नई दिल्ली अमित शाह से मिले बजरंग, साक्षी विनेश गृहमंत्री से बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग की; पूनिया ने महापंचायत को फैसला लेने से रोका
भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे रेसलर्स विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। यह मुलाकात शनिवार देर रात करीब 11 बजे हुई। करीब 2 घंटे तक शाह के निवास पर मीटिंग चली। यह मुलाकात खाप पंचायतों की तरफ से केंद्र को 9 जून तक का अल्टीमेटम देने के बाद हुई।
एक महिला रेसलर की मां ने इस मीटिंग की पुष्टि करते हुए कहा कि अमित शाह ने पहलवानों को बिना भेदभाव के पूरी जांच का भरोसा दिया है। सूत्रों के मुताबिक पहलवानों ने ही गृह मंत्री शाह से मुलाकात का समय मांगा था। इसके बाद यह मीटिंग हुई। इसमें पहलवानों ने बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग की।
अमित शाह ने कहा कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा। पुलिस जांच कर रही है। उन्होंने पहलवानों से इतना जरूर पूछा कि क्या पुलिस को अपना काम करने का समय नहीं देना चाहिए?
सोनीपत में महापंचायत को संबोधित करते रेसलर बजरंग पूनिया
गृह मंत्री के साथ मीटिंग के बाद बजरंग पूनिया ने सोनीपत के गांव मुंडलाना में हो रही सर्व समाज की महापंचायत को बड़ा फैसला लेने से रोक दिया। बजरंग ने कहा- मैं गुरनाम चढ़ूनी (किसान नेता) से अनुरोध करूंगा कि आज कोई फैसला न लें।
खिलाड़ियों की तरफ से हम एक पंचायत रखेंगे। उसकी कॉल हम देंगे, जगह हम बताएंगे, सभी को इकट्ठा रखकर हम पंचायत करना चाहते हैं। इसमें जितनी भी हमारी खाप पंचायतें हैं, जितने हमारे संगठन हैं, सब को एक मंच पर इकट्ठा करेंगे। 3 से 4 दिन में जगह डिसाइड करके बताएंगे।
बजरंग पूनिया ने कहा कि 28 मई को दिल्ली में जो भी हुआ है, उसके बाद से विनेश और साक्षी बिल्कुल टूट चुकी हैं। अब परिवार का एक सदस्य हमेशा उनके साथ रहता है, ताकि वे कोई गलत फैसला न ले लें। वह यहां इसलिए नहीं आईं कि अब उनमें हिम्मत नहीं बची है। वहीं किसान नेता गुरनाम चढूनी ने कहा कि इस महापंचायत में कोई फैसला नहीं लिया गया है।
पंचायत में पहुंचे पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक, किसान नेता गुरनाम चढूनी व अन्य।
दिल्ली पुलिस की जांच पूरी, POCSO एक्ट की धारा हटने के आसार
उधर, इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस की जांच लगभग पूरी हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक फाइनल रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। इसमें बृजभूषण पर लगे आरोपों को खारिज किया गया है। यह भी पता चला है कि इस रिपोर्ट के बाद बृजभूषण पर लगा POCSO एक्ट की धारा भी हटाई जा सकती है।
हालांकि दिल्ली पुलिस की प्रवक्ता सुमन नलवा का कहना है कि जांच और उसके तथ्यों को लेकर अभी कोई कमेंट नहीं किया जा सकता।
हरियाणा CM का दावा- कुछ संगठनों की वजह से फैसला नहीं हो सका
कल शनिवार को हरियाणा CM मनोहर लाल से करनाल दौरे के दौरान बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाने वाले रेसलर्स के पक्ष में खाप पंचायतों के अल्टीमेटम से जुड़ा सवाल पूछा गया। मनोहर ने कहा- यह मामला काफी समय से चल रहा है। केंद्र सरकार इसे देख रही है। निश्चित रूप से कोई न कोई हल इसमें निकलना चाहिए। हमने अपनी ओर से प्रयत्न किए थे।
