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नंदी पर रिमोट बम फेकवाने जेलर को जेल में धमकाने वाला माफिया दिलीप

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प्रयागराज।देश का बहुचर्चित उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुए उमेश पाल हत्याकांड के बाद योगी पुलिस ने माफियाओं को मिट्टी में मिलाने के लिए ठान लिया है।यूपी पुलिस और यूपी एसटीएफ का रौद्र रूप देखकर बाहर और जेल में बंद माफियाओं और बदमाशों की हालत खस्ता हो गई है।
जो बाहर हैं वे चाहते हैं कि किसी तरह से जान बचाने के लिए जेल जाना ही ठीक ताकि जान बची रहे।अगर जान बची रही तो बदमाशी तो बाद में भी कर लेंगे।अगर पश्चिमी उत्तर प्रदेश का माफिया अनिल दुजाना की तरह निपटा कर हमेशा हमेशा के लिए खामोश कर दिया तो घर वाले दाने-दाने को मोहताज हो जाएंगे।
उत्तर प्रदेश के माफियाओं और बदमाशों में पुलिस और यूपी एसटीएफ का जबरदस्त खौफ बना है।बात करते है उस माफिया की जो नेताओं-मंत्रियों के पर बमबाजी करने के लिए जाना जाता है।इस माफिया ने एक बार जेल में रहने के दौरान जेलर को धमकी दे डाली। माफिया ने जेलर को धमकाते हुए कहा कि जेलर मत भूल मुझे पता है कि तेरे दोनों लड़के कहां-कहां रहते हैं।कल तक इसी हनक में उड़ान भरने वाला माफिया की आज योगी की पुलिस ने उड़ान बंद कर दी है। इस माफिया का नाम दिलीप मिश्रा है।दिलीप मिश्रा पर आरोप लगा था कि उसने अपने गुर्गों से सूबे के मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के पर बमों से हमला करवाया था।
कल का खूंखार माफिया दिलीप मिश्रा आज जान बचाने के लिए बेहाली के आलम में आ चुका है।दिलीप मिश्रा ने साल 2010 में योगी सरकार में मंत्री नंद गोपाल गुप्ता नंदी के पर रिमोट बम से हमला करवा कर सूबे की सरकार और पुलिस की चूलें हिला थीं।जब से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऐसे खूंखार माफियाओं को ठिकाने लगाने की कसम खाकर इनकी ब्लैक लिस्ट तैयार की है।तब से जेल और जेल से बाहर‌ माफिया हांफ रहे हैं।इनकी सांस फूल रही है। एक अदद अपनी जान बचाने की उम्मीद में।
माफिया दिलीप मिश्रा की योगी सरकार ने करोड़ों की संपत्ति जब्त करवाई, लेकिन दिलीप मिश्रा की ऐंठन में कोई कमी नहीं आई है।जब से माफियाओं की लिस्ट में दिलीप मिश्रा का नाम दर्ज किया गया है।तब से ये जान बचाने के लिए मांद की तलाश कर रहा है।माफिया दिलीप मिश्रा पर साल 2017 में प्रयागराज में सरेआम शाम को अस्पताल में घुसकर अस्पताल के मालिक डॉ. एके बंसल को गोलियों से भूनकर हत्या करने का आरोप है।आरोप है कि इस हत्याकांड के लिए इसी ने शूटर और षड्यंत्र तैयार किया था।
पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक  दिलीप मिश्रा के खिलाफ यूपी और महाराष्ट्र में 40 से अधिक मुकदमे दर्ज मिल सकते हैं। दिलीप मिश्रा को काबू करने के लिए योगी सरकार ने इसके गुर्गों के खिलाफ गैंगस्टर तक का एक्शन लिया। गैर-कानूनी मार्केट पर बुलडोजर चलवाया।प्रयागराज पुलिस के ही मुताबिक इसके गैंग में धनुआ गांव का दिलीप तिवारी, बुनौना का धर्मेंद्र पांडेय, अरैल गांव का बृजेश मिश्रा, जितेंद्र, राजेश यादव, मनोज पांडेय, खपटिहा का विकास मिश्रा, खिजिरपुर का श्रवण कुमार, गुल्लू कोल आदि बदमाश मौजूद हैं।दिलीप मिश्रा की पत्नी और बेटे को भी गैंग का सदस्य घोषित कर रखा गया है।
जेल में ही जेलर को दे डाली थी धमकी
सेंट्रल जेल फतेहगढ़ में बंदी के दौरान एक बार तो इसने जेलर बद्रीप्रसाद को ही धमकी दे डाली थी. क्योंकि जेल के भीतर जेलर ने इसकी तलाशी, चीफ वार्डन सतेंद्र सिंह, हवलदार शिवकुमार मौर्या और हेड जेल वॉर्डन को बुलाकर करवा दी थी. जेलर को धमकाते हुए यह बोला था कि जेलर मैं जानता हूं कि तेरे दोनों लड़के कहां-कहां रहते हैं. धमकी के उस मामले में जेलर ने तत्काल मुकदमा भी दर्ज कराया था. इससे चिढ़कर भी जेल के भीतर जाते-जाते जेलर को इसने धमकाया था कि जेलर मैं तुझे किसी फर्जी मुकदमे में हाई कोर्ट में खिंचवा लूंगा

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