लखनऊ। निकाय चुनाव में यूं तो भाजपा ने महापौर की ज्यादातर सीटों पर जीत दर्ज कर ली हैं जबकि कांग्रेस को वहां निराशा ही हाथ लगी।हालांकि रायबरेली का नतीजा इसके लिए राहत भरा है। कांग्रेस के लिए खुशखबरी है कि इस जिले में जीत लिया नगर पालिका अध्यक्ष का पद, जो रहा है काँग्रेस का गढ़ ।काँग्रेस की इस धमाकेदार जीत में समाजवादी पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों का महत्वपूर्ण भूमिका रही है। समाजवादी पार्टी प्रबुद्ध प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष एवं ऊँचाहार के विधायक ने कार्यकर्ताओं की भावना को नजरअंदाज कर एवं नेतृत्व को अन्धकार में रखकर एक भाजपाई को ही सपा उम्मीदवार घोषित करा दिया। सपा डॉ. मनोज पांडेय व जिलाध्यक्ष वीरेंद्र यादव ने पार्टी कैडर को नजरअंदाज करते हुए भाजपा कार्यकर्ता को उम्मीदवार बनवा दिया जिससे समर्पित कार्यकर्ताओं ने आम राय से काँग्रेस प्रत्याशी को जीताने में जुट गए। पार्टी के 300 से अधिक कार्यकर्ताओं ने पार्टी से इस्तीफा देकर विधायक की मनमानी से राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को अवगत करा। भारतीय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता लौटन राम निषाद ने सही कार्यकर्ता को टिकट न मिलने पर नाराज नेताओं से काँग्रेस प्रत्याशी को जीताने की अपील किया ,जिसे ओबीसी, एससी वर्ग के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं ने काँग्रेस प्रत्याशी को जीताने में जुट जाने का संकल्प लिया। समाजवादी पार्टी के असंतुष्ट कार्यकर्ताओं ने विधायक व जिलाध्यक्ष की मनमानी व तानाशाही एवं नेतृत्व के सामने गलत तथ्य रखकर गुमराह करने,अंधकार में रखने से काफी नाराज थे और विरोध स्वरूप लोगों ने जो निर्णय लिया, काँग्रेस प्रत्याशी को जीत भी दिला दिया।
रायबरेली राजनीति के दृष्टि से कांग्रेस के लिए हमेशा ही अहम रही है।यहां चुनाव विधानसभा स्तर के हों या लोकसभा या फिर स्थानीय निकाय चुनाव, कांग्रेस किसी भी कीमत पर इसे खोना नहीं चाहती. वहीं, यूपी निकाय चुनाव के तहत शनिवार आया परिणाम कांग्रेस के लिए खुशखबरी लेकर आई,जब यहां नगर पालिका के अध्यक्ष पद पर कांग्रेस के प्रत्याशी को जीत हासिल हुई। कांग्रेस प्रत्याशी ने बीजेपी के प्रत्याशी को भारी अन्तर से शिकस्त दी है।
रायबरेली में नगर पालिका के 34 वार्ड हैं जिसमें से अधिकांश पर निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई है जबकि दो वार्ड बीजेपी के खाते में गए हैं। वहीं, अगर यूपी की अन्य प्रमुख पार्टियों की बात करें तो एसपी, बीएसपी और कांग्रेस वार्ड में अपना खाता नहीं खोल पाई हैँ। अब प्रत्याशियों को मिले वोट की बात करें तो नगर पालिका के अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस को 43359 वोट मिले हैं। कांग्रेस प्रत्याशी ने बीजेपी को 17,757 वोटों से हराया है। बीजेपी के प्रत्याशी को 25602 वोट मिले हैं जबकि सपा को महज 10537 और बसपा को महज 1054 वोट ही मिले।समाजवादी पार्टी यदि कार्यकर्ताओं की मांग के अनुसार सोनकर या वर्मा को उम्मीदवार बनाया होता तो आज रायबरेली सदर नगर पालिका परिषद अध्यक्ष के पद पर सपा का क़ब्ज़ा होता। भाजपा ने इस सीट पर अपनी पूरी ताकत झोंक दिया था, लेकिन सपा के बग़ावती अपनाये कार्यकर्ताओं ने काँग्रेस को जीताने में जुटकर भाजपा को हराने के साथ मनोज पांडेय की मनमानी को मुँहतोड़ जवाब दे दिया है। भारतीय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व काँग्रेस पार्टी के नेता लौटन राम निषाद ने काँग्रेस की शानदार जीत पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए सपा बागी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों के प्रति आभार प्रकट किया है।
रायबरेली राजनीति के दृष्टि से कांग्रेस के लिए हमेशा ही अहम रही है।यहां चुनाव विधानसभा स्तर के हों या लोकसभा या फिर स्थानीय निकाय चुनाव, कांग्रेस किसी भी कीमत पर इसे खोना नहीं चाहती. वहीं, यूपी निकाय चुनाव के तहत शनिवार आया परिणाम कांग्रेस के लिए खुशखबरी लेकर आई,जब यहां नगर पालिका के अध्यक्ष पद पर कांग्रेस के प्रत्याशी को जीत हासिल हुई। कांग्रेस प्रत्याशी ने बीजेपी के प्रत्याशी को भारी अन्तर से शिकस्त दी है।
रायबरेली में नगर पालिका के 34 वार्ड हैं जिसमें से अधिकांश पर निर्दलीय उम्मीदवारों को जीत हासिल हुई है जबकि दो वार्ड बीजेपी के खाते में गए हैं। वहीं, अगर यूपी की अन्य प्रमुख पार्टियों की बात करें तो एसपी, बीएसपी और कांग्रेस वार्ड में अपना खाता नहीं खोल पाई हैँ। अब प्रत्याशियों को मिले वोट की बात करें तो नगर पालिका के अध्यक्ष पद के लिए कांग्रेस को 43359 वोट मिले हैं। कांग्रेस प्रत्याशी ने बीजेपी को 17,757 वोटों से हराया है। बीजेपी के प्रत्याशी को 25602 वोट मिले हैं जबकि सपा को महज 10537 और बसपा को महज 1054 वोट ही मिले।समाजवादी पार्टी यदि कार्यकर्ताओं की मांग के अनुसार सोनकर या वर्मा को उम्मीदवार बनाया होता तो आज रायबरेली सदर नगर पालिका परिषद अध्यक्ष के पद पर सपा का क़ब्ज़ा होता। भाजपा ने इस सीट पर अपनी पूरी ताकत झोंक दिया था, लेकिन सपा के बग़ावती अपनाये कार्यकर्ताओं ने काँग्रेस को जीताने में जुटकर भाजपा को हराने के साथ मनोज पांडेय की मनमानी को मुँहतोड़ जवाब दे दिया है। भारतीय ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता व काँग्रेस पार्टी के नेता लौटन राम निषाद ने काँग्रेस की शानदार जीत पर प्रसन्नता जाहिर करते हुए सपा बागी कार्यकर्ताओं व पदाधिकारियों के प्रति आभार प्रकट किया है।
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