कुछ लोगों से बातचीत हुई, लेकिन फैसला होते समय छोटी-मोटी कमियां रह जाती हैं। इसके बाद कुछ संगठन खड़े हो गए और फैसला होते-होते रह गया। मेरा खाप पंचायतों से निवदेन है कि वह मामले को हल करने में आगे आएं और सहयोग करे ताकि असली विवाद पर फैसला हो सके।
करनाल में मीडिया से बात करते हरियाणा के CM मनोहर लाल खट्टर।
करनाल में मीडिया से बात करते हरियाणा के CM मनोहर लाल खट्टर।
दिल्ली पुलिस को मिले 4 गवाह मिले
यौन शोषण के आरोपों से घिरे WFI के पूर्व अध्यक्ष और सांसद बृजभूषण शरण सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती है। दिल्ली पुलिस को इस मामले में 4 गवाह मिले हैं, जिन्होंने बृजभूषण पर लगे आरोपों की पुष्टि की है। इनमें एक-एक ओलिंपियन, कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडलिस्ट, इंटरनेशनल रेफरी और स्टेट लेवल कोच शामिल है।
सूत्रों के मुताबिक, आरोपों की पुष्टि करने वाले गवाह ओलिंपियन और कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडलिस्ट, दोनों महिला रेसलर हैं। उन्होंने दिल्ली पुलिस की जांच टीम को बताया कि बृजभूषण के सेक्शुअल हैरेसमेंट के बारे में घटना के एक महीने बाद केस दर्ज कराने वाली महिला रेसलर्स ने उन्हें बताया था।
शिकायत करने वालों में शामिल एक महिला पहलवान के कोच ने दिल्ली पुलिस की SIT को बताया कि बृजभूषण के सेक्शुअल फेवर मांगने के बारे में घटना के 6 घंटे बाद उन्हें फोन पर बताया गया था। इंटरनेशनल रेफरी ने कहा कि जब वे टूर्नामेंट के लिए इंडिया या विदेशों में जाते थे तो महिला रेसलर्स से उनकी इस परेशानी के बारे में सुनते थे।
WFI के पूर्व अध्यक्ष और रेसलर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया।
केंद्र गिरफ्तारी पर राजी नहीं
सूत्रों के मुताबिक, केंद्र पहलवानों की 5 मांगों को मानने को तैयार है। इनमें महिला कुश्ती कैंप लखनऊ से पटियाला, आरोपी कोच को हटाने, WFI को सस्पेंड करने, पहलवानों पर दर्ज दंगे के केस वापस लेने और महिला कुश्ती की कमान किसी महिला को सौंपना शामिल है।
मगर, बृजभूषण की गिरफ्तारी और फेडरेशन से पूरी तरह बेदखल करने की शर्त पर सरकार राजी नहीं है। मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने को लेकर भी सरकार की शर्त है कि पहलवान धरना छोड़ खेल में लौटें। सूत्रों के मुताबिक इस मामले में केंद्र सरकार जल्द 4 मंत्रियों की टीम को पहलवानों से बात करने के लिए भेज सकती है। इसमें केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के अलावा एक महिला मंत्री और 2 अन्य मंत्रियों को शामिल किया जाएगा।
बृजभूषण के खिलाफ 2 FIR सामने आई
बृजभूषण के खिलाफ दिल्ली पुलिस की दर्ज 2 FIR सामने आ चुकी हैं। एक FIR में नाबालिग पहलवान ने आरोप लगाए कि बृजभूषण ने फोटो खींचने के बहाने जबरन उसे बाहों में पकड़ा। बृजभूषण ने कहा कि तुम मुझे सपोर्ट करो और मैं तुम्हें सपोर्ट करूंगा। फिर उसे कमरे में बुलाकर जबरन फिजिकल रिलेशन बनाने की कोशिश की। जब वह नहीं मानी तो ट्रायल में उसे परेशान किया।
