आजमगढ़ :रिपोर्ट नीरज पंडित:मोहम्मदपुर क्षेत्र के पूर्व माध्यमिक विद्यालय छाऊ शिक्षा क्षेत्र मोहम्मदपुर जनपद आजमगढ़ (UDISE -09611803202) जहां की स्थिति में यही कहा जा सकता है कि। जिस देश में शिक्षा को प्रथम दर्जा दिया जाता है। जहां पर बच्चों के भविष्य को लेकर गहरा मंथन किया जाता है। जहां पर शिक्षा के लिए एक विभाग तमाम अधिकारीगढ़ नियुक्त किए जाते हैं। वहां पर क्या शिक्षा जगत की नीव इतनी कमजोर हो गई की इन गरीब बच्चों के लिए विद्यालय नसीब नहीं। आखिर क्या मजबूरी है प्रशासन की की इन मासूम बच्चों को जर्जर भवन में बैठ कर शिक्षा दिया जा रहा है। साथ ही इसी भवन में यहां के अध्यापकगढ़ भी विवश हैं। आखिर इतनी योजनाओं के बाद भी इस स्कूल का कायाकल्प क्यों नहीं हो पा रहा? अगर इस विद्यालय में किसी बच्चों या शिक्षक के साथ दुर्घटना घटित होता है तो उसका जिम्मेदार कौन है? डीआरएस न्यूज़ 24 नेटवर्क की टीम ने इस विद्यालय के प्रत्येक कक्ष में जाकर यहां की जर्जर स्थिति और गिरे हुए मलवे को अपने कैमरे में कैद किया और अध्यापक से सवाल किया जिसमें विद्यालय के अध्यापकगढ़ ने बताया कि लगभग पांच वर्षों में बीस से ज्यादा बार उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दिया जा चुका है।परंतु अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं हुआ। सभी बच्चों को एक कक्षा में बैठना पड़ता है। मगर इस कक्ष की स्थिति भी खराब है। बाकी कक्षों की ऐसी दशा है कि आए दिन छत से ईंट के टुकड़े मलवे गिरते रहते हैं। जिसका शिकार प्रधानाध्यापक होने से बाल बाल बचे।इस तरह की अप्रिय घटना ना हो जिसके कारण ग्राम पंचायत अधिकारी, मुख्य विकास अधिकारी, खंड शिक्षा अधिकारी, बेसिक शिक्षा अधिकारी, इत्यादि प्रशासनिक अधिकारियों को लिखित सूचना दिया गया जिसमें विद्यालय के निर्माण एवं ध्वस्तीकरण करने का प्रार्थना किया गया। प्रधानाध्यापक ने बताया कि गांव के एक-एक घर-घर जाकर समझा बूझकर शिक्षा के प्रति जागरूकता लाकर प्रेरित कर के बच्चों को विद्यालय लाया गया। जिससे बच्चों का भविष्य संवारा जा सके। जहां इस विद्यालय में कुछ नहीं था वहीं आज की तारीख में 40 से 45 बच्चों का नामांकन हुआ बच्चों की सुरक्षा मेरी पहली प्राथमिकता है। जिसके कारण मैं हर अधिकारी से विद्यालय की हालत के बारे में बताया किंतु अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुआ।
डीआरएस न्यूज़ नेटवर्क
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