गाजीपुर: रिपोर्ट मोहम्मद कादिर:अपर जिलाधिकारी वि0 रा0 की अध्यक्षता में रायफल क्लब सभागार गाजीपुर में बाढ नियंत्रण के संबंध में बाढ स्टेयरिंग कमेटी की बैठक सम्पन्न की। बैठक में संचार व्यवस्था बाढ़ केन्द्र बाढ़ चौकियों बाढ़ शरणालय नावें मंगाने हेतु वाहनों की व्यवस्था पशुओं के चारे व चिकित्सा की व्यवस्था कटाव निरोधक कार्यो के क्षतिग्रस्त स्थल पर मरम्मत राहत कार्यो से सम्बन्धित विभागों संस्थाओं में समन्वय का कार्य बाढ़ से सम्बन्धित अन्य कार्य चिकित्सा व्यवस्था बाढ़ से क्षति के आकड़ों का प्रेषण जिला स्तर पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष तहसील स्तर पर बाढ़ नियंत्रण कक्ष खोज एवं बचाव सम्बन्धी उपकरण प्रशिक्षण लोक निर्माण विभाग द्वारा कराये जाने वाले कार्यो की समीक्षा की गयी।
उन्होने निर्देश दिया कि बाढ़ से प्रभावित ग्रामों में बेहतर संचार व्यवस्था बनाने हेतु बाढ़ प्रभावित प्रत्येक ग्राम के कम से कम दस व्यक्तियों के नाम एवं उनके मोबाइल नम्बर की सूची बना ली जाए। जिसकी एक प्रति तहसील में तथा दूसरी प्रति आपदा कार्यालय में प्रेषित की जाय ताकि बाढ़ के आने की स्थिति में इसकी सूचना पहले से ग्रामिणों को दिया जा सके ताकि जन धन की हानि कम से कम हो सके। ग्रामवार कुछ जागरूक लोगों का वाट्सप ग्रुप बना लिया जाय जिससे कि बाढ़ सूचना का आदान प्रदान त्वरित गति से हो सकेे। बाढ़ केन्द्र पर शौचालय प्रकाश पेयजल भोजन जनरेटर पुरूष एवं महिलाओं के लिए अलग-अलग कक्ष की व्यवस्था की जाय।
बाढ़ चौकियों बाढ़ शरणालय के विषय पर बताया कि जनपद में कुल 107 बाढ़ चौकिया उप बाढ़ केन्द्र स्थापित किये गये है तथा बाढ़ पीड़ितो को आवासीय सुविधा तथा भोजन के दृष्टिगत कुल 27 बाढ़ शरणालय खोले गये है। उपरोक्त सभी स्थानों पर प्रभारी अधिकारी की ड्यूटी लगा दी जाय। बाढ़ के समय नदी में पानी भर जाने पर गॉव वाले अपना घर छोड़ने में आना कानी करते है। जिन्हे सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए तहसीलदार अथवा उपजिलाधिकारी द्वारा प्रेरित किया जायेगा। राहत शिविरों का संचालन नायब तहसीलदारों द्वारा किया जायेगा। सिंचाई विभाग को जूनियर इंजीनियर इन बाढ़ चौकियों से सम्बद्ध रहेगे। प्रत्येक बाढ़ चौकी पर कोटेदार ए0एन0एम0 आशा कार्यकत्री आंगनबाड़ी कार्यकत्री की सूचना उपलब्ध रहेगी। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के उपजिलाधिकारी को निर्देशित किया कि नाव मालिकों एवं इनके संघ के अध्यक्ष से नावों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु वार्ता कर ले। बाढ़ की स्थिति में अतिरिक्त नाव मंगाने की व्यवस्था तहसीलदार द्वारा किया जायेगा। विगत वर्ष में नावों की कमी को ध्यान में रखते हुए बाढ़ प्रभावित ग्राम पंचायतो के द्वारा नयी नावों के क्रय करने का प्रविधान कर नई नाव क्रय भी किया जाय। सभी विभागों से उपलब्ध ट्रक बस जे0सी0बी0 टैकर्स इत्यादि की सूचना मंगाकर आकड़ा सुरक्षित कर लिया जाये जिससे बाढ़ के समय इनका उपयोग