हमीरपुर :रिपोर्ट फ़रीद ख़ान:निषाद पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने आरक्षण की मांग को लेकर जोरदार प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा है। इस दौरान पार्टी कार्यकर्ताओं ने कहा कि 70 साल से हमें हमारा हक नहीं मिल रहा है। जब 1950 में संविधान लिखा गया तब हम 70 हजार थे और आज हम गिनते-गिनते सिर्फ सात हजार बचे हैं।कसरवल आंदोलन का आज आठवां स्मृति दिवस है। इस मौके पर आज निषाद पार्टी के सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने हमीरपुर में एक रैली का आयोजन किया था। रैली सिटी फॉरेस्ट से शुरू हुई और कलेक्ट्रेट तक पहुंची जहां कार्यकर्ताओं ने आरक्षण की मांग का ज्ञापन जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को भेजा है।इस मौके पर कार्यकर्ताओं ने कहा कि निहित मझवार आरक्षण के तर्ज पर हमें आरक्षण दिया जाए क्योंकि केवट, मल्लाह, मझवार, तुरैहा, कश्यप, धीमर आदि सब निषाद समाज की ही उपजातियां हैं। पूर्व की सरकारें मछुआ विरोधी सरकारें रही हैं। कसरवल आंदोलन दिवस निषाद समाज को अपने हक-हुकूक अधिकारों के लिए प्रेरित करता है। आज के दिन शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर आरक्षण की मांग करने पर पूर्व की सरकार ने लाठीचार्ज और फायरिंग करवाई थी।निषाद पार्टी के जिलाध्यक्ष विजय निषाद और कार्यकर्ता राम कन्हैया ने कहा कि जब संविधान लिखा गया तब हम 70 हजार थे, लेकिन आज आरक्षण की घोषणा होने का जब समय आया तो हम सिर्फ सात हजार कैसे रह गए। हमारी गिनती न तो ओबीसी में होती है और न ही एससी में गिने जाते हैं, हम बीच में लटके हुए हैं। हमारी 18 प्रतिशत आबादी है हमें निर्धारित कर के हमारी भी गिनती की जाए ताकि हमें भी हमारा हक मिल सके
डीआरएस न्यूज़ नेटवर्क
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