न्याय देगा।
मामला इटावा जनपद के कोतवाली का है जहां शहर के मुख्य थाने का कोतवाल बलात्कारी है उसने एक 15 साल की नाबालिक लड़की के साथ न सिर्फ बलात्कार किया था बल्कि उसके गुप्तांगों में भी डंडा मारकर चोट पहुंचाई थी। बेहोश होने पर कोतवाल नाबालिग लड़की को अस्पताल में भर्ती कराकर फरार हो गया और धमकी दी कि अगर किसी को बताया तो अंजाम बुरा होगा।
मामला 8 जुलाई का है जब भूपेंद्र राठी थाना रसूलाबाद जनपद कानपुर देहात में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात था उसने 8 जुलाई को सूरजपुर की एक 15 वर्षीय नाबालिग किशोरी को घर से पुलिस जीप में डाल लाया और उसे जबरन हत्या कबूल करने का दबाव बनाते हुए बुरी तरह मारपीट की और गुप्तांगों में डंडे मारे उसके बाद उस नाबालिग किशोरी के साथ रेप किया पीड़िता उक्त मामले की शिकायत करने आईजी आलोक सिंह के कार्यालय पहुंची। और आईजी को रो-रोकर इंस्पेक्टर की दरिंदगी की कहानी बताई तो आईजी ने तत्काल मामले की जांच एसपी दिनेश पाल सिंह को सौंपी तो दिनेश पाल सिंह ने घटनास्थल का मौका मुआयना कर सारी जांच की जिसमें घटना सही पाई गई। इसके अलावा इंस्पेक्टर ने रात में लड़की को ब्यान लेने के लिए थाने की जीडी में जिक्र नहीं किया इसके बाद भूपेंद्र सिंह राठी को सस्पेंड कर दिया। इंस्पेक्टर के विरुद्ध मुकदमा थाना अकबरपुर कोतवाली में दुष्कर्म, पोस्को एक्ट व एससी एसटी एक्ट में दर्ज किया गया। इसके बाद बलात्कारी कोतवाल फरार हो गया। बलात्कारी कोतवाल की इस खबर को कानपुर देहात के पत्रकारों ने प्रमुखता से छापा था। इसी वजह से इटावा कोतवाल पत्रकारों का सम्मान नहीं करता है। पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश द्वारा लगातार राज्य के आला अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि पत्रकारों के थाने पहुंचने पर उनका यथासंभव सम्मान दें लेकिन इटावा कोतवाल भूपेंद्र राठी पत्रकारों को बैठने के लिए भी नहीं कहता है ना ही शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को खबरों को पत्रकारों को देता है। पत्रकारों के अपमान के इस मुद्दे को इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सुघर सिंह ने जोर शोर से उठाया था और कई अखबारों में खबरें प्रकाशित की थी। और उच्चाधिकारियों व मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत भी की थी जिसकी जांच सीओ सैफई नागेंद्र चौबे ने की उस जांच में नागेंद्र चौबे ने बलात्कारी कोतवाल भूपेंद्र सिंह राठी का पक्ष लेते हुए लिखा सुघर सिंह पत्रकार सैफई फर्जी पत्रकार हैं और इनका संगठन फर्जी है। जब कि सुघर सिंह 22 वर्ष से पत्रकार हैं और कई बड़े समाचार पत्रों में काम कर चुके हैं वर्तमान में स्वतंत्र पत्रकारिता कर रहे हैं और उनकी खबरें अखबारों में नाम से प्रकाशित होती हैं। सुघर सिंह द्वारा सीओ सैफई व जिले भर के पुलिस के अधिकारियों की खबरें कई बार प्रकाशित की हैं उसके बाद भी सीओ ने बलात्कारी कोतवाल को बचाव करते हुए खबरें निकालने वाले पत्रकार को फर्जी बता दिया।होली पर पुलिस लाइन में सम्मान न मिलने से सीओ पत्रकारों से था खफा
