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डाक्टरो ने ली दो महिला व एक नवजात शिशु की जान अस्पताल सील मुकदमा दर्ज

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जौनपुर। जिले में स्वास्थ्य विभाग के निकम्मेपन के चलते आये दिन मरीज बे मौत मार दिये जा रहे है। शहर की गलियों से लेकर गांव -गांव में अपनी दुकान खोले बैठे झोला छाप डाक्टर से लेकर प्राईवेट नर्सिंग होम मरीजो का कत्लगाह बन गये है। इसी कड़ी में सोमवार को दो महिलाओं की जान इन यमराज रूपी डाक्टरो ने ले लिया वही एक नवजात शिशु भी दुनियां में आंख खोलने से पहले काल के गाल में समा गया। एक दिन में तीन जान जाने के बाद स्वास्थ्य विभाग नींद से उठा तो दोनो मानव हलाल केन्द्रो पर सरकारी ताला लगाने के बाद आरोपी डाक्टरों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा दिया है। 
प्रतापगढ़ जिले के आसपुर देवसरा गांव के निवासी अनीता देवी पत्नी रामप्रकाश गौतम को प्रसव पीड़ा के चलते परिवार वालो ने उसे जौनपुर के बदलापुर तहसील स्थित एक मेडिकल स्टोर पर संचालित हो रही अस्पताल में लाया जहां पर डिलेवरी के दरम्यान मां बेटे की मौत हो गयी। जच्चा बच्चा की मौत की खबर लगते ही परिवार वालों में कोहराम मच गया। आक्रोशित लोगो ने जमकर हंगामा करना शुरू किया तो अस्पताल संचालक समेत पूरा स्टाफ फरार हो गया। पुलिस मौके पर पहुंचकर किसी तरह से परिजनों को समझा बुझाकर मामले को शांत कराया। 
उधर बदलापुर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी चिकित्साधिकारी डा0 संजय दुबे ने कहा कि प्रसव पीडा से पीडित महिला को एक सरकारी महिला स्वास्थ्य कर्मी लाकर मेडिकल स्टोर में चल रहे अस्पताल में भर्ती करायी थी जहां पर दोनो की मौत हो गयी। उधर सीएमओ डा0 लक्ष्मी सिंह ने बताया कि स्वास्थ्य कर्मी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है तथा अस्पताल को सील कर दिया गया है। 
दूसरी वारदात नगर के कलीचाबाद में स्थित सहारा हास्पिटल में हुई। यहां पर बदलापुर थाना क्षेत्र के रारी कला गांव की निवासी नगीना सिंह को रविवार की रात प्रसव पीड़ा के करण भर्ती कराया गया था । रात में आपरेशन से बच्चा पैदा हुआ। सोमवार की सुबह नगीना की तबियत खराब हो गयी तो डाक्टर ने उसे वाराणसी के लिए रेफर कर दिया। परिजन उसे लेकर वाराणसी जा रहे थे कि रास्ते उसकी मौत हो गयी। मौत से आक्रोशित परिजनो ने नगीना का शव अस्पताल लाकर जमकर हंगामा करना शुरू कर दिया। सूचना मिलते ही लाइनबाजार थाने की पुलिस मौके पर पहुंचकर परिजनों को समझाने बुझाने के बाद तहरीर लेकर आरोपी डाक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके जांच पड़ताल शुरू कर दिया है। 
डाक्टर और स्टाफ की लापरवाही चलते हर मरीज की मौत  बाद सीएमओ विभाग अस्पताल सील करके डाक्टर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराता है लेकिन कुछ दिन बाद अस्पताल पुनः खुल जाता है और डाक्टरो को क्लिनचीट में मिल जाती है। जिसके कारण आये दिन मरीज बेमौत मारे जा रहे है। 

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