प्रयागराज :रिपोर्ट अर्जुन लाल कोटार्य:जसरा रामलीला मंच पर भावपूर्ण राम केवट के संवाद को देखकर के दर्शक हुए भाव विभोर राम और केवट के संवाद ने देर रात तक दर्शकों को बांधे रखा ।
जसरा बाजार के पुरानी बाजार रामलीला मंच पर राम और केवट के संवाद को देखकर के दर्शकों के आंखें नम हुई तथा देर रात तक चला भावपूर्ण कलात्मक अभिनय ने लोगों को काफी देर तक बांधे रखा । चक्रवर्ती राजा दशरथ के आज्ञा से राम ,लक्ष्मण और सीता 14 वर्ष के लिए जब वनवास को चले तो गंगा के तट पर उन्होंने केवट से उस पार उतारने को कहा । किंतु केवट ने प्रभु राम के सामने उस पर उतरने के लिए शर्त रख दिया । केवट ने भक्ति भाव में डूबते हुए बताया कि प्रभु राम हम आपकी महिमा जानते हैं जब आपकी चरण धुली छू करके कठोर शीला नारी का रूप धारण कर सकती है तो हमारी यह काठ की नाव की क्या बिसात । अगर यह नाव भी नारी के रूप में बदल गई तो हमारे परिवार का जीवकोपार्जन का एकमात्र साधन भी खत्म हो जाएगा । इसलिए आपको बिना पांव धोए हम अपने नाव पर नहीं बैठा सकते । प्रभु राम ने केवट के भक्ति पूर्ण आग्रह के आगे विवश होते हुए पांव धोने की अनुमति दे दिया । इसके बाद केवट ने प्रभु राम के पद धोने के बाद जहां खुद चरणामृत का पान किया वहीं पर अपने पूरे परिवार को भी चरणामृत दिया । दुनिया के भवसागर से पार करने वाले प्रभु राम को अपने नाव पर बिठाकर के केवट गंगा पार करने के लिए चला ।
केवट ने नव से उतरने के बाद जब प्रभु को दंडवत किया प्रभु राम ने संकोच से इधर-उधर देखा पति की इच्छा को भाप करके सीता जी ने अपने हाथ से अंगूठी उतार करके केवट को मजदूरी देना चाह केवट ने कहा कि आज मुझे क्या नहीं मिला मेरी दरिद्रता आज समाप्त हो गई । आप इसके बाद मुझे कुछ भी देंगे मैं प्रसाद सर पर चढ़ा कर लूंगा ।
अब कछु नाथ न चाहीअ मोरे, दीन दयाल अनुग्रह तोरे,फिरती बार मोहि जो देवा सोप्रसाद में सिर धरी लेबा ।।
केवट के भूमिका में जसरा ब्लाक के पूर्व ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि घनश्याम कोटार्य का भावपूर्ण कला ने लोगों को भाव विभोर कर दिया । मध्य रात्रि के बाद भी दर्शकों का जमावड़ा पंडाल पर बना रहा तथा भक्ति के माहौल में डूबे लोगों की आंखें भी नम रही ।
डीआरएस न्यूज नेटवर्क
केवट ने नव से उतरने के बाद जब प्रभु को दंडवत किया प्रभु राम ने संकोच से इधर-उधर देखा पति की इच्छा को भाप करके सीता जी ने अपने हाथ से अंगूठी उतार करके केवट को मजदूरी देना चाह केवट ने कहा कि आज मुझे क्या नहीं मिला मेरी दरिद्रता आज समाप्त हो गई । आप इसके बाद मुझे कुछ भी देंगे मैं प्रसाद सर पर चढ़ा कर लूंगा ।
अब कछु नाथ न चाहीअ मोरे, दीन दयाल अनुग्रह तोरे,फिरती बार मोहि जो देवा सोप्रसाद में सिर धरी लेबा ।।
केवट के भूमिका में जसरा ब्लाक के पूर्व ब्लाक प्रमुख प्रतिनिधि घनश्याम कोटार्य का भावपूर्ण कला ने लोगों को भाव विभोर कर दिया । मध्य रात्रि के बाद भी दर्शकों का जमावड़ा पंडाल पर बना रहा तथा भक्ति के माहौल में डूबे लोगों की आंखें भी नम रही ।
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