दूसरी FIR में 6 बालिग पहलवानों ने शिकायत दर्ज कराई। जिसमें बृजभूषण पर आरोप लगाए कि उन्हें जबरन पकड़ा। सांस चैक करने के बहाने टी-शर्ट उतारी। उनके सीने और पेट पर हाथ फेरा। चोट का इलाज करवाने के बहाने सेक्शुअल फेवर मांगा। अगर किसी पहलवान ने इसका विरोध जताया तो उसे धमकाया कि आगे कॉम्पिटिशन नहीं खेलने हैं क्या?। एक पहलवान को कमरे में बुलाकर बेड पर लेटने को कहा।
सोनीपत महापंचायत में कोई फैसला नहीं हुआ
हरियाणा के सोनीपत में हुई महापंचायत में कोई फैसला नहीं लिया गया। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि बजरंग पूनिया के अनुरोध पर कोई फैसला नहीं ले रहे। वरना हमें यह फैसला लेना था कि जिस तरह दिल्ली में हमारी बेटियों को घसीटा गया, ठीक वैसे ही हम भाजपा के नेताओं को गांव में नहीं घुसने देते। उनको उसी तरह घसीट कर बाहर निकालते, जैसे हमारी पहलवान बेटियों को घसीटा गया।
भीम आर्मी के प्रधान चन्द्रशेखर ने मंच से कहा कि भाजपा के राज में बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। सरकार ने बेज्जत करने का काम किया है। हम सरकार के खिलाफ बगावत करने के लिए आए हैं। पगड़ी हमारी शान है। खिलाड़ियों के साथ किसान मजदूर कमेरे की धरती है। हक की लड़ाई सड़क से लड़ेंगे।
हरियाणा BJP अध्यक्ष का भूपेंद्र-दीपेंद्र पर निशाना BJP अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने पहलवानों के मुद्दे पर पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और उनके बेटे सांसद दीपेंद्र हुड्डा का नाम लिए बिना निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यहां पर ऐसे बाप- बेटा भी हैं, जो तीन-तीन बार पहलवानों के धरने पर गए, लेकिन जिस दिन हंगामा हुआ उस दिन धरने के नजदीक नहीं गए। कांग्रेसी तो ऐसे हैं, जिस दिन जरूरत पड़ गई, उस दिन नजर नहीं आते। ये मायावी हैं।
उन्होंने कहा कि महिला पहलवानों की शिकायत पर एफआईआर हो गई। जांच चल रही है, न्यायालय पर विश्वास रखना चाहिए। सब लोग इस बात के पक्ष में है कि उन्हें न्याय मिले।पढ़िए इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?18 जनवरी को जंतर-मंतर पर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक के साथ बजरंग पूनिया ने धरना शुरू किया। आरोप लगाया कि WFI के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने महिला पहलवानों का यौन शोषण किया।
21 जनवरी को विवाद बढ़ने के बाद केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों से मुलाकात कर कमेटी बनाई, लेकिन कमेटी की रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं हुई।
23 अप्रैल को पहलवान फिर जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि जब तक बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं होती, धरना जारी रहेगा।
28 अप्रैल को पहलवानों की याचिका की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर छेड़छाड़ और पॉक्सो एक्ट में 2 एफआईआर दर्ज की।
3 मई की रात को पहलवानों और पुलिसकर्मियों के बीच जंतर-मंतर पर झड़प हो गई। झड़प में पहलवान राकेश यादव व विनेश फोगाट के भाई दुष्यंत और 5 पुलिस वाले घायल हुए।
