विश्व गठिया दिवस पर टीडीएमसी प्रांगण में समारोह आयोजित
जौनपुर धर्मापुर विश्व गठिया दिवस की शुरुआत 1996 में हुई। टी जे ट्रस्ट द्वारा संचालित टीडीएमसी स्कूल राजेपुर के प्रांगण में विश्व गठिया दिवस पर एक समारोह डॉ इंद्रजीत सिंह की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में छात्र एवं छात्राओं ने अपने विचार प्रकट किए। शिक्षकों में वैशाली राय तथा रेखा मैडम ने भी गठिया के बारे में बताया कि यह एक भयानक रोग है जिसके सटीक उपचार हेतु दवाईयां भी उपलब्ध नहीं है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ सिंह ने बच्चों को गठिया होने के कारणों एवं निवारण के बारे में बताया ।आपने कहा कि पहली बार गठिया का पता 4500 बीसी में चला। गठिया एक बीमारी नहीं बल्कि जोड़ों से संबंधित कई बीमारियों के लिए एक प्रचलित शब्द है । इस बीमारी में जोड़ो तथा उसके आसपास सूजन पैदा होने के कारण दर्द, चलने फिरने में कठिनाई होती है। दुनिया का एक बड़ा हिस्सा आज गठिया से परेशान है। विश्व गठिया दिवस मनाने के पीछे जनता, छात्र -छात्राओं, युवा वर्ग तथा बुजुर्ग के बीच इस बीमारी के प्रति जागरूकता पैदा करना है। विश्व के समस्त अखबारों, टीवी चैनलों ,सोशल मीडिया, स्कूल व कॉलेजों को चाहिए कि गठिया दिवस पर लेख, नाटिका, भाषण प्रतियोगिता, ड्राइंग प्रतियोगिता, आदि का आयोजन कर जनता में गठिया रोग के बारे में जागरूकता पैदा करें।
आपने बताया कि गठिया के मुख्य कारण मोटापा यानी शरीर का वजन बढ़ाना, वंशानुगत ,खराब खान-पान, बढ़ती उम्र, नियमित दिनचर्या में योगिक क्रियाओं का अभाव आदि हैं। आपने मोटे तौर पर बताया कि किसी व्यक्ति की ऊंचाई जितने इंच हो उतने किलो उसका वजन होना चाहिए। भोजन में हमें गहरे हरे रंग की सब्जियां, नट्स ,ब्रोकली, प्याज, लहसुन, का प्रयोग करना चाहिए ।इसके निदान हेतु आपने बताया कि एक्सरसाइज करें, हाइड्रेटेड रहे यानी तरल पदार्थ ज्यादा से ज्यादा ले, अपने वजन को नियंत्रित रखें तो गठिया होने की संभावनाएं कम हो सकती हैं। अगर सूजन काफी दिनों से बरकरार है तथा जोड़ों में दर्द हो तो बिना समय गवाएं डॉक्टरी सलाह अवश्य लें।
उपयुक्त कार्यक्रम में स्कूल के बच्चे समस्त अध्यापक गण , प्रधानाचार्या अर्चना सिंह प्रबंधक दिलीप सिंह आदि की सहभागिता तथा उपस्थित बंदिनीय रही। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ अध्यापिका शमीन जमाल ने किया।
जौनपुर धर्मापुर विश्व गठिया दिवस की शुरुआत 1996 में हुई। टी जे ट्रस्ट द्वारा संचालित टीडीएमसी स्कूल राजेपुर के प्रांगण में विश्व गठिया दिवस पर एक समारोह डॉ इंद्रजीत सिंह की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में छात्र एवं छात्राओं ने अपने विचार प्रकट किए। शिक्षकों में वैशाली राय तथा रेखा मैडम ने भी गठिया के बारे में बताया कि यह एक भयानक रोग है जिसके सटीक उपचार हेतु दवाईयां भी उपलब्ध नहीं है।
कार्यक्रम के अध्यक्ष डॉ सिंह ने बच्चों को गठिया होने के कारणों एवं निवारण के बारे में बताया ।आपने कहा कि पहली बार गठिया का पता 4500 बीसी में चला। गठिया एक बीमारी नहीं बल्कि जोड़ों से संबंधित कई बीमारियों के लिए एक प्रचलित शब्द है । इस बीमारी में जोड़ो तथा उसके आसपास सूजन पैदा होने के कारण दर्द, चलने फिरने में कठिनाई होती है। दुनिया का एक बड़ा हिस्सा आज गठिया से परेशान है। विश्व गठिया दिवस मनाने के पीछे जनता, छात्र -छात्राओं, युवा वर्ग तथा बुजुर्ग के बीच इस बीमारी के प्रति जागरूकता पैदा करना है। विश्व के समस्त अखबारों, टीवी चैनलों ,सोशल मीडिया, स्कूल व कॉलेजों को चाहिए कि गठिया दिवस पर लेख, नाटिका, भाषण प्रतियोगिता, ड्राइंग प्रतियोगिता, आदि का आयोजन कर जनता में गठिया रोग के बारे में जागरूकता पैदा करें।
आपने बताया कि गठिया के मुख्य कारण मोटापा यानी शरीर का वजन बढ़ाना, वंशानुगत ,खराब खान-पान, बढ़ती उम्र, नियमित दिनचर्या में योगिक क्रियाओं का अभाव आदि हैं। आपने मोटे तौर पर बताया कि किसी व्यक्ति की ऊंचाई जितने इंच हो उतने किलो उसका वजन होना चाहिए। भोजन में हमें गहरे हरे रंग की सब्जियां, नट्स ,ब्रोकली, प्याज, लहसुन, का प्रयोग करना चाहिए ।इसके निदान हेतु आपने बताया कि एक्सरसाइज करें, हाइड्रेटेड रहे यानी तरल पदार्थ ज्यादा से ज्यादा ले, अपने वजन को नियंत्रित रखें तो गठिया होने की संभावनाएं कम हो सकती हैं। अगर सूजन काफी दिनों से बरकरार है तथा जोड़ों में दर्द हो तो बिना समय गवाएं डॉक्टरी सलाह अवश्य लें।
उपयुक्त कार्यक्रम में स्कूल के बच्चे समस्त अध्यापक गण , प्रधानाचार्या अर्चना सिंह प्रबंधक दिलीप सिंह आदि की सहभागिता तथा उपस्थित बंदिनीय रही। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ अध्यापिका शमीन जमाल ने किया।
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