ह्यूमपाइप के नाम पर निकाली धनराशि फिर भी ग्रामीण बल्ली पटरे के सहारे निकलने पर मजबूर - DRS NEWS24 LIVE

Breaking

Post Top Ad

ह्यूमपाइप के नाम पर निकाली धनराशि फिर भी ग्रामीण बल्ली पटरे के सहारे निकलने पर मजबूर

#DRS NEWS 24Live
   सीतापुर। रिपोर्ट राकेश पाण्डेय:सरकार चाहे जितनी कोशिश कर भृष्टाचार मुक्त अभियान चला ले, लेकिन जब तक स्थानीय स्तर  पर खाऊ कमाऊ नीति चलती रहेगी तब तक भृष्टाचार पर अंकुश लग पाना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन है।
    हम बात करते हैं जनपद के विकास खण्ड पहला की ग्राम पंचायत चुनका की जहां ग्राम प्रधान व सचिव सरकारी धनराशि को डकारने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं।
    सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चुनका ग्राम पंचायत में विकास कार्यों के नाम पर बहुत बड़ा खेल किया जा रहा है। सरकार के द्वारा इस ग्राम पंचायत में विकास कार्य करवाने के लिए लाखों रुपए दिए जा रहे हैं। लेकिन यहां के प्रधान और सचिव मिल कर सरकारी धनराशि को बड़ी आराम से डकार रहे हैं।  सूत्रों की मानें तो इस ग्राम पंचायत में  नल रिबोर के नाम पर 1 नवंबर 2023 को धनराशि निकाली गई। लेकिन जमीनी स्तर पर चुनका ग्राम पंचायत में लगभग तीन वर्ष से अधिक समय से खराब पड़े नल को न तो  रिबोर कराया गया और ना ही किसी प्रकार की मरम्मत कराई गई।नल आज भी जस का तस खराब पड़ा है। जबकि नल रिबोर के नाम पर पैसा निकल गया। नल रिबोर के नाम पर पैसा निकलन जाना प्रधान और सचिव के कार्य शैली पर सवाल खड़े करता है।
   बात यही पर खत्म नहीं हुई गांव के लोग नालियों पर लकड़ी के पटरी बल्ली डाल कर निकलते हैं। जबकि इसी वर्ष के इसी माह में ह्यूमपाइप के लिए लगभग नब्बे हजार से अधिक धनराशि निकाली गई। नब्बे हजार से अधिक धनराशि निकालने के बाद भी ग्रामीणों को ह्यूमपाइप ना मिलना प्रधान और सचिव पर अनेकों तरह के सवाल खड़े करता है। ग्राम पंचायत में अगर ह्यूमपाइप आये होते तो क्या ग्रामीणों को नालियों के ऊपर बल्ली पटरे डाल कर निकलना पड़ता। बताते हैं कि उत्तर प्रदेश की सरकार जीरो टारलेंस की नीति पर कार्य कर रही है लेकिन इस ग्राम पंचायत के प्रधान, सचिव मिल कर सरकार की नीतियों की धज्जियां उडा कर सरकारी धनराशि से विकास कार्य ना करवा कर अपनी अपनी तिजोरी भरने में मशगूल हो रहे हैं। इसके बावजूद जिम्मेदारों की चुप्पी भ्रष्टाचारियों को मौन संरक्षण देने की ओर इशारा कर रही है।
दैनिक राष्ट्रसाक्षी

No comments:

Post a Comment