7 मई को जंतर-मंतर पर हरियाणा, यूपी, राजस्थान और पंजाब की खापों की महापंचायत हुई। इसमें बृजभूषण की गिरफ्तारी के लिए केंद्र सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया।
21 मई को फिर महापंचायत हुई और इंडिया गेट पर कैंडल मार्च और 28 मई को नए संसद भवन पर महिला महापंचायत करने का फैसला लिया गया।
26 मई को पहलवानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि 28 मई को वे धरना स्थल से नए संसद भवन तक पैदल मार्च करेंगे।
28 मई को पहलवानों ने नए संसद भवन के सामने महापंचायत के लिए जाने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
29 मई को सारा दिन पहलवान घर पर रहे और मेडल गंगा में बहाने व इंडिया गेट पर आमरण अनशन का फैसला किया।
30 मई को पहलवान हरिद्वार हर की पौड़ी में मेडल बहाने गए। जहां किसान नेता नरेश टिकैत के मनाने पर सरकार को 5 दिन का अल्टीमेटम देकर उन्होंने फैसला टाल दिया।
31 मई को न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से दावा किया कि दिल्ली पुलिस के पास बृजभूषण की गिरफ्तारी लायक सबूत नहीं है। इस पर दिल्ली पुलिस ने ट्वीट करके इसका खंडन किया और कहा- जांच जारी है। बाद में दिल्ली पुलिस ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया।
2 जून को कुरुक्षेत्र में महापंचायत हुई। इसमें 9 जून तक बृजभूषण को गिरफ्तार करने लिए अल्टीमेटम दिया गया।
3 जून को दिल्ली पुलिस को इस मामले में 4 गवाह मिले हैं, जिन्होंने बृजभूषण पर लगे आरोपों की पुष्टि की है। इनमें एक-एक ओलिंपियन, कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडलिस्ट, इंटरनेशनल रेफरी और स्टेट लेवल कोच शामिल है।
भारतीय कुश्ती संघ (WFI) के पूर्व अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे रेसलर्स विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की है। यह मुलाकात शनिवार देर रात करीब 11 बजे हुई। करीब 2 घंटे तक शाह के निवास पर मीटिंग चली। यह मुलाकात खाप पंचायतों की तरफ से केंद्र को 9 जून तक का अल्टीमेटम देने के बाद हुई।
एक महिला रेसलर की मां ने इस मीटिंग की पुष्टि करते हुए कहा कि अमित शाह ने पहलवानों को बिना भेदभाव के पूरी जांच का भरोसा दिया है। सूत्रों के मुताबिक पहलवानों ने ही गृह मंत्री शाह से मुलाकात का समय मांगा था। इसके बाद यह मीटिंग हुई। इसमें पहलवानों ने बृजभूषण की गिरफ्तारी की मांग की।
अमित शाह ने कहा कि इस मामले में कानून अपना काम करेगा। पुलिस जांच कर रही है। उन्होंने पहलवानों से इतना जरूर पूछा कि क्या पुलिस को अपना काम करने का समय नहीं देना चाहिए?
सोनीपत में महापंचायत को संबोधित करते रेसलर बजरंग पूनिया
गृह मंत्री के साथ मीटिंग के बाद बजरंग पूनिया ने सोनीपत के गांव मुंडलाना में हो रही सर्व समाज की महापंचायत को बड़ा फैसला लेने से रोक दिया। बजरंग ने कहा- मैं गुरनाम चढ़ूनी (किसान नेता) से अनुरोध करूंगा कि आज कोई फैसला न लें।