किया जा सके। मुख्य जिला पशुधन अधिकारी गाजीपुर निर्देश दिया कि पर्याप्त मात्रा में पशुओं के लिए दवाओं की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाय। बाढ़ के समय अथवा पूर्व पशुओं को संक्रामक रोग के टीके लगाये जायेगे। पशु चिकित्साधिकारी आवश्यकता पड़ने पर भूसा चारा आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कर लें। उन्होने अधिशासी अभियन्ता देवकली पम्प नहर प्रखण्ड प्रथम गाजीपुर तथा जनपद के समस्त उपजिलाधिकारी अपने क्षेत्र के सभी बन्धों का निरीक्षण कर ले यदि कोई बन्धा क्षतिग्रस्त हो या उनमें रेन कट्स एवं रैट होल्स श्याहीमांद हो तो उसका तत्काल मरम्मत करा लिया जाय। बन्धों पर आवश्यक रिजर्व स्टाक सामग्री जैसे बिक्र रोड़ा सीमेन्ट की खाली बोरिया नायलान क्रेट आदि उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाय।
गंगा नदी से कटान वाले ग्रामों तथा जमानिया के पास एन0एच0 24 पर रोड का कटान रोकने के लिए योजना पहले से बना ले ग्राम शेरपुर सेमरा की सुरक्षा हेतु शीघ्र से शीघ्र व्यवस्था की जाय एवं ग्राम पुरैना के नीचे हुए ग्रामों जैसे बयेपुर सोकनी कसेरा बडहरिया रफीपुर एवं महबलपुर आदि कटान की बराबर निगरानी रखी जाय। इसमें किसी प्रकार की शिथिलता न बरती जाय। बन्धों का निरीक्षण कर आख्या एक सप्ताह में आपदा कार्यालय में प्रेषित करें। बाढ़ काल में बन्धों की पेट्रोलिंग कराते रहे। शेरपुर सेमरा पुरैना एवं जमानियॉ क्षेत्र में सभी निर्माणाधीन बाढ़ परियोजनाओं को 15.06.2023 तक अवश्य पूर्ण कर लिया जाय। कासिमाबाद क्षेत्र में गड़ार ड्रेन पर स्थित गड़ार रेगुलेटर के तीनों गेट खुले रखे जाय जिससे कि आसपास के गांवो में जल भराव की समस्या न उत्पन्न होने पाय साथ ही टोन्स नदी के जल स्तर बढ़ जाने पर गेटों के बन्द करने की भी व्यवस्था रखी जाय। सिंचाई विभाग एक नियंत्रण कक्ष की स्थापना करेगा जहॉ पर सारी सूचनाये उपलब्ध रहेगी। वाढ़काल में 24ˣ7 एक कर्मचारी वाढ़ नियंत्रण कक्ष में मोवाइल लैण्डलाइन फोन पर उपस्थित रहकर समस्त सूचनाओं का आदान प्रदान करेगा। उन्होने बाढ़ के समय व अनवरत वर्षा के कारण बिजली के खम्भों के गिर जाने एवं तार टूट जाने से विद्युत व्यवस्था अस्त व्यस्त हो जाती है। विद्युत आपूर्ति की निरन्तरता बनाये रखने एवं तार टूट जाने पर तत्काल बदले जाने का उत्तरदायित्व अधिशासी अभियन्ता विद्युत विभाग का होगा।
उन्होने निर्देश दिया कि बाढ़ प्रभावित ग्रामों का सर्वे रजिस्टर बना लिया जाय। प्रत्येक ग्राम में कितने परिवार है तथा प्रत्येक परिवार में उनका मुखिया कौन है तथा उस परिवार में कितने सदस्य है। उनकी आर्थिक स्थिति तथा आय का स्त्रोत क्या है ताकि बाढ़ राहत कार्य पहुचाने में अनावश्यक विलम्ब न हो। चिकित्सा व्यवस्था की समीक्षा के दौरान प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य क्रेन्द्र सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा जिला चिकित्सालय में साप कटाने की दवा एन्टी स्नेक वेमन उपलब्ध