लोकसभा चुनाव के पहले यूपी की राजनीति में कई सारे बड़े उलटफेर संभव हैं। सपा और बसपा दोनों के कई बड़े नेता बीजेपी का दामन थाम सकते हैं।सपा विधायक दारा सिंह चौहान के इस्तीफे के साथ ही भाजपा की चुनावी रणनीति अब साफ होने लगी है । उनके भाजपा में शामिल होने की घोषणा जल्द हो सकती है । माना जा रहा है कि दारा सिंह चौहान के इस्तीफा से भाजपा ने अपने उस अभियान की शुरूआत कर दी है, जिसके तहत लोकसभा चुनाव में विपक्ष खास तौर पर सपा को तगड़ा झटका देने की रणनीति है । सूत्रों की माने तो सपा के कई और विधायक भी भाजपा के संपर्क में हैं। उनको साथ लाने के लिए भाजपा के कुछ नेताओं को मिशन पर लगाया गया है ।दरअसल लोकसभा चुनाव में प्रदेश की सभी 80 सीटों को जीतने का लक्ष्य लेकर चल रही है भाजपा पिछड़ी जाति को साधने की रणनीति पर काम कर रही है । इसके तहत ही भाजपा ने जहां, दूसरे दलों के पिछड़ों नेताओं को पार्टी से जोड़ने का अभियान चला रखा है । वहीं, विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा से सपा में गए नेताओं को भी वापस लाने की भी मुहिम शुरू कर दी है। योगी-01 में वन मंत्री रहे दारा सिंह चौहान के इस्तीफे को भाजपा के इसी अभियान की कड़ी माना जा रहा है । इनके अलावा पूर्व मंत्री धर्म सिंह सैनी के भी वापसी की अटकले हैं, लेकिन कहा जा रहा है कि सैनी को लेकर कुछ पेंच है, इसलिए उनके मुद्दे पर अभी फैसला नहीं हो पाया है ।सूत्रों की माने तो सपा के कई विधायकों पर भी भाजपा की नजर है । सपा विधायकों के भाजपा के संपर्क में होने की भी बात कही जा रही है । कहा जा रहा है कि भाजपा के एक बड़े नेता के जरिए इन विधायकों से संपर्क किया गया है। वहीं, पश्चिमी यूपी के कुछ बसपा सांसद भी भाजपा में शामिल हो सकते हैं। प्रदेश में दूसरे दलों के नेताओं को भाजपा में लाने के अभियान के तहत समन्वय जिम्मेदारी उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह को सौंपी गई है।
महेन्द्र प्रताप सिंह
DRS news live 24
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