खिलाड़ियों की तरफ से हम एक पंचायत रखेंगे। उसकी कॉल हम देंगे, जगह हम बताएंगे, सभी को इकट्ठा रखकर हम पंचायत करना चाहते हैं। इसमें जितनी भी हमारी खाप पंचायतें हैं, जितने हमारे संगठन हैं, सब को एक मंच पर इकट्ठा करेंगे। 3 से 4 दिन में जगह डिसाइड करके बताएंगे।
बजरंग पूनिया ने कहा कि 28 मई को दिल्ली में जो भी हुआ है, उसके बाद से विनेश और साक्षी बिल्कुल टूट चुकी हैं। अब परिवार का एक सदस्य हमेशा उनके साथ रहता है, ताकि वे कोई गलत फैसला न ले लें। वह यहां इसलिए नहीं आईं कि अब उनमें हिम्मत नहीं बची है। वहीं किसान नेता गुरनाम चढूनी ने कहा कि इस महापंचायत में कोई फैसला नहीं लिया गया है।
पंचायत में पहुंचे पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक, किसान नेता गुरनाम चढूनी व अन्य।
दिल्ली पुलिस की जांच पूरी, POCSO एक्ट की धारा हटने के आसार
उधर, इस मामले को लेकर दिल्ली पुलिस की जांच लगभग पूरी हो चुकी है। सूत्रों के मुताबिक फाइनल रिपोर्ट तैयार हो चुकी है। इसमें बृजभूषण पर लगे आरोपों को खारिज किया गया है। यह भी पता चला है कि इस रिपोर्ट के बाद बृजभूषण पर लगा POCSO एक्ट की धारा भी हटाई जा सकती है।
हालांकि दिल्ली पुलिस की प्रवक्ता सुमन नलवा का कहना है कि जांच और उसके तथ्यों को लेकर अभी कोई कमेंट नहीं किया जा सकता।
हरियाणा CM का दावा- कुछ संगठनों की वजह से फैसला नहीं हो सका
कल शनिवार को हरियाणा CM मनोहर लाल से करनाल दौरे के दौरान बृजभूषण सिंह पर यौन शोषण के आरोप लगाने वाले रेसलर्स के पक्ष में खाप पंचायतों के अल्टीमेटम से जुड़ा सवाल पूछा गया। मनोहर ने कहा- यह मामला काफी समय से चल रहा है। केंद्र सरकार इसे देख रही है। निश्चित रूप से कोई न कोई हल इसमें निकलना चाहिए। हमने अपनी ओर से प्रयत्न किए थे।
कुछ लोगों से बातचीत हुई, लेकिन फैसला होते समय छोटी-मोटी कमियां रह जाती हैं। इसके बाद कुछ संगठन खड़े हो गए और फैसला होते-होते रह गया। मेरा खाप पंचायतों से निवदेन है कि वह मामले को हल करने में आगे आएं और सहयोग करे ताकि असली विवाद पर फैसला हो सके।
करनाल में मीडिया से बात करते हरियाणा के CM मनोहर लाल खट्टर।
करनाल में मीडिया से बात करते हरियाणा के CM मनोहर लाल खट्टर।
दिल्ली पुलिस को मिले 4 गवाह मिले
यौन शोषण के आरोपों से घिरे WFI के पूर्व अध्यक्ष और सांसद बृजभूषण शरण सिंह की मुश्किलें बढ़ सकती है। दिल्ली पुलिस को इस मामले में 4 गवाह मिले हैं, जिन्होंने बृजभूषण पर लगे आरोपों की पुष्टि की है। इनमें एक-एक ओलिंपियन, कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडलिस्ट, इंटरनेशनल रेफरी और स्टेट लेवल कोच शामिल है।
सूत्रों के मुताबिक, आरोपों की पुष्टि करने वाले गवाह ओलिंपियन और कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडलिस्ट, दोनों महिला रेसलर हैं। उन्होंने दिल्ली पुलिस की जांच टीम को बताया कि बृजभूषण के सेक्शुअल हैरेसमेंट के बारे में घटना के एक महीने बाद केस दर्ज कराने वाली महिला रेसलर्स ने उन्हें बताया था।
शिकायत करने वालों में शामिल एक महिला पहलवान के कोच ने दिल्ली पुलिस की SIT को बताया कि बृजभूषण के सेक्शुअल फेवर मांगने के बारे में घटना के 6 घंटे बाद उन्हें फोन पर बताया गया था। इंटरनेशनल रेफरी ने कहा कि जब वे टूर्नामेंट के लिए इंडिया या विदेशों में जाते थे तो महिला रेसलर्स से उनकी इस परेशानी के बारे में सुनते थे।