रखी जाय जिससे कि आवश्कयता पड़ने पर तत्काल रोगियों का उपचार किया जा सके। दैवी आपदा से बचाव हेतु जिन ट्रेनरों को प्रशिक्षित किया गया हैं उनसे बाढ़ राहत कार्य में गये कर्मियों को प्रशिक्षित कराया जाय। ताकि बाढ़ आने की स्थिति में बचाव व राहत का कार्य सही ढ़ग से किया जा सके तथा एन0डी0आर0एफ0 द्वारा समस्त विकास खण्ड स्तर पर प्रशिक्षिण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। बैठक में अपर पुलिस अधीक्षक शहरी अधि0अभि0 विद्युत मुख्य पुशचिकित्साधिकारी जिला पंचायत राज अधिकारी समस्त अधि0 अधि0 नगर पालिका नगर पंचायत जिला पूर्ति अधिकारी उप निदेशक कृषि एवं अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहें।
डीआरएस न्यूज नेटवर्क
बाढ़ चौकियों बाढ़ शरणालय के विषय पर बताया कि जनपद में कुल 107 बाढ़ चौकिया उप बाढ़ केन्द्र स्थापित किये गये है तथा बाढ़ पीड़ितो को आवासीय सुविधा तथा भोजन के दृष्टिगत कुल 27 बाढ़ शरणालय खोले गये है। उपरोक्त सभी स्थानों पर प्रभारी अधिकारी की ड्यूटी लगा दी जाय। बाढ़ के समय नदी में पानी भर जाने पर गॉव वाले अपना घर छोड़ने में आना कानी करते है। जिन्हे सुरक्षित स्थान पर ले जाने के लिए तहसीलदार अथवा उपजिलाधिकारी द्वारा प्रेरित किया जायेगा। राहत शिविरों का संचालन नायब तहसीलदारों द्वारा किया जायेगा। सिंचाई विभाग को जूनियर इंजीनियर इन बाढ़ चौकियों से सम्बद्ध रहेगे। प्रत्येक बाढ़ चौकी पर कोटेदार ए0एन0एम0 आशा कार्यकत्री आंगनबाड़ी कार्यकत्री की सूचना उपलब्ध रहेगी। बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के उपजिलाधिकारी को निर्देशित किया कि नाव मालिकों एवं इनके संघ के अध्यक्ष से नावों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु वार्ता कर ले। बाढ़ की स्थिति में अतिरिक्त नाव मंगाने की व्यवस्था तहसीलदार द्वारा किया जायेगा। विगत वर्ष में नावों की कमी को ध्यान में रखते हुए बाढ़ प्रभावित ग्राम पंचायतो के द्वारा नयी नावों के क्रय करने का प्रविधान कर नई नाव क्रय भी किया जाय। सभी विभागों से उपलब्ध ट्रक बस जे0सी0बी0 टैकर्स इत्यादि की सूचना मंगाकर आकड़ा सुरक्षित कर लिया जाये जिससे बाढ़ के समय इनका उपयोग किया जा सके। मुख्य जिला पशुधन अधिकारी गाजीपुर निर्देश दिया कि पर्याप्त मात्रा में पशुओं के लिए दवाओं की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली जाय। बाढ़ के समय अथवा पूर्व पशुओं को संक्रामक रोग के टीके लगाये जायेगे। पशु चिकित्साधिकारी आवश्यकता पड़ने पर भूसा चारा आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कर लें। उन्होने अधिशासी अभियन्ता देवकली पम्प नहर प्रखण्ड प्रथम गाजीपुर तथा जनपद के समस्त उपजिलाधिकारी अपने क्षेत्र के सभी बन्धों का निरीक्षण कर ले यदि कोई बन्धा क्षतिग्रस्त हो या उनमें रेन कट्स एवं रैट होल्स श्याहीमांद हो तो उसका तत्काल मरम्मत करा लिया जाय। बन्धों पर आवश्यक रिजर्व स्टाक सामग्री जैसे बिक्र रोड़ा सीमेन्ट की खाली बोरिया नायलान क्रेट आदि उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाय।
