साल का अंतिम चंद्र ग्रहण इसी माह यह करना ना भूलें
इस साल का अंतिम चंद्रग्रहण 28-29 अक्तूबर की रात को लगेगा। इसी दिन शरद पूर्णिमा है। ग्रहण काल 28 और 29 अक्तूबर की रात एक बजकर पांच मिनट से शुरू होगा, वहीं मध्य काल 1 बजकर 44 मिनट होगा। ग्रहण रात को 2 बजकर 23 मिनट पर खत्म हो जायेगा। इसका सूतक काल नौ घंटे पहले से प्रभावी माना जायेगा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ज्योतिषों का मानना है कि जब चंद्र ग्रहण होता है तो उसका प्रभाव सदैव जनमानस पर पड़ता है। वृद्ध, बच्चे और बीमार लोगों को छोड़कर ग्रहण सभी के लिए प्रभावी माना जाता है। वहीं, उसका सूतक भी प्रभावी माना जायेगा। ऐसे में शरद पूर्णिमा इस बार ग्रहण से प्रभावित है। पंडितों का कहना है कि जो लोग शरद पूर्णिमा पूजन करते हैं, उन्हें चंद्रमा के लिये रखे जाने वाली खीर मध्यम रात्रि के बाद ही रखनी चाहिये। किसी भी भोजन पात्र में तुलसी पत्ता रख दिया जाये तो ऐसे में खीर दोष प्रभावी नहीं होगा। ग्रहण का जो प्रमुख प्रभाव है, वो ग्रहण काल में ही माना जाता है। ऐसे में ग्रहण के काल को छोड़कर खीर रखी जा सकती है। ग्रहण से पूर्व तुलसी पत्र या कुशा रखकर खीर रखी जा सकती है। रात को 8 बजे के आसपास उसको खुले आसमान के नीचे रख दें और फिर ग्रहण लगने से पहले ही हटा लिया जाये।
इस साल का अंतिम चंद्रग्रहण 28-29 अक्तूबर की रात को लगेगा। इसी दिन शरद पूर्णिमा है। ग्रहण काल 28 और 29 अक्तूबर की रात एक बजकर पांच मिनट से शुरू होगा, वहीं मध्य काल 1 बजकर 44 मिनट होगा। ग्रहण रात को 2 बजकर 23 मिनट पर खत्म हो जायेगा। इसका सूतक काल नौ घंटे पहले से प्रभावी माना जायेगा।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, ज्योतिषों का मानना है कि जब चंद्र ग्रहण होता है तो उसका प्रभाव सदैव जनमानस पर पड़ता है। वृद्ध, बच्चे और बीमार लोगों को छोड़कर ग्रहण सभी के लिए प्रभावी माना जाता है। वहीं, उसका सूतक भी प्रभावी माना जायेगा। ऐसे में शरद पूर्णिमा इस बार ग्रहण से प्रभावित है। पंडितों का कहना है कि जो लोग शरद पूर्णिमा पूजन करते हैं, उन्हें चंद्रमा के लिये रखे जाने वाली खीर मध्यम रात्रि के बाद ही रखनी चाहिये। किसी भी भोजन पात्र में तुलसी पत्ता रख दिया जाये तो ऐसे में खीर दोष प्रभावी नहीं होगा। ग्रहण का जो प्रमुख प्रभाव है, वो ग्रहण काल में ही माना जाता है। ऐसे में ग्रहण के काल को छोड़कर खीर रखी जा सकती है। ग्रहण से पूर्व तुलसी पत्र या कुशा रखकर खीर रखी जा सकती है। रात को 8 बजे के आसपास उसको खुले आसमान के नीचे रख दें और फिर ग्रहण लगने से पहले ही हटा लिया जाये।
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