WFI के पूर्व अध्यक्ष और रेसलर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक और बजरंग पूनिया।
केंद्र गिरफ्तारी पर राजी नहीं
सूत्रों के मुताबिक, केंद्र पहलवानों की 5 मांगों को मानने को तैयार है। इनमें महिला कुश्ती कैंप लखनऊ से पटियाला, आरोपी कोच को हटाने, WFI को सस्पेंड करने, पहलवानों पर दर्ज दंगे के केस वापस लेने और महिला कुश्ती की कमान किसी महिला को सौंपना शामिल है।
मगर, बृजभूषण की गिरफ्तारी और फेडरेशन से पूरी तरह बेदखल करने की शर्त पर सरकार राजी नहीं है। मामले की सुनवाई फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाने को लेकर भी सरकार की शर्त है कि पहलवान धरना छोड़ खेल में लौटें। सूत्रों के मुताबिक इस मामले में केंद्र सरकार जल्द 4 मंत्रियों की टीम को पहलवानों से बात करने के लिए भेज सकती है। इसमें केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर के अलावा एक महिला मंत्री और 2 अन्य मंत्रियों को शामिल किया जाएगा।
बृजभूषण के खिलाफ 2 FIR सामने आई
बृजभूषण के खिलाफ दिल्ली पुलिस की दर्ज 2 FIR सामने आ चुकी हैं। एक FIR में नाबालिग पहलवान ने आरोप लगाए कि बृजभूषण ने फोटो खींचने के बहाने जबरन उसे बाहों में पकड़ा। बृजभूषण ने कहा कि तुम मुझे सपोर्ट करो और मैं तुम्हें सपोर्ट करूंगा। फिर उसे कमरे में बुलाकर जबरन फिजिकल रिलेशन बनाने की कोशिश की। जब वह नहीं मानी तो ट्रायल में उसे परेशान किया।
दूसरी FIR में 6 बालिग पहलवानों ने शिकायत दर्ज कराई। जिसमें बृजभूषण पर आरोप लगाए कि उन्हें जबरन पकड़ा। सांस चैक करने के बहाने टी-शर्ट उतारी। उनके सीने और पेट पर हाथ फेरा। चोट का इलाज करवाने के बहाने सेक्शुअल फेवर मांगा। अगर किसी पहलवान ने इसका विरोध जताया तो उसे धमकाया कि आगे कॉम्पिटिशन नहीं खेलने हैं क्या?। एक पहलवान को कमरे में बुलाकर बेड पर लेटने को कहा।
सोनीपत महापंचायत में कोई फैसला नहीं हुआ
हरियाणा के सोनीपत में हुई महापंचायत में कोई फैसला नहीं लिया गया। किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा कि बजरंग पूनिया के अनुरोध पर कोई फैसला नहीं ले रहे। वरना हमें यह फैसला लेना था कि जिस तरह दिल्ली में हमारी बेटियों को घसीटा गया, ठीक वैसे ही हम भाजपा के नेताओं को गांव में नहीं घुसने देते। उनको उसी तरह घसीट कर बाहर निकालते, जैसे हमारी पहलवान बेटियों को घसीटा गया।
भीम आर्मी के प्रधान चन्द्रशेखर ने मंच से कहा कि भाजपा के राज में बेटियां सुरक्षित नहीं हैं। सरकार ने बेज्जत करने का काम किया है। हम सरकार के खिलाफ बगावत करने के लिए आए हैं। पगड़ी हमारी शान है। खिलाड़ियों के साथ किसान मजदूर कमेरे की धरती है। हक की लड़ाई सड़क से लड़ेंगे।
हरियाणा BJP अध्यक्ष का भूपेंद्र-दीपेंद्र पर निशाना BJP अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने पहलवानों के मुद्दे पर पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और उनके बेटे सांसद दीपेंद्र हुड्डा का नाम लिए बिना निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यहां पर ऐसे बाप- बेटा भी हैं, जो तीन-तीन बार पहलवानों के धरने पर गए, लेकिन जिस दिन हंगामा हुआ उस दिन धरने के नजदीक नहीं गए। कांग्रेसी तो ऐसे हैं, जिस दिन जरूरत पड़ गई, उस दिन नजर नहीं आते। ये मायावी हैं।