गंगा नदी से कटान वाले ग्रामों तथा जमानिया के पास एन0एच0 24 पर रोड का कटान रोकने के लिए योजना पहले से बना ले ग्राम शेरपुर सेमरा की सुरक्षा हेतु शीघ्र से शीघ्र व्यवस्था की जाय एवं ग्राम पुरैना के नीचे हुए ग्रामों जैसे बयेपुर सोकनी कसेरा बडहरिया रफीपुर एवं महबलपुर आदि कटान की बराबर निगरानी रखी जाय। इसमें किसी प्रकार की शिथिलता न बरती जाय। बन्धों का निरीक्षण कर आख्या एक सप्ताह में आपदा कार्यालय में प्रेषित करें। बाढ़ काल में बन्धों की पेट्रोलिंग कराते रहे। शेरपुर सेमरा पुरैना एवं जमानियॉ क्षेत्र में सभी निर्माणाधीन बाढ़ परियोजनाओं को 15.06.2023 तक अवश्य पूर्ण कर लिया जाय। कासिमाबाद क्षेत्र में गड़ार ड्रेन पर स्थित गड़ार रेगुलेटर के तीनों गेट खुले रखे जाय जिससे कि आसपास के गांवो में जल भराव की समस्या न उत्पन्न होने पाय साथ ही टोन्स नदी के जल स्तर बढ़ जाने पर गेटों के बन्द करने की भी व्यवस्था रखी जाय। सिंचाई विभाग एक नियंत्रण कक्ष की स्थापना करेगा जहॉ पर सारी सूचनाये उपलब्ध रहेगी। वाढ़काल में 24ˣ7 एक कर्मचारी वाढ़ नियंत्रण कक्ष में मोवाइल लैण्डलाइन फोन पर उपस्थित रहकर समस्त सूचनाओं का आदान प्रदान करेगा। उन्होने बाढ़ के समय व अनवरत वर्षा के कारण बिजली के खम्भों के गिर जाने एवं तार टूट जाने से विद्युत व्यवस्था अस्त व्यस्त हो जाती है। विद्युत आपूर्ति की निरन्तरता बनाये रखने एवं तार टूट जाने पर तत्काल बदले जाने का उत्तरदायित्व अधिशासी अभियन्ता विद्युत विभाग का होगा।
उन्होने निर्देश दिया कि बाढ़ प्रभावित ग्रामों का सर्वे रजिस्टर बना लिया जाय। प्रत्येक ग्राम में कितने परिवार है तथा प्रत्येक परिवार में उनका मुखिया कौन है तथा उस परिवार में कितने सदस्य है। उनकी आर्थिक स्थिति तथा आय का स्त्रोत क्या है ताकि बाढ़ राहत कार्य पहुचाने में अनावश्यक विलम्ब न हो। चिकित्सा व्यवस्था की समीक्षा के दौरान प्रत्येक प्राथमिक स्वास्थ्य क्रेन्द्र सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र तथा जिला चिकित्सालय में साप कटाने की दवा एन्टी स्नेक वेमन उपलब्ध रखी जाय जिससे कि आवश्कयता पड़ने पर तत्काल रोगियों का उपचार किया जा सके। दैवी आपदा से बचाव हेतु जिन ट्रेनरों को प्रशिक्षित किया गया हैं उनसे बाढ़ राहत कार्य में गये कर्मियों को प्रशिक्षित कराया जाय। ताकि बाढ़ आने की स्थिति में बचाव व राहत का कार्य सही ढ़ग से किया जा सके तथा एन0डी0आर0एफ0 द्वारा समस्त विकास खण्ड स्तर पर प्रशिक्षिण की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय। बैठक में अपर पुलिस अधीक्षक शहरी अधि0अभि0 विद्युत मुख्य पुशचिकित्साधिकारी जिला पंचायत राज अधिकारी समस्त अधि0 अधि0 नगर पालिका नगर पंचायत जिला पूर्ति अधिकारी उप निदेशक कृषि एवं अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित रहें।
डीआरएस न्यूज नेटवर्क
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