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ग्रामीण क्षेत्र के डॉक्टर और उनके साथियों की सेवा व्यर्थ न जाए

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आजमगढ़:रिपोर्ट नीरज:नेहरू हॉल के सभागार में ग्रामीण चिकित्सकों ने अपने संगठन के स्थापना दिवस के अवसर पर अपने हक की आवाज उठाई। इस दौरान कहा कि उन्हें नजर अंदाज नहीं किया जा सकता। आज भी सबसे ज्यादा मरीज का इलाज करते हैं। कोरोना के समय जब बड़े डॉक्टरों ने लोगों के इलाज में हाथ खड़े कर दिए थे तब ग्रामीण चिकित्सकों और उनके स्टॉप के लोगो ने ही अपने जान को जोखिम में डालकर अपने फर्ज के प्रति अपना कर्तव्य निभाया और लोगों की जान बचाई थी। इसलिए उनके महत्व को सरकार भी समझे और उनकी जो भी मांगे हैं। उसको पूरी की जाए। डॉ जेपी उपाध्याय ने बताया कि नेहरू हाल में मौजूद भीड़ बता रही है कि आज भी कितने डॉक्टर की कमी है हमारे देश में। जो मरीज बड़े डॉक्टर को दिखाने के लिए रुपए नहीं दे सकते वही ग्रामीण चिकित्सको द्वारा मरीजों का इलाज अच्छे ढंग से किया जाता हैं। कोरोना के समय भी ग्रामीण छेत्र के डॉक्टर और उनके साथियों द्वारा  व्यवस्था को संभाला था। और उनके महत्व को सभी ने स्वीकार किया था। ग्रामीण चिकित्सक सामाजिक संगठन का स्थापना दिवस के अवसर पर सम्मान समारोह का आयोजन भी किया गया। संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर समारोह को संबोधित करते हुए डॉक्टर नीतिश कुमार यादव ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण चिकित्सक की उपयोगिता को नकारा नहीं जा सकता ग्रामीण क्षेत्रों में कोई भी दुर्घटना होती है तो उस मरीज को तत्काल यहा प्रार्थमिक उपचार की आवश्यकता होती है ऐसे समय में ग्रामीण चिकित्सक की योगदान को भूलाया नहीं जा सकता। ग्रामीण चिकित्सकों द्वारा मरीजों को हर संभव मदद की गई चिकित्सकीय सेवाएं दी हर महामारी व लॉकडाउन के दौरान ग्रामीण चिकित्सक अपने जान की परवाह किए बगैर लोगों का उपचार किये समारोह में अजय मिश्रा डॉक्टर एस के वर्मा डॉक्टर जेपी उपाध्याय डॉ अमित चढ़ा डॉक्टर सुभाष सिंह डॉक्टर अनिल यादव डॉक्टर श्वेता पासी आदि को सम्मानित किया गया  जिला पंचायत अध्यक्ष विजय यादव ने कहा कि ग्रामीणांचल में आज भी चिकित्सकीय सेवा को बढ़ाने की आवश्यकता है । सरकार को चाहिए कि ग्रामीण चिकित्सक सामाजिक संगठन के उद्देश्य वह मांगों पर विचार करते हुए उचित सम्मान दिया जाए।  प्रदेश सचिव संतोष वर्मा ने कहा कि डिप्लोमा धारक एवं अनुभावशील चिकित्सकों को ग्रामीण चिकित्सक कहलाने का पूरा अधिकार मिले। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य संबंधित रोगों से बचाव के लिए जागरूकता में ग्रामीण चिकित्सकों को भी प्राथमिकता दिया जाना चाहिए ।
डीआरएस न्यूज़ नेटवर्क

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