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होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे के कारनामों का हुआ पर्दाफाश। आलोक को मिलेगा इंसाफ

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आजमगढ़ एसडीएम ज्योति मौर्या और उनके पति आलोक मौर्य के वैवाहिक जीवन में दस्तक देने वाले मनीष दुबे के काले कारनामों का काला चिट्ठा खुलने लगा है। एसडीएम ज्योति मौर्या ही नहीं बल्कि कई महिला होमगार्ड के साथ उनका व्यवहार अच्छा नहीं रहा हैं। मनीष दुबे पर इस तरह का आरोप कम से कम तीन लड़कियां लगा चुकी हैं जिसमें एक महिला होमगार्ड इनकी हरकतों से परेशान होकर मुख्यमंत्री योगी तक शिकायत लेकर पहुंची। तथा मनीष दुबे के डीजीपी तक से शिकायत की। आलोक मौर्य के आरोपों के बाद हुई जांच में मनीष के खिलाफ पहले लगे आरोपों को भी देखा गया है। प्रथमदृष्टया उन्हें दोषी मानते हुए निलंबित करने की सिफारिश शासन से की गई है। मनीष दुबे को निलंबित करने की सिफारिश करने वाले होमगार्ड के डीजीपी विजय कुमार ने माना कि उनके खिलाफ विभाग की ही महिला होमगार्ड ने गंभीर आरोप लगाए थे। हालांकि कहा कि उस मामले को पुलिस देखेगी और कार्रवाई करेगी। होमगार्ड कमांडेंट मनीष दुबे अमरोहा में अपनी तैनाती के दौरान विवादों में रहे। तब एक महिला होमगार्ड ने उनपर अनुचित दबाव बनाने और न मानने पर दो माह तक ड्यूटी पर न लेने का आरोप लगाया था। इसके साथ ही एक साथ 12 होमगार्ड जवानों को बर्खास्त करने के कारण भी उन्हें प्रदेश भर में सुर्खियां मिली थीं। मनीष के खिलाफ शासन स्तर पर हुई जांच में ये मामले भी खुले हैं।
मनीष दुबे अमरोहा में 2018 से 2022 तक तैनात रहे। इस दौरान अपनी कार्यशैली एवं स्टाफ के साथ टकराव के चलते वह लगातार चर्चा में रहे। तब एक महिला होमगार्ड ने उन पर अकेल में बुलाने का आरोप लगाया था। महिला होमगार्ड ने इसकी शिकायत प्रदेश मुख्यालय पर वरिष्ठ अधिकारियों से की। हालांकि बाद में उसने अपना तबादला करा लिया था। मनीष दुबे पर महिलाओं से घर पर जबरियन खाना बनवाने जैसे आरोप भी लगे थे।
मनीष दुबे ने अमरोहा की एक मृतक आश्रित की बेटी जो होमगार्ड में भर्ती हुयी ,उसकी ड्यूटी और परेड पर रोक लगा दी थी। महिला होमगार्ड ने आरोप लगाया था कि मनीष दुबे से जब उसने ड्यूटी परेड से रोक हटाने के लिये अनुरोध किया तो उन्होंने कहा कि मुझसे अकेले में मिलो। कहा जाता है कि मनीष ने नियम बनया था कि कोई भी जवान उनसे मिलने जाएगा तो अकेले जाएगा और उसकी पूरी तलाशी ली जाती थी। कोई मोबाइल लेकर नहीं जा सकता था। होमगार्ड ने कहा था कि इसीलिये वह कमांडेंट से अकेले में मिलने नहीं गई। बार- बार अनुरोध करने के बाद भी उसकी ड्यूटी और परेड से जब रोक नहीं हटी तो वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मिलने लखनऊ गई। मुख्यमंत्री से जब मुलाकात नहीं हो
पायी तो उस महिला होमगार्ड ने अपनी सारी शिकायतों को लिखित मुख्यमंत्री के ऑफिस में उच्च अधिकारियों को दी

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