एसोसिएशन द्वारा इटावा जनपद में अच्छा कार्य करने वाले जिलाधिकारी, एसएसपी व अपर पुलिस अधीक्षक व सीओ सहित अच्छा कार्य करने वाले एक दर्जन से अधिक थानाध्यक्षों का अच्छे कार्यों को लेकर, पीड़ितों से अच्छे व्यवहार को लेकर, निस्वार्थ भाव से 24 घंटे पीड़ितों की मदद को लेकर, सम्मानित किया गया था। लेकिन सीओ सैफई नागेंद्र चौबे का अच्छा बर्ताव न होने, पुलिस गश्त न करने, ऑफिस में समय न देने, पत्रकारों का अपमान करने, फरियादियों से अभद्रता करने, शासन की योजनाओं की जानकारी पत्रकारों को न देने, सभी सरकारों में मलाईदार थानों की पोस्टिंग पर रहने का घमंड करने, सपा सरकार की धमकी देने, भाजपा सरकार की धमकी देने, बसपा सरकार की धमकी देने, सहित तमाम बिंदुओं को लेकर प्रदेश अध्यक्ष ने सीओ सैफई नागेंद्र चौबे का सम्मान नहीं किया। जिसकी वजह से वह इस संगठन के पत्रकार पदाधिकारियों से खुन्नस मानता था इसलिए उसने दिल्ली से रजिस्टर्ड एसोसिएशन को फर्जी करार दे दिया इस संबंध में पत्रकार का कहना है कि सीओ के विरुद्ध राष्ट्रीय अध्यक्ष को शिकायत की गई है और वह जैसा निर्णय लेंगे उसे अमल में लाया जाएगा अगर आवश्यकता पड़ी तो सीओ के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया
कोतवाल के विरुद्ध खबर छापने को लेकर सीओ सैफई पत्रकार को दे रहा है हिस्ट्रीशीटर बनाने की धमकी । जिस पुलिस से पीड़ित व्यक्ति न्याय मांगने के लिए जाता है अगर न्याय देने वाला नाबलिग बच्ची का बलात्कारी हो तो आप खुद अंदाज लगा सकते हैं कि वह पीड़ितों को क्या न्याय देगा।
मामला इटावा जनपद के कोतवाली का है जहां शहर के मुख्य थाने का कोतवाल बलात्कारी है उसने एक 15 साल की नाबालिक लड़की के साथ न सिर्फ बलात्कार किया था बल्कि उसके गुप्तांगों में भी डंडा मारकर चोट पहुंचाई थी। बेहोश होने पर कोतवाल नाबालिग लड़की को अस्पताल में भर्ती कराकर फरार हो गया और धमकी दी कि अगर किसी को बताया तो अंजाम बुरा होगा।
मामला 8 जुलाई का है जब भूपेंद्र राठी थाना रसूलाबाद जनपद कानपुर देहात में इंस्पेक्टर के पद पर तैनात था उसने 8 जुलाई को सूरजपुर की एक 15 वर्षीय नाबालिग किशोरी को घर से पुलिस जीप में डाल लाया और उसे जबरन हत्या कबूल करने का दबाव बनाते हुए बुरी तरह मारपीट की और गुप्तांगों में डंडे मारे उसके बाद उस नाबालिग किशोरी के साथ रेप किया पीड़िता उक्त मामले की शिकायत करने आईजी आलोक सिंह के कार्यालय पहुंची। और आईजी को रो-रोकर इंस्पेक्टर की दरिंदगी की कहानी बताई तो आईजी ने तत्काल मामले की जांच एसपी दिनेश पाल सिंह को सौंपी तो दिनेश पाल सिंह ने घटनास्थल का मौका मुआयना कर सारी जांच की जिसमें घटना सही पाई गई। इसके अलावा इंस्पेक्टर ने रात में लड़की को ब्यान लेने के लिए थाने की जीडी में जिक्र नहीं किया इसके बाद भूपेंद्र सिंह राठी को सस्पेंड कर दिया। इंस्पेक्टर के विरुद्ध मुकदमा थाना अकबरपुर कोतवाली में दुष्कर्म, पोस्को एक्ट व एससी