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गर्भवती महिलाओं को जाना पड़ जाए अस्पताल तो रास्ते में ही दम तोड़ देगा मरीज

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ग्रामीणों को उनके गंतव्य को लेकर जाने में रुचि नहीं ले रहे वाहन चालक
  सीतापुर।रिपोर्ट राकेश पाण्डेय:टूटी सड़क होने के कारण  ग्रामीण क्षेत्रों के लोग मुसीबत में है और लोक निर्माण विभाग इन रोड से अनभिज्ञ है यहां मुख्यमंत्री के गड्ढा मुक्त अभियान को पीडब्ल्यूडी के अधिकारी पलीता लगा रहे हैं।जिला मुख्यालय से बारह किलोमीटर दूर विकास खण्ड पिसावां क्षेत्र के अन्तर्गत सीतापुर नैमिषारण्य के रामकोट से वजीर नगर रोड पर ग्राम पंचायत अर्सेनी से हरनी कीरतपुर गांव के पास से निकलकर बीहटगौड़ होकर पल्हरिया महोली तहसील को जोड़ने वाला सम्पर्क मार्ग पूरी तरह से है बदहाल हो गया है।
   मुख्यमंत्री के गड्ढा मुक्त अभियान में केवल खाना पूर्ति इस सड़क पर की गई थी और गड्ढे भरने में केवल खाना -पूर्ति करके पैसे निकाल लिए गए और कहीं कहीं गड्ढे भरकर शासन प्रशासन को गुमराह किया गया यदि इसकी निष्पक्ष जांच हो तो जिम्मेदारों पर कर्रवाई होना तय है।उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने जहां सभी सड़कों की हालत दुरुस्त करने की बात की थी वहीं मेधावी विद्यार्थियों के गांवों की सड़कों को चकाचक करने के निर्देश भी दिए थे।इसके विपरीत विकास खण्ड पिसावां क्षेत्र के सीतापुर नैमिषारण्य रोड पर रामकोट चौराहे से डालमियां चीनी मिल होकर अर्सेनी गाँव के पास हरनी कीरतपुर को जोड़ते हुए बिहटगौड़ सहित दर्जनों गाँवो को जोड़ने वाली सड़क काफी जर्जर हो गई है।यहां बरसात में सड़क पर जलभराव हो जाता है जिसके कारण दुर्घटनाओं की आशंका भी बनी रहती है तो वहीं दूसरी ओर बाकी दिनों में भी सड़क पर चलना बहुत मुश्किल है।मुख्य सड़क से होकर स्कूल कॉलेज व अस्पताल के लिए भी यही रास्ता है।ऐसे में जहां विद्यार्थियों को निकलने में दिक्कत होती है वहीं कई बार गहरे गड्ढों में फंसने से वाहन भी पलट जाते हैं।रामकोट मुख्य सड़क से अर्सेनी गाँव का संपर्क मार्ग कई गाँवों से होता हुआ बीहटगौड़ गाँव में निकलकर हाईवे से जुड़ता है।
   इस मार्ग पर कई गांवों के लोगों का पूरे दिन आवागमन रहता है।इसी मार्ग पर प्राथमिक स्कूल,डिग्री कॉलेज के अलावा प्राइमरी स्कूल व निजी विद्यालय भी हैं।यहां से प्रतिदिन सैकड़ों छात्र छात्राएं पढ़ने जाते हैं।यहां से जाने वाली यह टूटी सड़क काफी समय से खराब है।ऐसे में सर्वाधिक मुसीबत विद्यार्थियों, मरीजों,गर्भवती महिलाओं,किसानों को झेलनी पड़ती है।इसके साथ ही बीमारों को भी असमय अस्पताल जाने में समस्या हो जाती है।अक्सर विद्यार्थी व बीमार लोग यहां गिर जाते हैं तो कई बार स्कूल वाहन हिचकोले खाकर पलट जाते हैं।गनीमत यह है कि अब तक कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ है।टूटी हुई सड़क पर भारी धूल उठती है जिससे साँस लेने की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।दर्जनों गाँव को जोड़ने वाली यह सड़क काफी समय से टूटी हुई है लेकिन इस पर न तो लोक निर्माण विभाग के कोई अधिकारी ध्यान दे रहे है और न ही कोई राजनीतिक दल के नेता इस पर ध्यान दे रहे हैं जिसका खामियाजा क्षेत्र के भोले भाले ग्रामीणों को झेलना पड़ रहा है।
   इस सम्बन्ध में एक ट्वीट पर अधिशाषी अभियन्ता लोक निर्माण विभाग 4 ने दिए गए जवाब में कहा है कि उपरोक्त सड़क बीहटगौर होकर पल्हरिया तक जाती जिसकी लंबाई 14.41 किमी है इस मार्ग पर यातायात अधिक है वर्ष 22-23 में इसका प्राक्कलन भेजा गया था बजट न मिलने के कारण पुनः 23-24 की कार्ययोजना में शामिल किया गया है सरकार से बजट मिलने पर उपरोक्त सड़क का निर्माण कराया जाएगा।
दैनिक राष्ट्रसाक्षी

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