उन्होंने कहा कि महिला पहलवानों की शिकायत पर एफआईआर हो गई। जांच चल रही है, न्यायालय पर विश्वास रखना चाहिए। सब लोग इस बात के पक्ष में है कि उन्हें न्याय मिले।पढ़िए इस मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?18 जनवरी को जंतर-मंतर पर विनेश फोगाट, साक्षी मलिक के साथ बजरंग पूनिया ने धरना शुरू किया। आरोप लगाया कि WFI के अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने महिला पहलवानों का यौन शोषण किया।
21 जनवरी को विवाद बढ़ने के बाद केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने पहलवानों से मुलाकात कर कमेटी बनाई, लेकिन कमेटी की रिपोर्ट आज तक सार्वजनिक नहीं हुई।
23 अप्रैल को पहलवान फिर जंतर-मंतर पर धरने पर बैठ गए। उन्होंने कहा कि जब तक बृजभूषण की गिरफ्तारी नहीं होती, धरना जारी रहेगा।
28 अप्रैल को पहलवानों की याचिका की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दिल्ली पुलिस ने बृजभूषण पर छेड़छाड़ और पॉक्सो एक्ट में 2 एफआईआर दर्ज की।
3 मई की रात को पहलवानों और पुलिसकर्मियों के बीच जंतर-मंतर पर झड़प हो गई। झड़प में पहलवान राकेश यादव व विनेश फोगाट के भाई दुष्यंत और 5 पुलिस वाले घायल हुए।
7 मई को जंतर-मंतर पर हरियाणा, यूपी, राजस्थान और पंजाब की खापों की महापंचायत हुई। इसमें बृजभूषण की गिरफ्तारी के लिए केंद्र सरकार को 15 दिन का अल्टीमेटम दिया गया।
21 मई को फिर महापंचायत हुई और इंडिया गेट पर कैंडल मार्च और 28 मई को नए संसद भवन पर महिला महापंचायत करने का फैसला लिया गया।
26 मई को पहलवानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि 28 मई को वे धरना स्थल से नए संसद भवन तक पैदल मार्च करेंगे।
28 मई को पहलवानों ने नए संसद भवन के सामने महापंचायत के लिए जाने की कोशिश की तो पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
29 मई को सारा दिन पहलवान घर पर रहे और मेडल गंगा में बहाने व इंडिया गेट पर आमरण अनशन का फैसला किया।
30 मई को पहलवान हरिद्वार हर की पौड़ी में मेडल बहाने गए। जहां किसान नेता नरेश टिकैत के मनाने पर सरकार को 5 दिन का अल्टीमेटम देकर उन्होंने फैसला टाल दिया।
31 मई को न्यूज एजेंसी ANI ने सूत्रों के हवाले से दावा किया कि दिल्ली पुलिस के पास बृजभूषण की गिरफ्तारी लायक सबूत नहीं है। इस पर दिल्ली पुलिस ने ट्वीट करके इसका खंडन किया और कहा- जांच जारी है। बाद में दिल्ली पुलिस ने अपना ट्वीट डिलीट कर दिया।
2 जून को कुरुक्षेत्र में महापंचायत हुई। इसमें 9 जून तक बृजभूषण को गिरफ्तार करने लिए अल्टीमेटम दिया गया।
3 जून को दिल्ली पुलिस को इस मामले में 4 गवाह मिले हैं, जिन्होंने बृजभूषण पर लगे आरोपों की पुष्टि की है। इनमें एक-एक ओलिंपियन, कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडलिस्ट, इंटरनेशनल रेफरी और स्टेट लेवल कोच शामिल है।
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