सीतापुर :रिपोर्ट राकेश पाण्डेय:तहसील व विकासखंड महमूदाबाद की एक ग्राम पंचायत में बने पंचायत भवन का ताला नहीं खुल रहा है ग्राम पंचायत की गौ आश्रय स्थल में भी गंदगी का अम्बार लगा हुआ है गंदगी के कारण गोवंश बीमार होकर तड़प रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार ने प्रत्येक गांव में ग्राम पंचायतों का निर्माण इस आशय से कराया गया था कि पंचायत भवन में सरकारी करिंदा बैठकर जन समस्याओं का समुचित निराकरण कराएगा।
जानकारी के अनुसार जिले की तहसील एवं विकासखंड महमूदाबाद की ग्राम पंचायत हरैया में बने पंचायत भवन का ताला ही नहीं खोला जा रहा है जिससे शासन की मंशानुसार आम जन की समस्याओं का समाधान नहीं हो पा रहा है ग्रामीण अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए तहसील मुख्यालय से लगाकर जिला मुख्यालय तक की दौड़ लगाने के लिए विवश हो रहे हैं।
इसके अलावा ग्राम पंचायत हरैया के बाहर बने गौ आश्रय स्थल में गंदगी का अंबार लगा हुआ है देखने में ऐसा लगता है कि महीनों से गौशाला की साफ सफाई नहीं की गई है।
गौ आश्रय स्थल में गंदगी की वजह से गौ वंश बीमार पड़े हुये नजर आ रहे हैं। इस सम्बन्ध में जब मीडिया कर्मियों ने गौशाला का निरीक्षण करने की बात कही तो गौ आश्रय स्थल में तैनात कर्मचारी के द्वारा गेट नहीं खोला गया। इस बात को लेकर जब प्रधान से फोन पर जानकारी की गई तब उनके द्वारा हीला हवाली करते हुये महमूदाबाद में कुछ आवश्यक कार्य के लिये जाने के बावत बताया गया। वही पर गौ आश्रय स्थल में एक गौवंश खुले मैदान में तड़पता हुआ नजर आया।उसकी हालात देखकर ऐसा लग रहा था कि इस गौ आश्रय स्थल में गौवंशो की देख रेख सही ढंग से नहीं की जा रही है।
कुछ ग्रामीणों के द्वारा दबी जुबान से बताया गया कि हरैया ग्राम पंचायत का पंचायत भवन हमेशा बंद ही रहता है सरकार के लाखो रुपये खर्च करने के बाद भी कभी पंचायत भवन का ताला तक नहीं खुला है और ना तो पंचायत सहायक कभी आते हैं और ना ही रोजगार सेवक कभी भी इसमे दस्तक देते हैं। यदि बात की जाय ग्राम पंचायत अधिकारी की तो वह केवल ब्लॉक कार्यालय में ही रहते हैं महीने या दो महीने में एक बार पंचायत भवन और गौस्थल का निरीक्षण करने आते हैं।
ग्रामीणों को छोटे-मोटे कार्य करने में भी काफी समस्या होती है और ब्लॉक मुख्यालय ग्राम पंचायत से पच्चिस किलोमीटर की दूरी पर है ग्रामीणों को ब्लॉक मुख्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं।इस प्रकरण पर जब ब्लॉक मुख्यालय के जिम्मेदारों से बात करने की कोशिश की गई तो उनका फोन नेट -वर्क क्षेत्र से बाहर बता रहा था जिस कारण उनसे सम्पर्क नहीं हो सका।
इसके अलावा ग्राम पंचायत हरैया के बाहर बने गौ आश्रय स्थल में गंदगी का अंबार लगा हुआ है देखने में ऐसा लगता है कि महीनों से गौशाला की साफ सफाई नहीं की गई है।
गौ आश्रय स्थल में गंदगी की वजह से गौ वंश बीमार पड़े हुये नजर आ रहे हैं। इस सम्बन्ध में जब मीडिया कर्मियों ने गौशाला का निरीक्षण करने की बात कही तो गौ आश्रय स्थल में तैनात कर्मचारी के द्वारा गेट नहीं खोला गया। इस बात को लेकर जब प्रधान से फोन पर जानकारी की गई तब उनके द्वारा हीला हवाली करते हुये महमूदाबाद में कुछ आवश्यक कार्य के लिये जाने के बावत बताया गया। वही पर गौ आश्रय स्थल में एक गौवंश खुले मैदान में तड़पता हुआ नजर आया।उसकी हालात देखकर ऐसा लग रहा था कि इस गौ आश्रय स्थल में गौवंशो की देख रेख सही ढंग से नहीं की जा रही है।
कुछ ग्रामीणों के द्वारा दबी जुबान से बताया गया कि हरैया ग्राम पंचायत का पंचायत भवन हमेशा बंद ही रहता है सरकार के लाखो रुपये खर्च करने के बाद भी कभी पंचायत भवन का ताला तक नहीं खुला है और ना तो पंचायत सहायक कभी आते हैं और ना ही रोजगार सेवक कभी भी इसमे दस्तक देते हैं। यदि बात की जाय ग्राम पंचायत अधिकारी की तो वह केवल ब्लॉक कार्यालय में ही रहते हैं महीने या दो महीने में एक बार पंचायत भवन और गौस्थल का निरीक्षण करने आते हैं।
ग्रामीणों को छोटे-मोटे कार्य करने में भी काफी समस्या होती है और ब्लॉक मुख्यालय ग्राम पंचायत से पच्चिस किलोमीटर की दूरी पर है ग्रामीणों को ब्लॉक मुख्यालय के चक्कर लगाने पड़ते हैं।इस प्रकरण पर जब ब्लॉक मुख्यालय के जिम्मेदारों से बात करने की कोशिश की गई तो उनका फोन नेट -वर्क क्षेत्र से बाहर बता रहा था जिस कारण उनसे सम्पर्क नहीं हो सका।
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