आजमगढ़ मार्टीनगंज तहसील क्षेत्र के बखरा गांव निवासी किसान जमाल अहमद खान बताते हैं कि केला की खेती मुद्रा दायिनी है मेरे पास मात्र तीन बीघा खेती योग्य जमीन है मैने लीज पर खेती करने के लिए गांव के किसानों से 35बीघा जमीन खेती के लिए लिया है जिसमें 23बीघा धान की खेती तथा 11बीघा गन्ना की की है और बाकी बची हुई जमीन जो लगभग चार बीघा है उसमें से डेढ़ बीघा जमीन में जुलाई 2022में प्रथम सप्ताह में बाराबंकी जिले से केले की उन्नतिशील प्रजाति जी 9 पौध लाकर छ - छ फुट की दूरी पर रोपाई किया तथा समय-समय पर उर्वरक सिचाई तथा कीटनाशक एवम फफूदी नाशक का छिड़काव कराया फूल फल आया और अगस्त के महीने में उसमें लगी हुई घार (फल)को ब्यवसाई को डेढ़ बीघा केला की फसल को डेढ़ लाख में बेच दिया जिसमें लगभग साठ हजार रूपये का मुनाफा कमाया और अब उसी खेत में दोबारा जो पौधे शेष है उससे भी हमें अच्छी आमदनी होगी इसी को देखते हुए हमने सवा दो बीघा बलुवर दोमट जमीन में अच्छे ढंग से जुताई कर और आठ ट्राली गोबर की खाद तथा दो बोरी एनपीके रासायनिक खाद डालकर केले के पोधों की रोपाई अगस्त के अंतिम सप्ताह में कर दी है निकाई गुड़ाई चल रही है तथा केले की खेती को नीलगाय तथा बेसहारा पशुओं से बचाव के लिए खेत के चारो तरफ कटीले तार से घेराबंदी की है । उम्मीद है कि अब हमें अच्छी उपज मिलेगी और ज्यादा लाभ होगा भविष्य में हम बड़े पैमाने पर केले की खेती करेंगे क्योंकि गन्ना की खेती करने पर गन्ना मिल में देने में तमाम परेशानियों का सामना करना पड़ता है ।इनके द्वारा की गई खेती को मार्ग से गुजरने वाले राहगीर बहुत ही ध्यान से देखते हैं और अक्सर घर पर क्षेत्र के लोग खेती करने का तरीका सीखने आते हैं ।
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