एसटी एक्ट में दर्ज किया गया। इसके बाद बलात्कारी कोतवाल फरार हो गया। बलात्कारी कोतवाल की इस खबर को कानपुर देहात के पत्रकारों ने प्रमुखता से छापा था। इसी वजह से इटावा कोतवाल पत्रकारों का सम्मान नहीं करता है। पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश द्वारा लगातार राज्य के आला अधिकारियों को निर्देशित किया जाता है कि पत्रकारों के थाने पहुंचने पर उनका यथासंभव सम्मान दें लेकिन इटावा कोतवाल भूपेंद्र राठी पत्रकारों को बैठने के लिए भी नहीं कहता है ना ही शासन द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को खबरों को पत्रकारों को देता है। पत्रकारों के अपमान के इस मुद्दे को इलेक्ट्रॉनिक एवं प्रिंट मीडिया वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष सुघर सिंह ने जोर शोर से उठाया था और कई अखबारों में खबरें प्रकाशित की थी। और उच्चाधिकारियों व मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत भी की थी जिसकी जांच सीओ सैफई नागेंद्र चौबे ने की उस जांच में नागेंद्र चौबे ने बलात्कारी कोतवाल भूपेंद्र सिंह राठी का पक्ष लेते हुए लिखा सुघर सिंह पत्रकार सैफई फर्जी पत्रकार हैं और इनका संगठन फर्जी है। जब कि सुघर सिंह 22 वर्ष से पत्रकार हैं और कई बड़े समाचार पत्रों में काम कर चुके हैं वर्तमान में स्वतंत्र पत्रकारिता कर रहे हैं और उनकी खबरें अखबारों में नाम से प्रकाशित होती हैं। सुघर सिंह द्वारा सीओ सैफई व जिले भर के पुलिस के अधिकारियों की खबरें कई बार प्रकाशित की हैं उसके बाद भी सीओ ने बलात्कारी कोतवाल को बचाव करते हुए खबरें निकालने वाले पत्रकार को फर्जी बता दिया।होली पर पुलिस लाइन में सम्मान न मिलने से सीओ पत्रकारों से था खफा
एसोसिएशन द्वारा इटावा जनपद में अच्छा कार्य करने वाले जिलाधिकारी, एसएसपी व अपर पुलिस अधीक्षक व सीओ सहित अच्छा कार्य करने वाले एक दर्जन से अधिक थानाध्यक्षों का अच्छे कार्यों को लेकर, पीड़ितों से अच्छे व्यवहार को लेकर, निस्वार्थ भाव से 24 घंटे पीड़ितों की मदद को लेकर, सम्मानित किया गया था। लेकिन सीओ सैफई नागेंद्र चौबे का अच्छा बर्ताव न होने, पुलिस गश्त न करने, ऑफिस में समय न देने, पत्रकारों का अपमान करने, फरियादियों से अभद्रता करने, शासन की योजनाओं की जानकारी पत्रकारों को न देने, सभी सरकारों में मलाईदार थानों की पोस्टिंग पर रहने का घमंड करने, सपा सरकार की धमकी देने, भाजपा सरकार की धमकी देने, बसपा सरकार की धमकी देने, सहित तमाम बिंदुओं को लेकर प्रदेश अध्यक्ष ने सीओ सैफई नागेंद्र चौबे का सम्मान नहीं किया। जिसकी वजह से वह इस संगठन के पत्रकार पदाधिकारियों से खुन्नस मानता था इसलिए उसने दिल्ली से रजिस्टर्ड एसोसिएशन को फर्जी करार दे दिया इस संबंध में पत्रकार का कहना है कि सीओ के विरुद्ध राष्ट्रीय अध्यक्ष को शिकायत की गई है और वह जैसा निर्णय लेंगे उसे अमल में लाया जाएगा अगर आवश्यकता पड़ी तो सीओ के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया
No comments:
Post a Comment