हमीरपुर:रिपोर्ट फ़रीद ख़ान:कलेक्ट्रेट में प्रधामंत्री आवास की मांग को लेकर आज से दर्जनों महिलाएं धरने पर बैठ गईं हैं। महिलाओं का कहना है कि उनके गांव में भूमिहीन लोगों को प्रधानमंत्री आवास नहीं दिया गया, जबकि जिन लोगों के पास पहले से ही जमीन और और पक्के मकान हैं उन्हें रिश्वत लेकर पक्के मकान दिए गए हैं।प्रधानमंत्री आवास की मांग को लेकर हम पहले भी धरने पर बैठ चुके हैं, लेकिन जांच का आश्वासन देकर हमारा धरना खत्म करा दिया गया था, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ इसलिए हमें दोबारा धरने पर बैठना पड़ रहा है।हमीरपुर कलेक्ट्रेट के गोल चबूतरे पर धरने पर बैठने वाली यह महिलाएं कुरारा ब्लॉक क्षेत्र में भटपुरा डांडा और जमरेहीतीर गांव की रहने वाली हैं। महिलाओं के अनुसार यह सभी लोग भूमिहीन हैं और झोपड़पट्टी बना कर गुजरबसर करती हैं। ऐसे में किसी भी दैवीय आपदा की वह कभी भी शिकार हो सकती हैं, जबकि बरसात का मौसम भी शुरू होने वाला है। इन साड़ी समस्याओं को देखते हुए उन्होंने प्रधान सचिव से लेकर ब्लॉक स्तर तक कई बार गुहार लगाई लेकिन सुनवाई नहीं हुई।इसके बाद मजबूर होकर उन्हें 14 अप्रैल को कलेक्ट्रेट में धरने पर बैठना पड़ा था। तब हमें जांच का आश्वासन देकर धरना खत्म करा दिया गया, लेकिन जांच के नाम पर उल्टा हमें ही धमकाया जा रहा है इसलिए हमें दोबारा धरने पर बैठना पड़ा है। धरने पर बैठी महिलाओं उपासना, विमला, रामदेवी और यशोदा सहित सभी महिलाओं का कहना है की बिना रिश्वत लिए प्रधान और सचिव उन्हें प्रधानमंत्री आवास नहीं दे रहा है।गांव के उन लोगों को पीएम आवास दिया गया है जिनके पास पहले से ही ज़मीन और पक्के मकान मौजूद हैं। धरने पर बैठे लोगों ने बताया की गांव में मनरेगा के तहत होने वाले कामों में भी लम्बा भ्रष्टाचार हो रहा है। पीएम आवास की जांच करने पहुंची टीम के सामने हमें मारा-पीटा गया और शिकायत वापस लेने का दबाव बनाया गया। धरने पर बैठे लोगों का कहना है कि जब तक आवास का पैसा हमारे खातों में नहीं डाला जाएगा तब तक हम कलेक्ट्रेट से बाहर नहीं जाएंगे।
डीआरएस न्यूज़ नेटवर्क
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