जौनपुर,मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय सभागार में सोमवार को सीएमओ डॉ लक्ष्मी सिंह लक्ष्मी सिंह के मार्गदर्शन में कुष्ठ रोग उन्मूलन कार्यक्रम की समीक्षा बैठक हुई। इसमें 'समाज में कुष्ठ रोग के बारे में फैली भ्रांतियों को खत्म करने, जितना जल्दी हो सके कुष्ठ रोगियों की खोज कर लेने और उनका शीघ्र इलाज शुरू कर उन्हें विकलांगता से बचाने के बारे में विचार-विमर्श हुआ। कुष्ठ रोगियों के इलाज तथा विकलांगता से बचाव के बारे में उन्हें जानकारी दी गई।
जिला कुष्ठ अधिकारी एसीएमओ डॉ प्रभात कुमार ने कहा कि शरीर के किसी हिस्से में दाग एवं सून्नपन संभावित कुष्ठ रोग का लक्षण हो सकता है। यह दाग आम त्वचा से अलग होता है। इसे आसानी से पहचाना जा सकता है। हाथ मे झुनझुनाहट, हाथ-पैर की अंगुलियों में टेढ़ापन, चेहरे या कान पर नोड्यूल (उभरे हुए दाग) का उभरना, हाथ-पैर में ठड़ा -गर्म का एहसास न होना, भौंहों का झड़ना संदिग्ध कुष्ठ रोग के लक्षण हैं।
उपजिला कुष्ठ अधिकारी डॉ यूबी चौहान ने कहा कि कुष्ठ रोगियों के लिए जनपद के स्वास्थ्य केंद्रों पर कुष्ठ रोग की दवा (एमडीटी) उपलब्ध है। डॉक्टर की सलाह के अनुसार नियत समय तक लगातार सेवन कर कुष्ठ रोग से मुक्ति पाई जा सकती है। इस समय जनपद में 120 कुष्ठ रोगी उपचार पर चल रहे हैं। उपचार लेने से कुष्ठ रोग की स्थिति के हिसाब से छह से 12 महीने में वह पूर्णतया ठीक हो जाते हैं। सभी अधीक्षकों को निर्देशित किया गया कि वह आशा कार्यकर्ताओं को कुष्ठ रोग के बारे में जानकारी दें। आशा कार्यकर्ता अपने-अपने कार्य क्षेत्र में संदिग्ध कुष्ठ रोगी की खोज कर उन्हें स्वास्थ्य केंद्र भेजें ताकि समय से उनका इलाज शुरू हो सके और उन्हें विकलांगता से बचा जा सके।
बैठक जनपद के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सीएचसी) के प्रभारी चिकित्साधिकारी (एमओआईसी), जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) सत्यव्रत त्रिपाठी, कुष्ठ रोग विभाग के कर्मचारी, डीपीएमयू के सभी अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे
जिला कुष्ठ अधिकारी एसीएमओ डॉ प्रभात कुमार ने कहा कि शरीर के किसी हिस्से में दाग एवं सून्नपन संभावित कुष्ठ रोग का लक्षण हो सकता है। यह दाग आम त्वचा से अलग होता है। इसे आसानी से पहचाना जा सकता है। हाथ मे झुनझुनाहट, हाथ-पैर की अंगुलियों में टेढ़ापन, चेहरे या कान पर नोड्यूल (उभरे हुए दाग) का उभरना, हाथ-पैर में ठड़ा -गर्म का एहसास न होना, भौंहों का झड़ना संदिग्ध कुष्ठ रोग के लक्षण हैं।
उपजिला कुष्ठ अधिकारी डॉ यूबी चौहान ने कहा कि कुष्ठ रोगियों के लिए जनपद के स्वास्थ्य केंद्रों पर कुष्ठ रोग की दवा (एमडीटी) उपलब्ध है। डॉक्टर की सलाह के अनुसार नियत समय तक लगातार सेवन कर कुष्ठ रोग से मुक्ति पाई जा सकती है। इस समय जनपद में 120 कुष्ठ रोगी उपचार पर चल रहे हैं। उपचार लेने से कुष्ठ रोग की स्थिति के हिसाब से छह से 12 महीने में वह पूर्णतया ठीक हो जाते हैं। सभी अधीक्षकों को निर्देशित किया गया कि वह आशा कार्यकर्ताओं को कुष्ठ रोग के बारे में जानकारी दें। आशा कार्यकर्ता अपने-अपने कार्य क्षेत्र में संदिग्ध कुष्ठ रोगी की खोज कर उन्हें स्वास्थ्य केंद्र भेजें ताकि समय से उनका इलाज शुरू हो सके और उन्हें विकलांगता से बचा जा सके।
बैठक जनपद के सभी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों (सीएचसी) के प्रभारी चिकित्साधिकारी (एमओआईसी), जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) सत्यव्रत त्रिपाठी, कुष्ठ रोग विभाग के कर्मचारी, डीपीएमयू के सभी अधिकारी/कर्मचारी उपस्थित रहे
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